मैं स्वयं पापा की फैन हूं - सौंदर्या आर अश्विन
-अजय ब्रह्मात्मज
रजनीकांत की नई फिल्म ‘कोचडयान’ की निर्देशक उनकी बेटी सौंदर्या आर अश्विन हैं। शुरू से ही सौंदर्या की अभिरुचि कॉमिक्स, ग्राफिक्स और एनीमेशन में रही। बचपन में अमर िचत्र कथा उनकी प्रिय सीरिज रही। बेटी की रुचि का ध्यान रखते हुए रजनीकांत ने सौंदर्या को प्रोत्साहित किया। नतीजा सामने है। रजनीकांत की प्रायोगिक महात्वाकांक्षी फिल्म ‘कोचडयान’ का उन्होंने निर्देशन किया। परफारमेंस कैप्चरिंग टेकनीक में बनी यह भारत की पहली फिल्म है। सौंदर्या के इस प्रयास की अमिताभ बच्चन ने भी तारीफ की है। पिछले दिनों सौंदर्या मुंबई में थीं। ‘कोचडयान’ हिंदी और भोजपुरी में भी रिलीज होगी।
- ‘कोचडयान’ का अर्थ क्या है?
0 को का मतलब राजा और चडयान मतलब लंबे बाल। ‘कोचडयान’ का अर्थ हुआ लंबे बाल वालों का राजा। ‘कोचडयान’ भगवान शिव का अनुयायी है। वह शिव के विध्वंसक रूप में यकीन रखता है। फिल्म में वह तांडव नृत्य भी करता है।
- फिल्म की थीम क्या है? क्या ‘कोचडयान’ मिथकीय चरित्र है?
0 नहीं, यह पूरी तरह से काल्पनिक कहानी है। यह ‘राणा’ का प्रीक्वल है। कोडयान राणा का पिता है। कोचडयान सिद्ध राजा,नर्तक और योद्धा है। वह राजसी ठाठ-बाट से ज्यादा प्रजा के बारे में सोचता है। वह न्याय, सच और वस्तुनिष्ठता में यकीन रखता है। यह एक लिजेंडरी इंसान की कहनी है। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यह शुद्ध मसाला एंटरटेनर है। रजनीकांत के प्रशंसकों को उनकी अपेक्षा का भरपूर मनोरंजन मिलेगा। फिल्म में दीपिका जैसी खूबसूरत हीरोइन और जैकी श्राफ जैसे कद्दावर अभिनेता हैं। फिल्म में ए आर रहमान का संगीत है।
- आप को कब एहसास हुआ कि आपके पापा सुपरस्टार हैं?
0 मेरी पैदाइश ही उनके स्टारडम में हुई। मैं कोई दिन या तारीख नहीं बता पाऊंगी। हम दोनों बहनें उनके स्टारडम को देखते हुए बड़ी हुई हैं। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। मुझे पता ही नहीं चला और मैं उनकी फैन बन गई। मैंने उनकी सारी फिल्में देखी हैं। सिनेमाघर में उनकी फिल्म देखते हुए चीखने-चिल्लाने में मैं रजनीकांत के किसी भी फैन का मुकाबला कर सकती हूं। मेरे घर के पास एलबर्ट सिनेमाघर है। बचपन में एक बार पापा पूरे परिवार को वहां ले गए थे। उनके फैन का जुनून देख कर हमारी आंखें भर आई थीं।
- रजनीकांत जैसे सुपरस्टार को एनिमेटेड फॉर्म में पर्दे पर पेश करने की क्या वजह रही?
0 मुझे एनीमेशन पसंद है। परफारमेंस कैप्चरिंग टेकनीक में बनी यह भारत की पहली फिल्म होगी। इस टेकनीक का इस्तेमाल जेम्स कैमरून की फिल्म ‘अवतार’ में किया गया था। दुर्भाग्य से अपने देश में एनीमेशन का मतलब सिर्फ कार्टून फिल्म समझा जाता है। इस फिल्म के लिए भीषम जैसी प्रतिज्ञा और अर्जुन जैसे जुनून की जरूरत थी। हालीवुड में इस टेक्नीक में अनेक फिल्में बनी हैं। उम्मीद है ‘कोचडयान’ के बाद भारत की अन्य भाषाओं में भी इस टेक्नीक से फिल्में बनेंगी।
- रजनीकांत ने बताया था कि आप बचपन में बड़े मनोयोग से अमर चित्र कथा पढ़ती थीं?
0 हां, मैं बगैर चित्रों की किताबें नहीं पढ़ सकती। स्क्रिप्ट के साथ भी यही करती हूं। टेक्स्ट के बजाए स्टोरी बोर्ड तैयार कर लेती हूं। बचपन से एनिमेशन का जुनून था। ऐसा तो होता नहीं कि आप अचानक कुछ करने लगो। मैं चित्रों और बिंबों में ही सोचती हूं।
- संवादों पर कितना ध्यान दिया है? रजनीकांत अपने संवादों के लिए भी मशहूर हैं।
0 फिल्म का मिजाज पूरी तरह से रजनीकांत स्टाइल का है। फिल्म में उन सारे तत्वों को डाला गया, जिन्हें मैं स्वयं रजनीकांत के फैन के तौर पर देखना चाहूंगी। मुझे एंटरटेनमेंट चाहिए। एक्शन,ड्रामा और रोमांच से भरपूर इस फिल्म में रजनीकांत शैली के संवाद भी हैं। मैंने ए आर रहमान से खस आग्रह किया था कि फिल्म के गीत में भी पापा के संवाद रखे जाएं।
- फिल्म में दीपिका पादुकोण की कितनी अहम भूमिका है?
0 वह राजकुमारी हैं। फिल्म की हीरोइन हैं तो कहानी उनके इर्द-गिर्द ही है। इस फिल्म में उन्हें दो गाने भी मिले हैं। एक गाना सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया है। दीपिका की एनीमेटेड रूप के लिए डांस डिजायन करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी।
- रजनीकांत के गैरततिमल प्रशंसकों को यह फिल्म कितनी पसंद आएगी?
0 एनिमेटेड होने के बावजूद सारी मुद्राएं, चाल-ढाल और एक्शन में रजनीकांत ही दिखेंगे। परफारमेंस कैप्चरिंग टेक्नीक सभी अंगों के स्नायुओं की हरकतों को कैप्चर कर डिजिटाइज कर देता है। पापा की पॉपुलैरिटी का हमें पूरा एहसास है। देश के सभी दर्शकों के साथ हमने उनके विदेशी प्रशंसकों का भी खयाल रखा है। यह फिल्म जापान में भी प्रदर्शित होगी।
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