निर्माता बन कर खुश हैं दीया मिर्जा
-अजय ब्रह्मात्मज
फिल्म निर्माण में सक्रिय दीया मिर्जा मानती हैं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में निर्माता की छवि किसी सेठ जैसी हो गई है। ऐसा लगता है कि उसका काम केवल चेक काटना भर है। वह फिल्म निर्माण को अपने सपनों का ही विस्तार मानती हैं। उनकी दूसरी फिल्म ‘बॉबी जासूस’ इन दिनों हैदराबाद में शूट हो रही है। इस फिल्म में विद्या बालन फिल्म की शीर्षक भूमिका निभा रही हैं।
दीया कहती हैं, ‘मैं फिल्म निर्माण को एक ऐसे बड़े मौके के तौर पर देखती हूं, जब आप अपनी पसंद की कहानियां फिल्मों में बदल सकते हैं। कैमरे के सामने एक्ट करने से यह बड़ी और जिम्मेदार भूमिका होती है। फिल्म की स्क्रिप्ट के पहले शब्द से लेकर उसके थिएटर में लगने तक की प्रक्रिया का हिस्सा बनना बहुत ही रोचक और क्रिएटिव होता है। फिल्म देख कर दर्शकों की प्रतिक्रिया से सुख मिलता है। मैं इसे एक चुनौती के रूप में लेती हूं। इस चुनौती का आनंद एक बार उठा चुकी हूं। इस बार और ज्यादा मजा आ रहा है।’
वह आगे बताती हैं, ‘लोग मुझ से हमेशा पूछते हैं कि कैमरे के आगे और पीछे में मुझे कहां अधिक आनंद आता है? मेरे ख्याल से दोनों ही अलग दुनिया है। किसी भी फिल्म में एक्टर की भूमिका मुख्य रूप से अपने किरदार तक सीमित रहती है। निर्माता बनने पर पूरी फिल्म को संपूर्णता तक पहुंचाने का जोश रहता है।’
दीया आश्वस्त करती हैं, ‘मेरी फिल्में खूबसूरत होने के साथ अंदर से भरी हुई रहेंगी। मैं खोखली और खूबसूरत फिल्म नहीं बना सकती। मैं अपनी पीढ़ी की कहानी कहना चाहती हूं। अपने और उनके अनुभवों और समझ में आ रहे परिवर्तनों की झलक दिखाना चाहती हूं। मुझे याद है कि निर्माण में उतरते समय मेरे दोस्तों ने मुझे मना किया था। वे झंझटों और मुश्किलों की बातें बता रहे थे। अभी कह सकती हूं कि मुझे अब तक किसी और काम में ऐसा सुख और आनंद नहीं मिला है।’
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