बांबे वेलवेट 15 मई 2015
अनुराग कश्यप की फिल्म बांबे वेलवेट 15 मई 2015 को रिलीज होगी। इस फिल्म के बारे में इन दिनों बहुत ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं। ज्यादातर कयास निगेटिव हैं। अनुराग समर्थक और विरोधी दोनों ही असमंजस में हैं। समर्थकों को लग रहा है कि अनुराग कश्यप लंबे संघर्ष के बाद परिधि से केंद्र की तरफ तेजी से बढ़ने में बदल गए हैं। उनकी सोहबत बदली है। वे पुराने साथियों के लिए पहले की तरह समय नहीं निकाल पाते। पुराने साथी उनकी इस प्रगति के साथ स्वयं को व्यवस्थित नहीं कर पा रहे हैं।
दूसरी तरफ पिरोधियों को उनकी प्रगति और ताकत नहीं सोहाती। वे अभी से भविष्यवाणियां कर रहे हैं कि अनुराग कश्यप की इस फिल्म से निर्माता को भारी नुकसान होगा। बगैर किसी आधार की उनकी इन भविष्यवाणियों से समर्थकों की शंकाएं बढ़ जाती हैं। नतीजा यह होता है कि बांबे वेलवेट के प्रदर्शन के बाक्स आफिस परिणामों की चिुता में व्यर्थ ही सभी घुलते जा रहे हैं।
इस फिल्म में रणवीर कपूख्,करण जौहर और अनुष्का शर्मा यूनिक किरदारों को निभा रहे हैं। इस पीरियड फिल्म में वे सातवें दशक के किरदारों में हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने इन किरदारों में अनूठे रंग भरे हैं।
फिल्म की लंबाई को लेकर अफवाहें थीं। कहा जा रहा था कि फिल्म 3-4 घंटे की हो गई है। निर्माता की हवाइयां उड़ रही हैंं। ताजा सूचना है कि थेल्मा शूनमेकर ने बांबे वेलवेट का फायनल कट किया है। अब यह फिल्म 2 घंटे 25 मिनट की है। संभव है कि अंतिम कट तक 2-3 मिनट और कम हो जाएं।
इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग श्रीलंका में हुई है। वहां के एक स्टूडियो में सातपें दशक की मुंबई बसाई गई थी। तब की कारें,बसें और ट्राम इत्यादि तैयार किए गए थे! उस समय कामाहौल तैयार करने में पूरी बारीकी बरती गई है।
मेरी चिंता महज इतनी है कि बांबे वेलवेट कितनी अच्छी बन पाई है ?
दूसरी तरफ पिरोधियों को उनकी प्रगति और ताकत नहीं सोहाती। वे अभी से भविष्यवाणियां कर रहे हैं कि अनुराग कश्यप की इस फिल्म से निर्माता को भारी नुकसान होगा। बगैर किसी आधार की उनकी इन भविष्यवाणियों से समर्थकों की शंकाएं बढ़ जाती हैं। नतीजा यह होता है कि बांबे वेलवेट के प्रदर्शन के बाक्स आफिस परिणामों की चिुता में व्यर्थ ही सभी घुलते जा रहे हैं।
इस फिल्म में रणवीर कपूख्,करण जौहर और अनुष्का शर्मा यूनिक किरदारों को निभा रहे हैं। इस पीरियड फिल्म में वे सातवें दशक के किरदारों में हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने इन किरदारों में अनूठे रंग भरे हैं।
फिल्म की लंबाई को लेकर अफवाहें थीं। कहा जा रहा था कि फिल्म 3-4 घंटे की हो गई है। निर्माता की हवाइयां उड़ रही हैंं। ताजा सूचना है कि थेल्मा शूनमेकर ने बांबे वेलवेट का फायनल कट किया है। अब यह फिल्म 2 घंटे 25 मिनट की है। संभव है कि अंतिम कट तक 2-3 मिनट और कम हो जाएं।
इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग श्रीलंका में हुई है। वहां के एक स्टूडियो में सातपें दशक की मुंबई बसाई गई थी। तब की कारें,बसें और ट्राम इत्यादि तैयार किए गए थे! उस समय कामाहौल तैयार करने में पूरी बारीकी बरती गई है।
मेरी चिंता महज इतनी है कि बांबे वेलवेट कितनी अच्छी बन पाई है ?
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