हिंदी सिनेमा से भी जुड़े थे के बालाचंदर
अजय ब्रह्मात्मज
‘एक दूजे के लिए’ के निर्देशक के बालचंदर का कल चेन्नई में निधन हो गया।
मृत्यु के समय वे 84 साल के थे। 9 जुलाई 1930 को उनका जन्म हुआ था। हिंदी
सिनेमा के दर्शक उन्हें मुख्य रूप से ‘एक दूजे के लिए’ के निर्देशक के तौर
पर जानते हैं। वे यह भी जानते हैं कि तमिल सिनेमा के वर्तमान सुपरस्टार
रजनीकांत और कमल हासन का करियर के बालाचंदर ने ही संवारा था। उन्होंने अन्य
कई स्टारों को पहला मौका दिया। के बालाचंदर मूलत: रंगकर्मी और लेखक थे।
उन्होंने आरंभ में नाटक लिखे और उनका मंचन किया। रागिनी रिक्रिएशन उनकी रंग
संस्था थी। हिंदी में ‘एक दूजे के लिए’ के निर्देशन से पहले उन्होंने
‘आईना’ का निर्देशन किया था और अनेक फिल्मों के लेखन से जुड़े थे।
1977 में के बालचंदर ने पहली हिंदी फिल्म ‘आईना’ का निर्देशन किया। यह
भी मध्यवर्गीय परिवार की मुश्किलों और मुफलिसी की कहानी थी। राजेश खन्ना और
मुमताज ने फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। 1981 में उन्होंने
प्रसिद्ध फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ का निर्देशन किया। कमल हासन और रति
अग्निहोत्री की यह फिल्म सुपरहिट रही थी। हिंदी भाषी सपना और तमिलभाषी
वासुदेवन की प्रेमकहानी ने दो संस्कृतियों और परंपराओं के प्रेम के माध्यम
से मनोहारी कहानी कही गई थी। 1983 में उनके निर्देशन में ही ‘जरा सी
जिंदगी’ आई। फिर 1984 में कमल हासन के साथ उन्होंने ‘एक नई पहेली’
निर्देशित की।
के बालाचंदर की अधिकांश फिल्में मध्यवर्गीय सिंगतियों पर ही केंद्रित
हैं। उनके मध्यवर्गीय चरित्र अपनी मुश्किलों और संघर्ष में मध्यवर्ग के
अंतर्विरोधों को उजागर करते हैं। तमिल सिनेमा के विकास और प्रसार में उनका
बहुत बड़ा योगदान रहा है। भारतीय सिनेमा में उनके अवदान का देखते हुए ही
उन्हें पद्मश्री और दादा साहेब फाल्के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
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