‘हाईवे’ के हमसफर वीरा और महावीर

Imtiaz Ali Shooting for Highway at Aru Valley, Kashmir, 11-05-2013.jpg.jpg
-अजय ब्रह्मात्मज
    ‘हाईवे’ के हमसफर हैं वीरा त्रिपाठी और महावीर भाटी। दोनों अलग मिजाज के हैं, लेकिन इस सफर में साथ हैं। कुछ मजबूरियां हैं कि उनके रास्ते जुदा नहीं हो सकते। साथ-साथ चलते हुए उन्होंने देश के छह राज्यों के रास्ते नापे हैं। वे अनेक शहरों, कस्बों और गांवों से गुजर रहे हैं। दिल्ली की वीरा त्रिपाठी आभिजात्य परिवार की अमीर लडक़ी है। समझने की बात तो दूर रही,अभी उसने ठीक से दुनिया देखी ही नहीं है। दूसरी तरफ महावीर भाटी है। वह गूजर है। आपराधिक पृष्ठभूमि के महावीर को दुनिया के सारे गुर मालूम हैं। वह चालाक और दुष्ट भी है। दो विपरीत स्वभाव के किरदारों की रहस्यमय यात्रा की कहानी है ‘हाईवे’। इसे इम्तियाज अली डायरेक्ट कर रहे हैं और  निर्माता हैं साजिद नाडियाडवाला।
    वीरा त्रिपाठी और महावीर भाटी से हमारी मुलाकात पहलगाम में हो गई। पहलगाम से 16 किलोमीटर दूर है अरू घाटी। अरू घाटी में उपर पहाडिय़ों पर दोनों के मौजूद होने की खबर मिली थी। स्थानीय गाइड और सहायकों की मदद से घोड़े पर सवार होकर ऊपर पहुंचना था। दो दिन पहले बारिश हो जाने से फिसलन बढ़ गई थी। कीचड़ तो पूरे भारत में बेहिसाब मिलती है। यहां भी थी। घोड़ों को भी संभल कर चलना पड़ रहा था। बारिश होने से वादी धुल गई थी। हरियाली कुछ और हरी हो गई थी। पहाड़ों के शिखरों से लिपटी बर्फ दूधिया हो गई थी। बहरहाल, ऊपर पहुंचने पर हमें पहले बकरवाल समुदाय के सदस्य दिखे। यह काश्मीर की ऐसी घुमंतू जाति हैं, जो पूरे कुनबे के साथ मौसम के हिसाब से टहलती रहती है। अपनी भेड़ों और जानवरों के लिए चारे की तलाश में इस समुदाय के सदस्य कहीं भी डेरा डाल देते हैं। प्रकृति ही उनका घर-आंगन है।
    Alia Bhatt Shooting for Highway at Aru Valley, Kashmir, 9-05-2013.jpg.jpgढलान की एक जगह पर लकड़ी के मोटे कुंदों के ऊपर मिट्टी की बनी चौरस छतों के नीचे भी कुछ लोग रहते हैं। ऐसी ही एक जगह पर वीरा त्रिपाठी और महावीर भाटी की सांसें एक पेड़ के नीचे टहल रही थीं। उन सांसों की धमक के सहारे आगे बढऩे पर अविश्वसनीय दृश्य दिखा। एक पेड़ के सहारे वीरा त्रिपाठी अधलेटी सोई हुई थी। उसने लबादा पहन रखा था। उसके पांवों के पास घुटने मोड़ महावीर भाटी भी लेटा था। फटे चिथड़ों में वह थका उद्विग्न दिख रहा था। चारों तरफ की चहल-पहल से बेसुध दोनों दो पल का आराम ले रहे थे। हम विस्फारित नयनों से हिंदी फिल्मों के दो स्टारों को ऐसी अप्रत्याशित स्थिति में देख रहे थे। मुंबई में अमूमन सारे स्टार एयरकंडीशंड स्टूडियों में शूटिंग करते हैं। बीच में कभी आराम करना हो या खाली बैठना हो तो आरामदेह वैनिटी वैन रहता है। पहलगाम में अरू की घाटियों में दुनिया से बेखबर लेटे आलिया भट्ट और रणदीप हुडा को देखकर घोर आश्चर्य हुआ। पता चला कि पिछले कई दिनों से वे भी घोड़े पर चढक़र ऊपर घाटियों में आते हैं। बैठने के लिए किसी बड़े पत्थर का सहारा लेते हैं। लेटने और सोने के लिए खुले आकाश के नीचे की खुरदुरी पथरीली जमीन रहती है। धूप की गुनगुनाहट उन्हें हल्की ठंड में नरमी और गरमी देती है। वे भी घुमंतू हो गए हैं।
    अब तक आप समझ ही गए होंगे कि इम्तियाज अली की आगामी फिल्म ‘हाईवे’ की शूटिंग पिछले दिनों काश्मीर के पहलगाम में चल रही थी। वीरा त्रिपाठी और महावीर भाटी के किरदानों को निभा रहे आलिया भट्ट और रणदीप हुडा विषम परिस्थितियों में ‘हाईवे’ की शूटिंग करते हुए खुश और संतुष्ट थे। न चेहरे पर कोई शिकन और न होंठो पर कोई शिकायत। हरियाणा के कस्बे में पले-बढ़े रणदीप हुडा को तो ऐसे कठोर जीवन का अनुभव रहा है, लेकिन महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट को ऐसे हालात में खुश देख कर बेचैन आश्चर्य हो रहा था। मुंबई के जुहू इलाके में पली मैट्रो गर्ल आलिया भट्ट को जिंदगी में पहली बार धरती पर लेटने का मौका मिला था। हाथ-पांव और बालों में धूल, मिट्टी और पत्ते चिपक रहे थे। उन्हें कोई परेशानी नहीं थी।
    इम्तियाज अली के किरदार उन दिनों यात्रा करते हुए काश्मीर पहुंच गए थे। उनकी मुलाकात बकरवाल समुदाय के सदस्यों से हो गई थी। आगे बढऩे से पहले वे कुछ समय वहीं बिता रहे थे। इस समुदाय के बच्चों के साथ वे दोनों भी खुश और आह्लादित नजर आ रहे थे। इम्तियाज अली को काश्मीर विशेष रूप से प्रिय है। उनकी हर फिल्म में काश्मीर के नजारे दिखाई पड़ते हैं। इस बार भी उनके किरदार सफर में हैं, लेकिन यह यात्रा पहले से अलग और हैरतअंगेज है।
  Alia Bhatt with local Sheperds (called 'Bakarwals'),  Shooting for Highway at Chandanwari, Kashmir, 09-05-2013.jpg.jpg  इम्तियाज अली बताते हैं कि ‘हाईवे’ की कहानी पर ही वे अपनी पहली फिल्म बनाता चाहते थे। तब यह संभव नहीं हो सका था। तीन फिल्मों की कामयाबी के बाद खुद उन्हें साहस हुआ और निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने उन पर भरोसा किया। ‘हाईवे’ वीरा और महावीर की दोहरी यात्रा है। आंतरिक और बाह्य यात्रा साथ-साथ चलती है। इस यात्रा में दोनों बदल रहे हैं थोड़ा-थोड़ा। सफर समाप्त होने पर पता चलेगा कि उनके अंदर क्या तब्दीली आई? उनके रिश्ते में क्या बदलाव आया? पता चला कि वे काश्मीर से दिल्ली जाएंगे। बहुत पहले दिल्ली से ही उन्होंने यह सफर शुरू किया था।


   


Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को