किरदार से हो गई है दोस्ती-अर्जुन कपूर
रियल और रिलेटेबल किरदार है मेरा-अर्जुन कपूर
-अजय ब्रह्मात्मज
अपनी नई फिल्म ‘टू स्टेट्स’ के प्रचार में व्यस्त अर्जुन कपूर अब पहले की तरह मीडिया से बचने की कोशिश नहीं करते। उन्होंने इसकी जरूरत समझ ली है। ‘टू स्टे्टस’ की रिलीज के पहले उन्होंने अपनी बातें रखीं।
सीखते रहते हैं एक्टिंग
हम अपने प्रोफेशन से बड़े नहीं हो सकते। हमेशा सीखते रहना पड़ता है। यह ड्रायविंग और स्विमिंग से अलग है। आप देखें कि अमिताभ बच्चन आज भी सीखने की बात कहते हैं। ‘औरंगजेब’ के समय पहली बार लगा कि मैं किरदार मेंं घुस गया हूं। अपने कैरेक्टर की ओपनिंग के सीन में एहसास हुआ कि मुझे अब एक्टिंग ही करनी है और मैं कर सकता हूं। उसके बाद से मेरी मेहनत बढ़ गई। अब कोशिश रहती है कि कैरेक्टर को क्रैक कर लूं।
मैं ‘गुंडे’ और ‘टू स्टेट्स’ की शूटिंग साथ कर रहा था। ‘टू स्टेट्स’ का हीरो एकदम नार्मल है, जबकि ‘गुंडे’ का किरदार ड्रैमेटिक था। ‘गुंडे’ हिंदी सिनेमा के पापुलर फार्मेट में था। ‘टू स्टेट्स’ में वह आम लडक़ों की तरह होता है। इसके संवाद याद कर के नहीं जाता था। वहीं बोल देता था। ताकि सब कुछ नैचुरल लगे। आप देखेंगे कि मैंने इसमें सब कुछ हल्का और शांत रखा है। कृष मल्होत्रा की जिंदगी में मैलोड्रामा नहीं है। रियल और रिलेटेबल किरदार है मेरा। कृष अगर जिंदगी में मिले तो मैं उसका दोस्त बन सकता हूं।
रखे हैं सधे कदम
सभी कहते हैं कि मैं सधे कदमों से आगे बढ़ रहा हूं। ‘इश्कजादे’ के दो दिनों बाद मैंने ‘टू स्टेट्स’ साइन की थी। इसकी कहानी वहां से आरंभ होती है, जहां बाकी फिल्में खत्म होती हैं। मैंने अभी तक किताब नहीं पढ़ी है। ‘टू स्टेट्स’ दो परिवारों की प्रेमकहानी है। अभी तक बगैर सोचे फिल्में साइन करता रहा हूं। अभी तो जो भी हो रहा है, नया हो रहा है। इसके बाद ‘फाईरिग फैनी फर्नांडिस’ आएगी। वह अंग्रेजी फिल्म है। इन दिनों ‘तेवर’ की शूटिंग कर रहा हूं। आगरा, मथुरा और वृंदावन से अभी तो लौटा हूं। उस फिल्म में मनोज बाजपेयी के साथ हूं। सोनाक्षी सिनहा भी हैं।
कोस्टार आलिया भट्ट
आलिया से फिल्म के पहले पार्टी वगैरह में मुलाकात हुई थी। ‘टू स्टे्टस’ के फोटो शूट में मेल-मुलाकात हुई। इस फिल्म के दरम्यान उन्होंने मुझे चौंका दिया। मैं उन्हें 19 साल की लडक़ी समझ रहा था। सेट पर उनके अप्रोच और काम ने मरा नजरिया बदल दिया। वह बहुत समझदार और होशियार लडक़ी हैं। दूसरी हीरोइनों की तरह लुक,बाल और मेकअप के लिए परेशान नहीं रहतीं। उनका सारा जोर सीन और एक्टिंग पर रहता है। वह दिखावे के लिए नहीं आई है। बहुत ही सीरियस है काम को लेकर। मैं उनकी इज्जत करने लगा हूं। आलिया भट्ट मेरी अच्छी दोस्त हो गई हैं।
आलिया के साथ मेरी प्रेम की चर्चाएं हो रही है। मुझे खुशी है कि चलो मेरी भी चर्चा तो हुई। अभी तक तो रणवीर सिंह के ही किस्से सुर्खियों में थे। प्रेम की इन खबरों का कुछ नहीं कर सकते। सच कहूं तो हमारी पीढ़ी के कलाकारों में खुलापन है। साथ में फिल्म की है तो साथ में समय बीत रहा है। फिल्म देखना, बाहर जाना, रेस्तरां में जाना ... यह सब तो यूथ की जिंदगी का हिस्सा है। कोई कॉलेज स्टूडेंट अपनी क्लास की लड़कियों के साथ ही न घूमेगा?
चेतन का बॉयोपिक नहीे है ‘टू स्टे्टस’
इस फिल्म के लिए चेतन भगत से टिप्स नहीं ली है। मेरे लिए यह चेतन भगत की स्टोरी नहीं है। यह कृष मल्होत्रा और अनन्या स्वामीनाथन की कहानी है। फिल्म में मुझे चेतन भट्ट का किरदार नहीं निभाना था। यह उनकी बॉयोपिक नहीं है। मैंने सुना है कि उन्हें यह फिल्म अच्छी लगी। अभी लंदन में थे तो किरदार को लेकर उनसे बातें हुईं, लेकिन अब तो फिल्म बन चुकी है।
-अजय ब्रह्मात्मज
अपनी नई फिल्म ‘टू स्टेट्स’ के प्रचार में व्यस्त अर्जुन कपूर अब पहले की तरह मीडिया से बचने की कोशिश नहीं करते। उन्होंने इसकी जरूरत समझ ली है। ‘टू स्टे्टस’ की रिलीज के पहले उन्होंने अपनी बातें रखीं।
सीखते रहते हैं एक्टिंग
हम अपने प्रोफेशन से बड़े नहीं हो सकते। हमेशा सीखते रहना पड़ता है। यह ड्रायविंग और स्विमिंग से अलग है। आप देखें कि अमिताभ बच्चन आज भी सीखने की बात कहते हैं। ‘औरंगजेब’ के समय पहली बार लगा कि मैं किरदार मेंं घुस गया हूं। अपने कैरेक्टर की ओपनिंग के सीन में एहसास हुआ कि मुझे अब एक्टिंग ही करनी है और मैं कर सकता हूं। उसके बाद से मेरी मेहनत बढ़ गई। अब कोशिश रहती है कि कैरेक्टर को क्रैक कर लूं।
मैं ‘गुंडे’ और ‘टू स्टेट्स’ की शूटिंग साथ कर रहा था। ‘टू स्टेट्स’ का हीरो एकदम नार्मल है, जबकि ‘गुंडे’ का किरदार ड्रैमेटिक था। ‘गुंडे’ हिंदी सिनेमा के पापुलर फार्मेट में था। ‘टू स्टेट्स’ में वह आम लडक़ों की तरह होता है। इसके संवाद याद कर के नहीं जाता था। वहीं बोल देता था। ताकि सब कुछ नैचुरल लगे। आप देखेंगे कि मैंने इसमें सब कुछ हल्का और शांत रखा है। कृष मल्होत्रा की जिंदगी में मैलोड्रामा नहीं है। रियल और रिलेटेबल किरदार है मेरा। कृष अगर जिंदगी में मिले तो मैं उसका दोस्त बन सकता हूं।
रखे हैं सधे कदम
सभी कहते हैं कि मैं सधे कदमों से आगे बढ़ रहा हूं। ‘इश्कजादे’ के दो दिनों बाद मैंने ‘टू स्टेट्स’ साइन की थी। इसकी कहानी वहां से आरंभ होती है, जहां बाकी फिल्में खत्म होती हैं। मैंने अभी तक किताब नहीं पढ़ी है। ‘टू स्टेट्स’ दो परिवारों की प्रेमकहानी है। अभी तक बगैर सोचे फिल्में साइन करता रहा हूं। अभी तो जो भी हो रहा है, नया हो रहा है। इसके बाद ‘फाईरिग फैनी फर्नांडिस’ आएगी। वह अंग्रेजी फिल्म है। इन दिनों ‘तेवर’ की शूटिंग कर रहा हूं। आगरा, मथुरा और वृंदावन से अभी तो लौटा हूं। उस फिल्म में मनोज बाजपेयी के साथ हूं। सोनाक्षी सिनहा भी हैं।
कोस्टार आलिया भट्ट
आलिया से फिल्म के पहले पार्टी वगैरह में मुलाकात हुई थी। ‘टू स्टे्टस’ के फोटो शूट में मेल-मुलाकात हुई। इस फिल्म के दरम्यान उन्होंने मुझे चौंका दिया। मैं उन्हें 19 साल की लडक़ी समझ रहा था। सेट पर उनके अप्रोच और काम ने मरा नजरिया बदल दिया। वह बहुत समझदार और होशियार लडक़ी हैं। दूसरी हीरोइनों की तरह लुक,बाल और मेकअप के लिए परेशान नहीं रहतीं। उनका सारा जोर सीन और एक्टिंग पर रहता है। वह दिखावे के लिए नहीं आई है। बहुत ही सीरियस है काम को लेकर। मैं उनकी इज्जत करने लगा हूं। आलिया भट्ट मेरी अच्छी दोस्त हो गई हैं।
आलिया के साथ मेरी प्रेम की चर्चाएं हो रही है। मुझे खुशी है कि चलो मेरी भी चर्चा तो हुई। अभी तक तो रणवीर सिंह के ही किस्से सुर्खियों में थे। प्रेम की इन खबरों का कुछ नहीं कर सकते। सच कहूं तो हमारी पीढ़ी के कलाकारों में खुलापन है। साथ में फिल्म की है तो साथ में समय बीत रहा है। फिल्म देखना, बाहर जाना, रेस्तरां में जाना ... यह सब तो यूथ की जिंदगी का हिस्सा है। कोई कॉलेज स्टूडेंट अपनी क्लास की लड़कियों के साथ ही न घूमेगा?
चेतन का बॉयोपिक नहीे है ‘टू स्टे्टस’
इस फिल्म के लिए चेतन भगत से टिप्स नहीं ली है। मेरे लिए यह चेतन भगत की स्टोरी नहीं है। यह कृष मल्होत्रा और अनन्या स्वामीनाथन की कहानी है। फिल्म में मुझे चेतन भट्ट का किरदार नहीं निभाना था। यह उनकी बॉयोपिक नहीं है। मैंने सुना है कि उन्हें यह फिल्म अच्छी लगी। अभी लंदन में थे तो किरदार को लेकर उनसे बातें हुईं, लेकिन अब तो फिल्म बन चुकी है।
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