कोई न संग मरे

मन रे तू काहे ना धीर धरे
ओ निर्मोही मोह ना जाने,  जिनका मोह करे
मन रे तू काहे ना धीर धरे |

इस जीवन की चढ़ती ढलती
धूप को किसने बांधा
रंग पे किसने पहरे डाले
रुप को किसने बांधा
काहे ये जतन करे |

उतना ही उपकार समझ कोई
जितना साथ निभा दे
जनम मरन का मेल है सपना
ये सपना बिसरा दे
कोई न संग मरे |
[Composer: Roshan;  Singer : Md. Rafi;  Lyrics : Sahir Ludhiyanvi Producer : Pusha Picture ; Director: Kidar Nath Sharma;  Actor : Pradeep Kumar]


Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को