फिल्म समीक्षा : रागिनी एमएमएस 2
हॉरर और सेक्स का मिश्रण
-अजय ब्रह्मात्मज
बालाजी मोशन पिक्चर्स की 'रागिनी एमएमएस 2' अपने इरादे में स्पष्ट है।
हॉरर और सेक्स के मेल से आम दर्शकों के मनोरंजन के लिए बनी यह फिल्म अपने
मकसद में सफल रहती है। निर्देशक भूषण पटेल ने पिछली फिल्म के तार नई फिल्म
की कहानी से जोड़ दिए हैं। साथ ही एक अघोषित प्रयोग भी किया है। 'रागिनी
एमएमएस 2' में सनी लियोनी स्वयं के किरदार में हैं। इस फिल्म के लिए चुनने
के साथ उन्हें उनके अतीत के संदर्भ के साथ पेश किया गया है। अगर
निर्माता-निर्देशक 'जिस्म 2' का भी हवाला दे देते तो संदर्भ दमदार हो जाता।
'रागिनी एमएमएस' की घटना से प्रभावित फिल्मकार उस खौफनाक घटना पर फिल्म
बनाना चाहता हे। फिल्म के लिए वही उसी शापित बंगले में जाता है। सनी
लियोनी अपने किरदार के बरे में जानने-समझने के लिए मेंटल हॉस्पिटल में
भर्ती रागिनी से मिलती है। हंसी-मजाक के माहौल में फिल्म की शूटिंग आरंभ
होती है। शुरू में सब कुछ सामान्य रहता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा की रात
सब कुछ गड़बड़ होने लगता है। बंगले में बंधी चुड़ैल जाग जाती है और वह एक-एक
कर सभी की जान लेती है। लेखक-निर्देशक ने इस बार एक मनोचिकित्सक को भी रखा
है, लेकिन दुर्भाग्य से वह फिल्म के क्लाइमैक्स में विज्ञान को भूल
तंत्र-मंत्र का ही सहारा लेती है।
सनी लियोनी हिंदी फिल्मों में आने के पहले पोर्न स्टार रही हैं। फिल्म
का एक किरदार जब ताने मारने के साथ सनी को छेड़ता है और चुनौती देता है तो
वह पोर्नो के लिए उपयोगी 'आह..उह' का प्रदर्शन करती है और चुनौती देती है
कि जरा वैसा अभिनय कर के दिखाए। बतौर अभिनेत्री सनी लियोनी की स्वीकृति में
अभी तक उनका अतीत आड़े आ रहा है। इस फिल्म में सनी लियोनी ने अपने किरदार
के साथ जीने की कोशिश की है। बाकी अपनी छवि के इस्तेमाल में उन्हें कोई
हिचक नहीं रही है। हिंदी फिल्मों में ऐसी अभिनेत्रियों की कमी है, जो अपनी
देह को लेकर स्वच्छंद और मुक्त हों।
'रागिनी एमएमएस 2' में हॉरर के साथ सेक्स का उत्तेजक मिश्रण है। खौफ और
सेक्स के इस मिश्रण को लाइट, साउंड और सोशल इफेक्ट के तकनीक के जरिए
रोमांचक और उत्तेजक बनाने की अच्छी कोशिश की गई है। ऐसी फिल्मों के विशेष
दर्शक हैं। उन्हें 'रागिनी एमएमएस 2' पसंद आएगी।
[अवधि-119 मिनट]
**1/2 ढाई स्टार
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