फिल्म समीक्षा : महाभारत (एनीमेशन)
साधारण कोशिश
-अजय ब्रह्मात्मज
एनीमेशन फिल्म 'महाभारत' की एकमात्र खूबी इसके परिचित चरित्रों को मिली
पापुलर कलाकारों की आवाज है। अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, मनोज बाजपेयी,
विद्या बालन, सनी देओल, जैकी श्रॉफ, अनुपम खेर आदि ने विभिन्न चरित्रों को
आवाज दी है। साथ ही उन चरित्रों को कलाकारों का चेहरा भी दिया गया है।
'महाभारत' कॉस्ट्यूम ड्रामा होता तो इन कलाकारों को परिचित चरित्रों के रूप
में स्वीकार करने में दिक्कत नहीं होती। उनके भावहीन चेहरे मुखौटे की तरह लगते हैं। एनीमेशन में परिचित कलाकारों को
कॉस्ट्यूम में देखना आंखें को नहीं रमता। इस फिल्म में एनीमेशन में अधिक
मेहनत नहीं की गई है। संवादों में व्यक्त भाव चेहरे पर नहीं दिखाई पड़ते।
ऐसा लगता है कि साधारण तरीकेसे फिल्म पूरी कर दी गई है। हालांकि आज की
पीढ़ी से जोड़ने की कोशिश आरंभ और अंत के दृश्यों में दिखाई पड़ती है, लेकिन
क्या 'महाभारत' सिर्फ दो भाइयों की लड़ाई की कहानी है? 'महाभारत' की परिचित
कथा को संक्षेप में पेश करने में लेखक-निर्देशक ने ज्ञात और लोकप्रिय
घटनाओं को ही शामिल किया है। फिल्म के तकनीकी पक्ष में अधिक मेहनत नहीं की
गई है, इसलिए पूरी कोशिश साधारण रह जाती है। इस साधारण फिल्म में लोकप्रिय
कलाकारों की आवाज का सदुपयोग नहीं हो सका है।
अवधि- 125 मिनट
** दो स्टार
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