दरअसल : साथ आना अमिताभ बच्चन और हनी सिंह का
-अजय ब्रह्मात्मज
खबर है कि हनी सिंह अमिताभ बच्चन के साथ ‘भूतनाथ रिटन्र्स’ फिल्म का एक गीत गाएंगे। इस खबर को उलट कर भी पढ़ा जा सकता है। जी हां,अमिताभ बच्चन हनी सिंह के साथ गीत गाएंगे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हनी सिंह की मांग अभी सबसे ज्यादा है। उनके गाए गीत लोकप्रिय हो रहे हैं। किसी भी फिल्म की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए उनके गाए गीतों का इस्तेमाल हो रहा है। इसी कड़ी में ‘भूतनाथ रिटन्र्स’ के गीत की योजना बनी है। भूषण कुमार भी अपने पिता गुलशन कुमार की तरह जब किसी गायक को या संगीतकार को पसंद करते हैं तो उसे भरपूर मौके देते हैं। इन दिनों वे हनी सिंह पर कृपावान हो गए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि भूषण कुमार की पिछली फिल्म ‘यारियां’ को हिट कराने में हनी सिंह के गीत का बड़ा योगदान रहा। वे ‘भूतनाथ रिटन्र्स’ में इसी लाभप्रद संयोग को दोहरा रहे हैं।
हनी सिंह की बात करें तो चलन के मुताबिक वे इन दिनों सभी की पसंद बने हुए हैं। हर बार कुछ सालों के अंतराल पर पंजाब से कोई एक नई आवाज आती है और वह हर जगह गूंजने लगती है। सुखविंदर,दलेर मेंहदी,मीका और अब हनी सिंह ़ ़ ़ इन सभी ने अलग-अलग दौर में हिंदी सिनेमा के गीत-संगीत को प्रभावित किया है। पिछले दो दशकों में पंजाबी संगीत ने हिंदी सिनेमा में खास जगह बना ली है। फिल्म की कथाभूमि कहीं की भी हो,उसमें एक-दो गीत पंजाबी लहजे,शब्दों और बीट के जरूर डाल दिए जाते हैं। कोशिश और चाहत यह रहती है कि वह गीत प्रोमो के काम आए और फिल्म को हिट करने में सहायक हो। निर्माता-निर्देशकों के सामने ऐसी अनेक फिल्मों के उदाहरण है,जिनमें पंजाबी गीतों के होने से लाभ हुआ।
लकीर की फकीर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हर नई कामयाबी को असफल होने तक घिसती है। कुछ फिलमों पहले तक मीका सिंह सबकी पसंद बने हुए थे। यहां तक कि निर्देशक उनके ऊपर गाने शूट करने से भी नहीं हिचकते थे। हाल ही में आई नीला माधव पांडा की ‘बबलू हैप्पी है’ में मीका के एक गीत का ऐसा ही नाहक इस्तेमाल किया गया था। मतलब यह कि निर्देशक लोकप्रिय गायकों के लिए फिल्म की कहानी और स्वर में विक्षेप पैदा करने से भी नहीं हिचकते। मालूम नहीं कि ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ में हनी सिंह के गीत का कितना और कैसा सदुपयोग होगा? फिलहाल कोई भी यह सवाल नहीं पूछ सकता। हिंदी फिल्मों में लोकप्रियता के कारणों को लेकर संशय या सवाल नहीं किए जाते। सभी के लिए यह खबर ही काफी है कि अमिताभ बच्चन और हनी सिंह साथ गाएंगे।
अमिताभ बच्चन की प्रासंगिकता की खोज करें तो उन्होंने हमेशा वक्त के साथ चलने की कोशिश की है। वे इस बात की परवाह नहीं करते कि नई प्रतिभा उनके साथ आने योग्य है या नहीं ? उनके लिए इतना ही काफी रहता है कि अगर कोई लोकप्रिय है तो उसके साथ चलना चाहिए। कुछ पाठकों को याद होगा कि दलेर मंहदी की पॉपुलैरिटी के दिनों में अतिाभ बच्चन ने दलेर मेंहदी के साथ ‘मृत्युदाता’ फिल्म का गीत गाया था। खुद को वापिस जमाने के उस असुरक्षित दौर में उन्होंने गोविंदा के साथ कमर भी मटकाए थे। अमिताभ बच्चन अपनी फिल्मों और लोकप्रियता के लिए नई प्रतिभाओं का उपयोग करने से नहीं हिचकते। उन्होंने किसी समय अदनान सामी के साथ भी गीत गाए थे। एक ही बात गौर करने लायक है कि वे स्थापित हो चुके लोकप्रिय प्रतिभाओं का ही साथ लेते हैं। कितना अच्छा हो कभी वे किसी नई प्रतिभा को अपने साथ आने और गाने का पहला मौका दें। कभी यह सवाल उनसे पूछ लिया जाए तो वे बड़ी विनम्रता से अपनी लाचारी जाहिर कर देते हैं। हनी सिंह के साथ गीत गाने का श्रेय भी वे किसी और को सहर्ष दे देंगे।
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