एनएच 10 : खास सिचुएशन में पावरफुल हुई औरत- नवदीप सिंह
-अजय ब्रह्मात्मज
‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’ के सात सालों के बाद नवदीप सिंह की फिल्म ‘एनएच 10’ आ रही है। इस फिल्म में अनुष्का शर्मा मेन लीड में हैं। दूसरी फिल्म में इतनी देरी की वजह पूछने पर नवदीप सिंह स्पष्ट शब्दों में कहते हैं, ‘बीच में मेरी दो फिल्मों की घोषणाएं हुईं। ‘बसरा’ और ‘रॉक पर शादी’। ‘रॉक पर शादी’ की तो शूटिंग शुरू भी हो गई थी। बीस दिनों की शूटिंग के बाद वह अटक गई। इनमें काफी समय निकल गया।’ दरअसल,नवदीप अलग सोच के निर्देशक हैं। उन्हें जिदी भी कहा जाता है। नवदीप इससे इंकार नहीं करते। वे जोड़ते हैं,‘मेरी जिद से ज्यादा निर्माताओं की अपनी दिक्कतें रहती हैं। उन्हें मेरी स्क्रिप्ट पसंद आती है,लेकिन वे यह कहना नहीं भूलते कि यह टिपिकल हिंदी फिल्म नहीं है। उन्हें डर रहता है कि नई किस्म की फिल्म है। चलेगी,नहीं चलेगी। यही समय अगर साउथ की फिल्म की रीमेक में लगाया जाए तो रिटर्न पक्का है। ज्यादातर निर्माता स्क्रिप्ट पढ़ कर फिल्म की कल्पना नहीं कर पाते। वे स्टार,सेटअप और नाम देखते हैं। वे किसी भी दूसरी भाषा की फिल्म देख कर आश्वस्त हो जाते हैं कि उसक कुछ प्रतिशत भी रीमेक हो गया तो फिल्म चल जाएगी। अफसोस कि बात है,लेकिन यह दीवालियापन है।’
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में निर्माताओं के ऐसे दबाव से डायरेक्टर और रायटर का विश्वास डोल जाता है। उनमें असुरक्षा की भावना घर कर जाती है। वे समझौतों के लिए तैयार हो जाते हैं। नवदीप सिंह ने कैसे अपना विश्वास बनाए रखा? बगैर किसी हिचक के वे कहते हैं,‘खुद पर आत्मविश्वास। अपनी स्क्रिप्ट और संभावित दर्शक पर भरोसा जरूरी है। लगन और धैर्य तो होना ही चाहिए। मैं चूंकि ऐड फिल्में भी करता हूं,इसलिए मुझ पर आजीविका का दबाव नहीं था। अगर सिर्फ फिल्मों पर निर्भर हैं तो थोड़ी दिक्कत हो सकती है। अच्छा रहता है यदि घर चलाने के लिए कुछ और कर लें।’
नवदीप सिंह के शब्दों में ‘एनएच 10’ एक पति-पत्नी की सिंपल सी स्टोरी है। वे छुट्टी मनाने एक जर्नी पर जाते हैं। वहां उनके साथ कुछ घट जाता है। दुर्घटना के बाद अनुष्का की कहानी चलती है। वे बताते हैं,‘इस फिल्म में एक औरत की ताकत का ग्राफ देखेंगे। वह कैसे असहाय स्थिति से निकलती है और पावरफुल पोजीशन तक पहुंचती है। उसमें यह परिवत्र्तन 24 घंटे अंदर होता है।’ ऐसी औरत की कहानी का खयाल कैसे आया? नवदीप आगे कहते हैं,‘यह किसी एक औरत की कहानी नहीं है। अखबारों में खबरें आती रहती हैं। दोस्तों ने कुछ किस्से बताए। प्रेरणाएं वहां से मिलीं। इन दिनों अपने देश में अनेक भारत एक साथ बसे हुए हैं। सभी की चिंताएं और समस्याएं अलग-अलग हैं। संस्कृति और भाषाओं की विविधता है। अनके बीच सोच और मूल्यों का टकराव चलता रहता है।’
नवदीप सिंह की फिल्म में वत्र्तमान समाज के विरोधाभासों का होना लाजिमी है। पूछने पर नवदीप स्वीकार करते हैं,‘वह तो स्वाभाविक है,लेकिन किसी प्रकार का लेक्चर नहीं है। अब वह दौर नहीं रह गया है। पृष्ठभूमि में सामाजिक विरोधाभास है। हम ने कोशिश की है कि हर दृष्टिकोण को सुसंगत और संतुलित तरीके से पेश करें। फिल्म में पति-पत्नी गुडगांव के हैं। वे एनएच 10 पर सफर कर रहे हैं। वे कहीं पहुंचते हैं तो उनके साथ कुछ घटता है। गांवों और कस्बों के शहरीकरण में कुछ उच्छृंखल तत्व भी उभरे हैं। वे इस खतरनाक ट्रांजीशन में खुद को सही जगह पर नहीं रख पाते। उपभोक्तावाद के इस दौर में मूल्यों पर आंच आ रही है। ‘एनएच 10’ में बहुत कुछ समेटने करी कोशिश है।’
कहते हैं नवदीप सिंह ने अनुष्का शर्मा को ‘एनएच 10’ की कहानी पढऩे के लिए भेजी थी। वे इस फिल्म में अनुष्का शर्मा को लीड रोल में लेना चाहते थे। अनुष्का को फिल्म की कहानी इतनी अच्छी लगी कि वह रोल करने के साथ निर्माण के लिए भी तैयार हो गईं। नवदीप उनकी तारीफ करते हैं,‘अभिनेत्री और निर्माता के रूप में उनके तैयार होने के बाद भी मैं डरा हुआ था कि वह बड़ी स्टार हैं। पता नहीं सीमित बजट की इस फिल्म में वह कैसे एडजस्ट कोंगी? उनमें गजब का पैशन है। पूरी मेहनत करती हैं। इस फिल्म के बाद मैं उनका फैन हो गया हूं।’
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