किंगमेकर बनते कास्टिंग डायरेक्टर
- स्मिता श्रीवास्तव --------------------------- डॉली अहलूवालिया, सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव, रणवीर सिंह, ताहिर भसीन, धृतिमान चटर्जी, फ्रीडा पिंटो, देव पटेल, बलजिंदन कौर, दुर्गेश कुमार में एक कॉमन चीज है। वह यह कि वे जिनकी खोज हैं, उन्हें कास्टिंग डायरेक्टर कहते हैं। साथ ही उपरोक्त अधिसंख्य नाम पॉपुलर और समर्थ कलाकार के तौर पर दर्ज हो रहे हैं। ‘काइ पो छे’ , ‘हाईवे’, ‘विकी डोनर’, ‘शाहिद’, ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ आदि फिल्मों की एक अहम धुरि कास्टिंग डायरेक्टर रहे हैं। इस तरह कि उक्त फिल्में सिर्फ कमाल की कहानियों के लिए ही विख्यात नहीं हुई, बल्कि अलहदा कलाकारों की मौजूदगी से फिल्म के रियलिच्म में चार चांद लग गए। रणवीर सिंह और ताहिर भसीन शानु शर्मा की खोज हैं तो सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव और हाईवे के दुर्गेश कुमार जैसे असाधारण कलाकार मुकेश छाबड़ा की। आंखोदेखी जैसी परफॉरमेंस केंद्रित फिल्मों में कमाल के कलाकारों की खोज भी कास्टिंग डायरेक्टरों ने की और नतीजतन वह फिल्म राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्म सर्किट से लेकर बॉक्स ऑफिस तक पर क्या कीर्तिमान रच रही है, वह सब को पता है। कास्टिंग डाय...