आशुतोष गोवारिकर ले आएंगे ‘एवरेस्ट’



-अजय ब्रह्मात्मज
    आशुतोष गोवारिकर टीवी पर आ रहे हैं। 1987 से 1999 के बीच कुछ धारावाहिकों और फिल्मों में अभिनय करने के बाद आशुतोष गोवारिकर ने ‘लगान’ फिल्म के निर्देशन से बड़ी सफलता हासिल की। ‘लगान’ से पहले वह ‘पहला नशा’ और ‘बाजी’ जैसी चालू फिल्में निर्देशित कर चुके थे। ‘लगान’ के बाद उन्होंने ‘स्वदेस’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्में निर्देशित कीं। उनकी पिछली दो फिल्में ज्यादा नहीं चलीं। फिलहाल उन्होंने रितिक रोशन के साथ ‘मोहनजोदाड़ो’ की घोषणा की है। इसकी शूटिंग अक्टूबर में आरंभ होगी। अक्टूबर में ही उनके निर्देशन में बन रहे टीवी शो ‘एवरेस्ट’ का प्रसारण आरंभ होगा।
    टीवी शो ‘एवरेस्ट’ की कहानी है। वह अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए एक एडवेंचर पर निकलती है। शो की जानकारी देते हैं आशुतोष गोवारिकर,‘यह 21 साल की एक लडक़ी की कहानी है,जिसे आज पता चला है कि उसके पिता नहीे चाहते थे कि उसका जन्म हो। उनकी समझ में बेटियां बेटों के मुकाबले में कमतर होती हैं। बेटा होता तो वह मेरे सपने पूरा करता। वह अपने पिता से बेइंतहा प्यार करती है,लेकिन इस जानकारी से हतप्रभ रह जाती है। वह अपने पिता से नाराज नहीं होती। वह पिता की धारणा बदलने के लिए कुछ करना चाहती है। इस खोज में उसे पता चलता है कि पिता का एक सपना एवरेस्ट पर चढऩा था,जिसे शारीरिक अक्षमता के कारण अब वे परा नहीं कर सकते। वह ठान लेती है कि वह एवरेस्ट की चढ़ाई करेगी। अभी तक जिस लडक़ी ने एक टीले पर भी चढऩे की कोशिश नहीं की है,वह कैसे एवरेस्ट की दुर्गम चढ़ाई करेगी?’
    ऐसे शो के बारे में सोचने की वजह है। आशुतोष गोवारिकर लंबे समय से पर्वतारोहण जैस स्पोटर््स के प्रति आकर्षित रहे। वे विस्मित रहते थे कि इसमें किस किस्म का रोमांच है। बाकी खेलों में तो नाम,शोहरत और पैसे मिलते हैं,लेकिन पर्वतारोहण में क्या है? शिखर पर पहुंचने की खुशी क्या होती है? इस आत्मिक खुशी के विस्मय ने ही  आशुतोष गोवारिकर को ‘एवरेस्ट’ के लिए प्रेरित किया। पर्वतारोहण को भाव के तौर पर लें तो हम सभी के मन में एक एवरेस्ट है,जिसे हम अपनी जिंदगी में पार करते हैं। वह बताते हैं,‘हमारी इच्छाएं ही हमारे एवरेस्ट हैं। इन इच्छाओं को हासिल कर लेने की खुशी अवर्णनीय होती है। पहले इरादा था कि फिल्म बनाऊं,लेकिन उसके डाक्यूमेंट्री हो जाने का खतरा था। मैंने उसे टीवी शो के लिए उपयुक्त समझा। यह शो एक साथ बेटी,पिता के सपनों को पूरा करती बेटी और अपने एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने की कहानी है। इसमें एक साा ड्रामा,एडवेंचर और जीत की कोशिश  है।’
    ‘एवरेस्ट’ इन दिनों चल रहे टीवी शो की तरह अनंत एपीसोड का नहीं होगा। आशुतोष गोवारिकर स्परूप कहते हैं,‘यह शो असीमित नहीं होगा। हम चाहेंगे कि अपनी बात कहने तक ही एपीसोड दिखाएं। कोशिश है कि दर्शकों को कहानी,रिश्तों और विजुअल के तौर पर कुछ नया मिले। इस फिल्म के माहौल में प्रकृति की ताजगी है,जो प्राकृतिक तौर पर शो में दिखेगी। हम ने कलाकारों के चुनाव में भी नयापन रखा है। शो के सीनियर किरदारों में ही सुहासिनी मुले और मनीष चौधरी जैसे पांच सीनियर कलाकार रखे गए हैं। यंग ब्रिगेड नया है। सभी किरदारों की अपनी कहानियां भी हैं,जिसके साथ उनका परिवेश भी आएगा। एवरेस्ट की शूटिंग के लिए हमलोग पहाड़ों में गए। पहाड़ों और एवरेस्ट पर चढ़ाई की शूटिंग मुश्किल और चुनौतीपूर्ण रही।  मुझे अपनी कहानी पर भरोसा है। उम्मीद है कि टीवी के दर्शक भी इस नएपन को स्वीकार करेंगे। अगर यह शो किसी भी तरह दर्शकों की सोच को प्रभावित कर सका तो अपने प्रयास को सफल मानूंगा। हम मनोरंजक तरीके से एक संदेश भी दे रहे हैं।’
    ‘एवरेस्ट’ स्टार प्लस से प्रसारित होगा। टीवी शोज में चल रहे नए प्रयोग और प्रयास का नया पड़ाव होगा ‘एवरेस्ट’।
   

Comments

pratiksha rahegi evrest ki. mohanjodra achhi film hogi nischit hi.

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