हिंदी फिल्मों में लुंगी
डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म जेड प्लस में असलम पंचरवाला बने आदिल हुसैन ने लुंगी पहनी है। फिल्म के पोस्टर में इसका इस्तेमाल किया गया है।
हिंदी फिल्मों में याद करें तो मुसलमान चरित्रों को लुंगी में दिखाने का चलन रहा है। तब वे त्याग की मूर्ति और हीरो के लिए कुर्बान होन वाले पड़ोसी थे। मणि रत्नम की रोजा के बाद उन्हें पठानी शूट दे दिया गया है। वे ज्यादातर आतंकवादी हो गए हैं।
और पहले जाएं तो महमूद ने अपनी कुछ फिल्मों में बेहिचक लुगी पहनीत्र कुंवारा बाप और सबसे बड़ा रुपैया में वे लुगी में नजर आए। दक्षिण भारतीय किरदारों को निभाते समय भी उन्होंने सफेद लुंगी पहनी। यह उसी का असर था कि चेन्नई एक्सप्रेस में शाह रुख खान ने स्वयं लुगी पहनी। उन्होंने दीपिका पादुकोण को भी नहीं छोड़ा। साथ में हनी सिह तो लुंगी उंािम ही आ गयात्र फिर तो लुंगी पहन कर हालीवुड के स्टार केविन स्पेसी तक ले लुंगी पहन कर ठुमके लगाए।
अमिताभ बच्चन ने सौदागी,डॉन और देश प्रेमी में लुगी पहनी। उन्होंने हेमामालिनी के लिए लुंगी पहन कर ही खातून की खिदमत में गीत गाया। अमिताभ बच्चन की फिल्म अग्निपथ में मिथुन चक्रवर्ती ने लुंगी पहनी थी।
गैंग्स ऑफ वासेपुर में मनोज बाजपेयी और नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने भी लुंगी पहनी थी। हर दिल जो प्यार करेगा में सलमान खान ने डिजायनर लुंगी पहनी।
राजेया खन्ना ने अपने उत्कर्ष के दिनों में स्टाडस्ट के एक शूट में टीना मुनीम के साथ एक फोटो शूट में लुंगी पहन कर सभी को चौंका दिया था। निजी जिंदगी में अनेक स्टार लुंगी पहनते रहे हैं। अभिनेत्रियां भी आराम के लिए लुंगी और कुर्ता पहनती हैं।
लुंगी एक वस्त्र है। यह एक बर्मा भाषा का शब्द है और बर्मा की राष्ट्रीय पोषाक है। यह इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भारत[1], पाकिस्तान[2], श्रीलंका, बर्मा, ब्रुनेई, मलेशिया, नेपाल, सिंगापुर, थाईलैण्ड, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रिका और दक्षिणी अरबी प्रायद्वीप की पारम्परिक पोशाक के रूप में पहना जाता है। यह बहुत ज्यादा गर्मी और नमी वाली क्षेत्रों में विशेष रूप से लोकप्रिय है।
शहरों मेंबरमुडा ने लुंगी की जगह ले ली है।
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