फिल्‍म समीक्षा : मैड अबाउट डांस

-अजय ब्रह्मात्‍मज 
 पांच रुपैया बारह आना प्रोडक्शन की 'मैड अबाउट डांस' साहिल प्रेम की पहली फिल्म है। पहली फिल्म में अभिनय के साथ लेखन और निर्देशन की भी जिम्मेदारी उन्होंने संभाली है। डांस जोनर की यह फिल्म किशोर और युवा दर्शकों की रुचि का खयाल रखती है। साहिल प्रेम ने ऐसी फिल्मों की परंपरा में ही कुछ नया करने की कोशिश की है। डांस जोनर की फिल्मों में नायक या नायिका शिद्दत से डांस के जरिए अपने पैशन को पूरा करना चाहते हैं। प्राइज मनी और शोहरत से ज्यादा उनका इंटरेस्ट श्रेष्ठ होने की तरफ रहता है। साहिल प्रेम की फिल्म में आरव आनंद की ख्वाहिश है कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डांसर सीजर के ग्रुप में शामिल हो।
भारतीय माता-पिता अभी तक गैरपारंपरिक पढ़ाई और पैशन को नजरअंदाज कर अपने बज्चों को परिचित पेशों में जाने के उद्देश्य से पड़ाई करने की व्यावहारिक सलाह देते हैं। हिंदी फिल्मों और समाज में अब यह दिखने लगा है कि बच्चे अपनी जिद्द किसी बहाने या सीधे तरीके से पूरी करना चाहते हैं। आरव भी किसी और पढ़ाई के बहाने विदेश में सीजर के शहर पहुंचता है। उसका एक ही मकसद है कि वह सीजर से मिल ले और उसके ग्रुप में शामिल हो जाए। परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती हैं कि वह सीजर के मुकाबले में आ जाता है। डांस कंपीटिशन में उसे सीजर के ग्रुप को हराना है। इस मुश्किल काम में इमोशन भी जोड़ दिए गए हैं।
साहिल प्रेम की 'मैड अबाउट डांस' में डांस के प्रति आरव की दीवानगी को अच्छी तरह चित्रित किया गया है। आरव के सामने अनेक चुनौतियां हैं। अपने मित्रों की मदद से वह उन चुनौतियों के बीच ही अपना ग्रुप तैयार करता है। यह फिल्म आरव के संघर्ष के साथ ही भारतीय और एशियाई मूल के लोगों के प्रति श्वेतरंगी समुदाय की श्रेष्ठ ग्रंथि को भी दर्शाती है। एक दूश्य में आरव को 'ब्राउनी' संबोधित करते हुए एक श्वेत किरदार कहता भी है कि तुम लोग टैक्सी चलाने, रसोई बनाने और बैरे के काम करने के उपयुक्त हो। डांस करना तुम्हारा काम नहीं है। यह प्रतिक्रिया कहीं न कहीं हमारे समाज की कमियों की तरफ भी इशारा करती है,जहां अभी तक परफॉर्मेंस की विधाओं को पेशेवर नहीं माना जाता। बहरहाल,आरव अपने ग्रुप के साथ साबित करता है कि पैशन और प्रैक्टिस से 'ब्राउनी' भी डांस में विजय हासिल कर सकते हैं।
साहिल प्रेम लेखन और निर्देशन के पहले प्रयास में उम्मीद जगाते हैं। आरव की भूमिका निभा रहे साहिल प्रेम में अपने किरदार की चपलता और एनर्जी है। उन्होंने सहयोगी कलाकारों के चुनाव में उनके नृत्य कौशल का ध्यान रखा है। यही वजह है कि डांस के सभी सिक्वेंस में गति और ऊर्जा नजर आती है। साहिल प्रेम नाटकीय और संवाद के दृश्यों में थोड़े अनगढ़ हैं, जिसकी भरपाई वह अपने डांस से कर देते हैं। नायिका के तौर पर अमृत मघेरा ने उनका बराबर साथ दिया है। आरव के अमीर और जिंदादिल दोस्त के रूप राशुल आनंद अपने किरदार और अदायगी की वजह से याद रह जाते हैं।
अवधि:125 मिनट
**r1/2 ढाई स्‍टार 

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को