फिल्‍म समीक्षा : धूम 3

डांस,बाइक और चेज 
-अजय ब्रह्मात्‍मज 
'धूम' सीरिज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं जय और अली। इस बार वे चोर को पकड़ने के लिए शिकागो जाते हैं। चूंकिचोर चोरी करने के बाद हिंदी में संदेश छोड़ता है 'बैंक वाले तेरी ऐसी की तैसी', शायद इसलिए भारत से जय और अली को उन्हें पकड़ने के लिए बुलाया गया है। मजेदार तथ्य है कि 'विशेष दायित्व' निभाते समय वे चोर को पकड़ने में असफल रहते हैं। फिर बाकी हिंदी फिल्मों की तरह दायित्व से मुक्त होने के बाद उनका दिमाग तेज चलता है और वे चोर को घेर लेते हैं। लेकिन इस बार भी चोर उन्हें चकमा देकर निकल जाता है। कैसे? फिल्म देखें।
जय और अली के रूप में अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा हैं। तारीफ करनी होगी कि पहली 'धूम' से लेकर अभी तक उनकी समनुरूपता बनी हुई है। वे जरा भी नहीं बदले हैं। 'धूम' सीरिज में चोर को ज्यादा स्मार्ट और रोचक बनाने के लिए उनको भोंदू दिखाना जरूरी होता है। इस बार स्मार्ट चोर आमिर खान हैं। जॉन अब्राहम और रितिक रोशन के बाद 'धूम 3' में आए आमिर खान को छबीली कट्रीना कैफ के साथ मिला है। दोनों के बीच स्टेज पर केमिस्ट्री दिखती है। खास कर डांस और सर्कस के करतबों में उनकी जोड़ी प्रभावशाली है। करतब और डांस में निर्देशकऔर संबंधित तकनीशियनों ने भी काफी मेहनत की है। आमिर खान और कट्रीना कैफ भी अपनी तरफ से कसर नहीं रहने देते। इसकेअलावा आमिर खान की हैरतअंगेज बाइक ड्रायविंग है।
बाइकऔर चेज 'धूम' सीरिज का खास बात है। 'धूम 3' में भी इनका भरपूर इस्तेमाल हुआ है। मुख्य रूप से तीन चेज हैं, जिनमें हमेशा की तरह चोर कामयाब रहता है। चोर बने साहिर के पास अत्याधुनिक बाइक है, जो हवा में कुलांचे भरती है और जरूरत पड़ने पर मोटरबोट भी बन जाती है। 'धूम 3' तकनीकी स्तर पर प्रभावित करती है। एक्शन भी जोरदार है। लंबे समय के बाद आमिर खान एक्शन दृश्यों में आए हैं। जॉन अब्राहम और रितिक रोशन की तरह उन्हें भी देहयष्टि दिखानी पड़ी है। आमिर ने मेहनत की है, लेकिन उनके पास उनके जैसा आर्कषक शरीर सौष्ठव नहीं है। इमोशनल दृश्यों को आमिर खान अच्छी तरह निभा ले जाते हैं। कट्रीना कैफ की चपलता आकर्षक है। उनकेडांस में स्फूर्ति, गति और लयात्मकता है। उनसे नजर नहीं हटती। भाव प्रदर्शन और संवाद अदायगी में वह पिछड़ जाती हैं। 'धूम 3' में भी यही हुआ है। जब तक वह डांस और करतब करती हैं, तब तक बहुत प्रभावशाली लगती हैं। बाकी दृश्यों में वह आमिर खान का साथ नहीं दे पातीं। वैसे लेखक-निर्देशक ने कम नाटकीय दृश्य देकर उनकी कमी छिपाने की अच्छी कोशिश की है। विजय कृष्ण आचार्य ने 'धूम3' के दृश्य लंबे रखे हैं। फिल्म भी थोड़ी लंबी हो गई है।
शिकागो शहर का सिटीस्कोप इस फिल्म में दिखाई देता है। शहर की खूबसूरती और भव्यता भी फिल्म में प्रभाव में सहायक बनती है। सर्कस के करतब और डांस परफारमेंस के लिए बने सेट आकर्षक हैं। टैप डांस में आमिर खान का कौशल नजर आता है। पता चलता है किअभ्यास और एकाग्रता से कलाकार नए कौशल सीख सकते हैं।
'धूम' सीरिज अपने गीत-संगीत के लिए भी लोकप्रिय है। 'धूम 3' का गीत-संगीत उसी प्रवाह में है। कुछ गीतों का फिल्मांकन नयनाभिरामी है, लेकिन कुछ गीत अनावश्यक भी लगते हैं। सुदीप चटर्जी के खूबसूरत छायांकन से दृश्य-परिदृश्य सुहावने लगे हैं।
अवधि-172मिनट
 *** 1/2 साढ़े तीन स्‍टार

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