करना होता है यकीन - श्रद्धा कपूर
-अजय ब्रह्मात्मज
‘एबीसीडी 2’ डांस और टैलेंट पर आधारित ‘एबीसीडी’ की सीक्वल है। फिल्म का
संदेश है ‘एनी बॉडी कैन डांस’ ... पहली फिल्म की सफलता के बाद थोड़ पॉपुलर स्टारों का
लेकर इस फिल्म का विस्तार किया गया है। इसमें वरूण धवन और श्रद्धा कपूर लीड
भूमिकाओं में हैं। फिल्म के लिए उन्हें डांस की स्पंशन ट्रेनिंग भी लेनी पड़ी।
पिछले दिनों इस फिल्म के एक गाने ‘ ओ साथिया,ओ माहिया,बरसा दे
इश्क की स्याहियां’ गानें के फिल्मांकन पर
श्रद्धा ने बातें कीं। फिल्म का यह खास गाना श्रद्धा कपूर के किरदार की भावनाओं
का जाहिर करता है।
- ’ओ साथिया,ओ माहिया’ गाने के बारे में क्या
कहना चाहेंगी ?
0 मुझे यह गाना बहुत पसंद है।
सचिन जिगर ने इस गाने में मलोडी दी है। फिल्म में यह एक रोमांटिक ट्रैक है। इस
गाने में मेरे साथ वरूण धवन भी हैं। मैं अपनी भावनाएं इस गाने में जाहिर करती हूं।
फिल्म में अच्छी तरह समझ में आएगाा कि फिल्म में यह गाना क्यों रखा गया है ?
- इस गाने में आप का डांस
रेगुलर फिल्मी डांस से अलग हैं ?
0 जी, मुझे लिरिकल हिप हॉप के
लिए कहा गया था। आप गौर करेंगे कि प्रचलन के मताबिक फिल्म में छोटे टे नहीं हैं।
लंबे टेक हैं। िकट और क्लोज अप नहीं हैं। वाइड शॉट भी लिए गए हैं। पूरी फिल्म
में यही टेकनीक रखी गई है। यह एडिट पैटर्न फिल्म के प्रभाव को बढ़ाएगा,क्योंकि
आप डांस का रिद्म देख सकेंगे।
-क्या इमोशनल और ड्रामैटिक सीन भी
ऐसे ही लंबे शॉट के हैं ?
0 कोशिश की गई है। हिंदी फिल्मों
में ऐसा एडिट पैटर्न नहीं देखा होगा। आम दर्शक इंपैक्ट महसूस करेगा।
-मुझे एक अनुभवी डायरेक्टर ने कहा
था कि इन दिनों की अभिनेत्रियां पर्दे पर इमोशन होल्ड नहीं कर पाती हैं,इसलिए
छोटे शॉट और कट रखने पड़ते हैं। अगर ‘एबीसीडी 2’ में लंबे कट हैं तो इसका मतलब आप इमोशन होल्ड कर सकते हो।
0 कोशिश तो की है। फिल्म देखने के
बाद आप बताएं कि मैंने इमाशन ठीक से होल्ड किया है कि नहीं ? आप की बात सही है कि आज कल हम जल्दी थक जाते हैं या सीन ही
ऐसे लिखे जा रहे हैं कि फट से इधर,झट से उधर। निश्चित ही फिल्ममेकिंग का पहले
जैसा पैशन अभी नहीं रहा। हमारा दिमाग एक साथ कई दिशाओं में दौड़ रहा होता है। अभी
की अभिनेत्रियों की जिंदगी बदल गई है। हम मॉडर्न हो गए हैं।
- यह गाना फिल्म में कब आता है ?
0 हमलोग रिहर्सल कर रहे हैं।
उस रिर्सल के दौरान एहसास जागते हैं और फिर यह गाना आता है। मुझे इस गाने की लीन
बॉडी बनानी पड़ी। रेमो सर चाहते थे कि मैं वैसी ही दिखूं।
-अच्छा यह बताएं कि गानों के बोल पर
डांस करते समय कितना ध्यान रहता है ?
क्या
बोलों के मतलब समझती हैं या यो ही होंठ हिला देती हैं ?
0 बगैर बोल समझें इमोशन कहां से
आएगा। ‘हैदर’ में गाना गाया था तो विशाल सर ने बोलों के महत्व के बारे
में बताया था। तब से मैं ध्यान देने लगी हूं। बोल समझ में आ जाएं तो परफारमेंस
में कनेक्शन दिखता है।
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