आज की प्रेमकहानी है ‘मिर्जिया’-राकेश ओमप्रकाश मेहरा


-अजय ब्रह्मात्मज
    राकेश ओमप्रकाश मेहरा इन दिनों जैसलमेर में हैं। जोधपुर और उदयपुर के बाद उन्होंने जैसलमेर को अपना ठिकाना बनाया है। वहां वे अपनी नई फिल्म ‘मिर्जिया’ की शूटिंग कर रहे हैं। यह फिल्म पंजाब के सुप्रसिद्ध प्रेमी युगल मिर्जा़-साहिबा के जीवन पर आधारित फिल्म है। राकेश ओमप्रकाश मेहरा इसे किसी पीरियड फिल्म की तरह नहीं रच रहे हैं। उन्होंने लव लिजेंड की इस कहानी को आधार बनाया है। वे आज की प्रेमकहानी बना रहे हैं। राकेश ओमप्रकाश मेहरा के लिए इसे गुलज़ार ने लिखा है। नाम भी ‘मिर्जिया’ रख दिया गया है। गुलज़ार साहब ने इसे म्यूजिकल टच दिया है। उन्होंने इस कहानी में अपने गीत भी पिरोए हैं,जिन्हें शंकर एहसान लॉय ने संगीत से सजाया है।
    कम लोगों को पता है कि राकेश ओमप्रकाश मेहरा ‘दिल्ली 6’ के बाद ही इसे बनाना चाहते थे,लेकिन तब ‘भाग मिल्खा भाग’ की कहानी मिली। उन्होंने पहले उसका निर्देशन किया। जोधपुर से जैसलमेर जाते समय हाईवे के सफर में राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने यह बातचीत की। उन्होंने बताया,‘अच्छा ही हुआ कि तीन सालों तक कहानी आहिस्ता-आहिस्ता पकती रही। गुलज़ार भाई इस पर काम करते रहे। यह पोएटिक तरीके से लिखी गई। मिर्जा़-साहिबा की कहानी मेरे जहन में रह गई थी। कॉलेज के दिनों में पढ़ी इस कहानी में कुछ खास बात थी। साहिबा ने मिर्जा़ के तीर तोड़ दिए थे। क्यों तोड़े? इसकी अलग-अलग व्याख्याएं है। गुलज़ार भाई ने अपने तरीके उसे लिखा है। मिर्जा़ का सूफियाना अंदाज था। बचपन से ही दोनों का रुहानी रिश्ता था,जो बड़े होने पर प्यार में बदला। दोनों के परिजन उनके प्रेम के खिलाफ थे। साहिबा बेहद खूबसूरत और भाइयों की लाडली थी। उसे मालूम था कि तीर तोडऩे पर मिर्जा़ अपनी और उसकी रक्षा नहीं कर पाएगा। एक तरह से उसने अपने प्यार की कुर्बानी दे दी। ‘मिर्जिया’ में गुलज़ार भाई ने दोनों के प्रेम के रुहानी और सूफियाना भाव को आज के माहौल में रचा है। इन दिनों की फिल्मों में ऐसा ट्रीटमेंट नहीं मिलता।’
    राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने यह स्वीकार किया कि कंज्यूमर कल्चर में प्यार के मायने बदल गए हैं। अब प्रेम रुहानी नहीं रह गया है,लेकिन यही तो खोज है। क्या आज के दौर के प्रेमी भी मिर्जा़-साहिबा की तरह जज़्बाती हो सकते हैं? प्यार हो जाने के बाद क्या होता है? अतीत की सभी प्रेम कहानियां दुखांत रही हैं। उन्होंने समझाया, ‘जमाने के साथ हमारे आसपास की चीजें बदल जाती हैं। कम्युनिकेशन के तरीके बदल जाते हैं,लेकिन गौर करें तो प्रेम का अंदरूनी जज़्बा वैसे ही रहता है। भीतरी स्तर पर इमोशन की लहर वैसी ही रहती है। उसके लक्षण थोड़े अलग हो जाते हैं। अभी दिखता है कि सभी नाप-तौल के प्यार कर रहे हैं। जीवन साथी के चुनाव में कई भौतिक चीजें देखी जा रही हैं। शहरों में तो दोनों एक-दूसरे के आर्थिक पक्ष पर ध्यान देते हैं। हम अपने पार्टनर जेवर की तरह चुनते और खरीदते हैं। मैं थोड़ा ओल्ड फैशन लग सकता हूं,लेकिन मेरे लिए प्यार भौतिक सुरक्षा से बड़ी चीज है। हम प्रेम को जैसे जीते और देखते रहे हैं,उसे ही अपनी फिल्मों में ले आएंगे। इस फिल्म के प्रेमी किरदार आज के जमाने से जूझते हैं।’
    ' मिर्जिया’ का संगीत दो साल पहले तैयार हो गया था। राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने जानकारी दी,‘इस फिल्म में गीत-संगीत शूटिंग स्क्रिप्ट का हिस्सा है,इसलिए हमलोगों ने संगीत तैयार कर लिया था। ‘भाग मिल्खा भाग’ के बैकग्राउंड के समय ही ‘मिजिऱ्या’ का संगीत तैयार कर लिया गया। गुलज़ार भाई ने स्क्रिप्ट के साथ ही गीत लिख कर दिए। पोएट्री इज द पार्ट ऑफ नैरेशन। उन्होंने इसे काव्यात्मक सुर दिया है। गायकी में नए पुराने टैलेंट का मिश्रण मिलेगा। नई-नई आवाजें सुनाई देंगी। लोकगीत और संगीत का मॉडर्न फ्यूजन असरदार हुआ है। ’
    सभी जाते हैं कि ‘मिर्जिया’ में मिर्जा़ का किरदार हर्षवर्द्धन कपूर निभा रहे हैं। उनके साथ सैयामी खेर हैं। कलकारों के चुनाव के बारे में पूछने पर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कहा,‘अनिल कपूर जी के घर पर मेरा आना-जाना रहा है। सोनम कपूर के साथ मैंने दो फिल्में की हैं। हर्ष से मेरी मुलाकातें रही हैं। मैंने उन्हें बहुत पहले चुन लिया था। वे खुद का तैयार नहीं पा रहे थे। उन्होंने मुझ से समय मांगा था। उनकी प्यारी आंखें हैं। सुंदर स्माइल है। दो साल पहले उनका मैसेज अया कि ‘आई एम फीलिंग रेडी’। मैंने उन्हें बुला कर ‘मिर्जिया’ की कहानी सुनाई। उन्होंने हां कहा। उसके बाद डेढ़ सालों तक हम रीडिंग और रिहर्सल किए। दिल्ली के दिलीप शंकर ने कोचिंग की। बाहर से टीना भी सिखाने के लिए आईं। हर्ष को घुडुसवारी भी सीखनी पड़ी। जब वे मंझ गए तो फिर हमलोग फ्लोर पर गए।  मेरे हाथों में कच्ची मिट्टी है। अब देखें कि उन्हें क्या रूप-रंग दे पाता हूं? मैंने अनुभवी अभिनेताओं और तकनीशियनों के साथ काम किया है। इनसे सीखा ही नए कलाकारों का सिखा रहा हूं। दरअसल,ऐसे ही चीजें आगे बढ़ती रहती हैं।’
    ‘मिर्जिया’ की टेक्नीकल टीम में कैमरामैन पावेल डैलेस पोलैंड से आए हैं। उनकी पूरी टीम वहीं से आई है। स्टंट और एक्शन के लिए आस्ट्रेलिया से डैनी आए हैं। उन्होंने टॉम क्रूज के साथ ‘द लास्ट समुराई’ की थी। फिल्म की जरूरत के मुताबिक नैचुरल रोशनी में शूटिंग की जा रही है। प्रकृति की लाइटिंग लाजवाब होती है। हां,हमें उसके साथ एडजस्ट करना पड़ता है। इस शेड्यूल के बाद राकेश ओमप्रकाश मेहरा लद्दाख और मुंबई की शूटिंग के साथ फिल्म पूरी करेंगे।

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