कृष 3 में दिखेंगे मानवर
-अजय ब्रह्मात्मज
हम फिल्मों में मानवों को देखते हैं। वे ही अल-अलग किरदार बन कर आते हैं। कुछ फिल्मों में जानवर भी होते हैं। मानव और जानवर से अलग कोई जीव देखा है कभी? राकेश रोशन ‘कृष 3’ में मानवरों को लेकर आ रहे हैं। मानवर यानी म्यूटैंट। सुपरहीरो फिल्मों में म्यूटैंट दिखते रहे हैं। ‘कृष 3’ में भी म्यूटैंट हैं। राकेश रोशन ने उन्हें हिंदी नाम दिया है। काफी सोच-विचार के बाद सभी लेखकों की सहमति से म्यूटैंट के लिए मानवर शब्द उपयुक्त माना गया। मानव और जानवर के योग से बना मानवर। ‘कृष 3’ में कृष की लड़ाई मनुष्यों से नहीं होती। इस बार वह मानवरों से लड़ रहा है। इस फिल्म का खलनायक काल अलग-अलग किस्म के मानवर बनाता है। फिल्म देखने पर मालूम होगा कि कृष से लडऩे के लिए वह मानवरों को क्यों भेजता है? हर एक्शन सीन में रितिक का मुकाबला एक नए मानवर से होता है। हर मानवर की अपनी खूबी है। कोई मानवर जीभ से लड़ता है। कोई भारी से भारी सामान उठा सकता है तो कोई अदृश्य रहता है। काल के साथ रहने वाली काया रूप बदलने में माहिर है। वह अपना रंग भी बदल लेती है। वास्तव में वह गिरगिट से बनी मानवर है। इतने सारे इंटरेस्टिंग मानवरों को दर्शक पहली बार पर्दे पर देखेंगे। काल बहुत ही शक्तिशाली खलनायक है। उसकी ताकत के आगे कृष खड़ा नहीं हो सकता। फिल्म में काल सूपरविलेन की तरह दिखेगा। इस फिल्म में कृष कभी भी झुंड से नहीं लड़ता है। हमेशा उसके सामने एक या दो ही विरोधी रहते हैं। इस फिल्म के लिए हर मानवर के लुक और कास्ट्यूम पर अलग से काम किया गया है। विदेशी विशेषज्ञों से भी मदद ली गई है। काल, काया और अन्य मानवरों को असली रूप देने में काफी समय लगा। एक मानवर गैंडा से बना है। लड़ते समय उसका सिंग निकल आता है। एक बिच्छू से बनी है तो उसकी चोटी बहुत ताकतवर है। एक मेढक से बना है। वह अपनी जीभ से लड़ता है। मानवरों की भूमिका में नए कलाकारों को लिया गया है।
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