दरअसल : 'फाइंडिंग फैनी' के संकेत
-अजय ब्रह्मात्मज
होमी अदजानिया की अर्जुन कपूर और दीपिका पादुकोण अभिनीत 'फाइंडिंग फैनी' के प्रचार में कहीं नहीं कहा जा रहा है कि यह अंग्रेजी फिल्म है। इसमें पंकज कपूर, डिंपल कपाडिय़ा और नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज कलाकार भी हैं। फिल्म के कुछ गाने हिंदी में आए। यह संभ्रम ैपैदा हो रहा है कि यह हिंदी फिल्म ही है। दरअसल, यह अंग्रेजी फिल्म है। इसमें हिंदी फिल्मों के पॉपुलर चेहरे हैं। इसे हिंदी में डब किया जाएगा, जैसे 'डेल्ही बेल को किया गया था। 'फाइंडिंग फैनी के हंसी-मजाक और महौल में गोवा की गंध है और भाषा मुख्य रूप से अंग्रेजी और कोंकणी रखी गई है। फिल्म के निर्देशक होमी अदजानिया का दावा है कि वे इस फिल्म से भारतीय फिल्मों का प्रचलित ढांचा तोड़ेंगे। स्पष्ट शब्दों में कहें तो वे फिल्मों की भाषा अंग्रेजी करना चाहते हैं। अपनी इस जरूरत के लिए वे हिंदी फिल्मों के पॉपुलर सितारों का उपयोग कर रहे हैं।
क्या 'फाइंडिंग फैनी' की सफलता से मुंबई में अंग्रेजी फिल्मों के निर्माण का चलन बढ़ेगा? अगर चलन बढ़ा तो फिल्म इंडस्ट्री के युवा लेखकों, निर्देशकों और कलाकारों की आसानी बढ़ जाएगी। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जानकार जानते हैं कि इन दिनों फिल्में भले ही हिंदी में बन रही हैं, लेकिन उनका कार्य व्यापार अंग्रेजी में होता है। आप अचानक किसी भी सेट पहुंच जाएं तो फिल्मों के संवाद के अलावा शायद ही कोई हिंदी बोलता नजर आता है। मैं यहां जूनियर आर्टिस्ट, लाइटमैन और स्पॉट ब्वॉय को शामिल नहीं कर रहा हूं। हिंदी फिल्मों के निर्माण की भाषा अंग्रेजी हो चुकी है। शेड्यूल, स्क्रिप्ट, प्रमोशन, इंटरव्यू और प्रचार में अंग्रेजी पर जोर रहता है। चूंकि संवादों में हिंदी रखना मजबूरी है, इसलिए उसका निर्वाह किया जा रहा है। देश के अधिकांश दर्शकों तक पहुंचने और बड़ी कमाई के लिए हिंदी जरूरी है। यहां तक कि मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में भी हिंदी फिल्मों का कलेक्शन अंग्रेजी फिल्मों की तुलना में ज्यादा रहता है। आप हिंदी की साधारण फिल्मों और अंग्रेजी की लोकप्रिय फिल्मों की तुलना न करें और न उसके उदाहरण लें।
हिंदी फिल्मों में ऐसे कलाकारों, लेखकों और निर्देशकों की फौज आ गई है, जिनकी संपर्क और प्रयोग की भाषा अंग्रेजी है। इनकी परवरिश में अंग्रेजी माध्यम का बड़ा योगदान रहता है। बचपन में इन्हें नैनी या धाय मां के रूप में कोई कैथोलिक महिला मिलती है, जो अंग्रेजी बोलने के साथ 'इंग्लिश कल्चर में निपुण रहती है। फिर वे बच्चे अंग्रेजी स्कूलों में जाते हैं, जो इंटरनेशनल सिलेबस और स्टैंडर्ड का पालन करते हैं। भारतीय इतिहास, मिथक और शास्त्रों में उनका परिचय लेश मात्रका ही हो पाता है। मिडिल स्कूल और हाई स्कूलउत्तीर्ण करते ही वे इंग्लैंड, अमेरिका, स्विटजरलैंड या किसी और देश में आगे की पढ़ाई के लिए निकल जाते हैं। इन दिनों फिल्म परिवारों में भी परिवार की भाषा अंग्रेजी हो गई है। नाना-नानी या दादा-दादी से ही हिंदी में बातचीत हो पाती है। ऐसे बच्चे जब हिंदी फिल्मों में आने का फैसला करते हैं तो वे हिंदी का क्रैश कोर्स करते हैं। फटाफट हिंदी सीखते हैं। जल्दबाजी में सीखी गई हिंदी में उच्चारण नहीं सुधर पाता। भाषा के अभ्यास के लिए इनके पास ड्रायवर और अन्य सहयोगी होते हैं। गौर करें तो ये बाबा लोग काम चलाऊ हिंदी ही बोल और समझ पाते हैं। पिछले 15 सालों में मेरा अनुभव रहा है कि अमिताभ बच्चन और शाह रुख खान जैस्े अपवादों को छोड़ दें तो उनसे सवाल पूछते समय भी यह ख्याल रखना पड़ता है कि हिंदी उनके लिए क्लिष्ट नहीं हो जाए। वे 'परिणाम नहीं समझ सकते। उनके लिए 'रिजल्ट ही बोलना या पूछना पड़ेगा।
अंग्रेजी में फिल्में बनाने की कोशिशें पहले भी हुई हैं। उन फिल्मों को 'डेल्ही बेली या 'फाइंडिंग फैनी की तरह हिंदी का जामा नहीं पहनाया गया। स्पष्ट तौर पर बताया गया कि वे अंग्रेजी फिल्में हैं। 'फाइंडिंग फैनी में निर्माताओं की चालाक कोशिश है कि भाषा छिपा कर दर्शकों को बुला लो। किसी दूसरी हिंदी फिल्म की तरह ही इसका प्रचार किया जा रहा है। इन दिनों फिल्मों के नियमित पत्रकारों को भी इतनी समझ या फुर्सत कहां है कि वे मूलभूत सवाल करें। सभी खुश हैं कि एक फिल्म आ रही है, जिसमें कुछ गाने हैं और अंग्रेजी बोलते झक्की किस्म् के किरदार हैं। पंकज कपूर और नसीरुद्दीन शाह को 'शौकीन' स्वभाव के बुजुर्ग किरदारों के रूप में ही पेश किया गया है।
'फाइंडिंग फैनी' की सफलता अवश्य ही दूसरे अंग्रेजी भाषी निर्देशकों और कलाकारों को अंग्रेजी में फिल्में बनाने को प्रेरित करेगी। देखना यह है कि इस फिल्म को कैसा कलेक्शन मिल पाता है? इसकी सफलता हिंदी फिल्मों के लिए खतरे की घंटी होगी। फिल्म जगत को इससे भले ही लाभ हो, लेकिन देश के दर्शकों का नुकसान होगा। कालांतर में 'फाइंडिंग फैनी' जैस् फिल्मों की अधिकता उन्हें हिंदी फिल्मों की समझ और मनोरंजन से दूर कर देगी।
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