जेड प्लस पात्र परिचय
असलम पंचरवाला-
फतेहपुर में दरगाह रोड
पर पंचर की इसकी दुकान है। पंचर लगाता है और दिल का एकदम साफ। जागरुक है और रोमांटिक
भी। कभी सोचा नहीं था कि पंचर से आगे कभी कोई और धंधा चल निकलेगा और जब उसकी दुकान
को अतिक्रमण समझकर तोड़ा गया तो पता चला कि कस्बे में प्रधानमंत्री आ रहे हैं और प्रधानमंत्री
से उसकी मुलाकात होगी। सीधा सादा भोला भाला फतेहपुर का असलम अचानक कस्बे में चर्चित
हुआ तो फतेहपुर आए प्रधानमंत्री उसको जेड सिक्योरिटी दे गए और फिर जो असलम के साथ
हुआ वो ऐसा कि देश में किसी के साथ ना हुआ हो।
हमीदा
असलम की पत्नी। रफीक
की अम्मा। दिल की नेक। अकेले मियां के पंचर की दुकान से गुजारा कहां होता है। दरगाह
के पास उसकी जूतियों की दुकान है। बातों की बादशाह। ग्राहक दुकान पर आएगा तो वह बातों
में उसे ऐसे लुभाएगी कि वह हमीदा के यहां से जूतियां खरीदे बिना नहीं जाएगा। ईमान की
पक्की और अल्लाह मियां से डरने वाली। असलम की लगाम उसके हाथ में और असलम है कि तुड़ाव
करता रहता है।
हबीब मियां आशिक
पेशे से शायर, दिल से आशिक मिजाज और हरकतों से चिरकुट। सीधी प्रतिस्पर्धा गुलजार और जावेद अख्तर
से। गलतफहमी ऐसी कि जो मैं लिखता हूं, वो फिल्मवाले चोरी करके अपने गीतों में ढाल लेते
हैं। जहां हबीब मियां दिख जाएं लोग रास्ता बदल लेते हैं, कि अब फिर उनकी शायरी सुननी पड़ेगी और जिन्हें हबीब मियां की मुफ्त की चाय पीनी
है वे मनुहार करते हैं कि आओ हबीब मियां, एक शेर हो जाए। यहां तक कि बीवी भी उनकी शायरी से दुखी है। चूड़ीवालों
की गली में आशिकी की उम्मीद में चक्कर लगाते हैं। फतेहपुर में उसी गली में असलम के
पड़ोसी हैं और रोज दोनों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर लट्ठ बजते हैं।
फौजिया
हबीब की बेगम। अच्छी
महिला लेकिन पति की हरकतों से परेशान। मौका पड़ने पर लेकिन आम भारतीय औरतों की तरह
पति का ही साथ देती है। कभी कभार असलम से झगड़े में पति का साथ लेकिन आमतौर पर हमीदा
और फौजिया दोनों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती हैं।
सईदा
इकबाल मियां की बेवा। फतेहपुर में चूडि़यों की दुकान है। पास ही रहती हैं। दिल
की नेक लेकिन दिल से मजबूर। हबीब मियां की काइयांपन की वजह से उनकी आशिक नजरों से वो
चिढती है और असलम मियां के भोलेपन के कारण उन पर फिदा है। असलम की शुभचिंतक है और तन्हाई
में इंतजार भी असलम का ही करती है।
प्रधानमंत्री
मिली जुली सरकार के मुखिया। दक्षिण भारत के हैं। सहयोगी दलों की मांगों से परेशान।
सारी राजनीतिक जोड़ तोड़ के बावजूद लग रहा है कि अपनी सरकार नहीं बचा पाएंगे तो सरकार
को बचाने के सारे राजनीतिक उपाय फेल होने के बाद पीपल वाले पीर की शरण में आते हैं।
दीक्षित
प्रधानमंत्री का सबसे ओएसडी। उनका सबसे विश्वासपात्र नौकरशाह। हमेशा साथ रहता
है। उनके सारे रहस्य जानता है लिहाजा प्रधानमंत्री उस पर भी भरोसा करते हैं। नॉर्थ
इंडियन है। फतेहपुर प्रधानमंत्री के साथ आता है और जब लगता है कि प्रधानमंत्री से कोई
गलती हुई है तो वह असलम को ही घेरने लगता है।
हिदायततुल्ला
आतंकी संगठन अल जेहादिया को संघर्षरत मुखिया। सारी साथी छोड़कर चले गए हैं। बाबू
और मुन्ना ही उसके साथ हैं। उसे एक बड़ी ब्रेकिंग न्यूज की तलाश है जब सारा देश उसे
जानने लगे। जब देखता है कि असलम नाम आदमी आजकल मशहूर है और जेड सिक्योरिटी में चल
रहा है तो अपने दो गुर्गे उसे मारनेके लिए फतेहपुर भेजता है।
इंस्पेक्टर राजेश
जेड सेक्युरिटी टीम का मुखिया। राजेश भ्ाला आदमी है। वह सरकारी आदेश का उल्लंघन नहीं कर सकता। असलम की बीवी हमीदा को वह अपनी बहन मानता है। इस कर्तव्यनिष्ठ सुरक्षा अधिकारी की भूमिका राहुल सिंह ने निभाई है।
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