पिता पुत्र की डबल कामयाबी
-अजय ब्रह्मात्मज
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे पुराने कपूर परिवार की चौथी पीढ़ी के रणबीर कपूर और करीना कपूर लोकप्रिय और सक्रिय हैं। प्रेम और शादी की व्यस्तताओं से करीना कपूर करिअर पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे सकीं तो उनकी पिछली कुछ फिल्मों का बाक्स आफिस प्रदर्शन बुरा हुआ। अभी वह प्रकाश झा की ‘सत्याग्रह’ कर रही हैं। उम्मीद है कि प्रकाश झा की रियलस्टिक सिनेमा में वह ‘चमेली’ और ‘ओमकारा’ की तरह अपना वास्तविक प्रभाव दिखा सकेंगी। उनके चचेरे भाई रणबीर कपूर इन दिनों दर्शकों के दिलों की धडक़न बने हुए हैं। अभिनय, अपीयरेंस, व्यवहार, बातचीत और विनम्रता से उन्होंने सभी को आकर्षित कर रखा है। अच्छी बात है कि वे अपनी भूमिकाओं में निरंतर प्रयोग कर रहे हैं। ‘रॉकस्टार’ के बाद ‘बर्फी’ की विविधता से उन्होंने प्रशंसा और पुरस्कार दोनों बटोरे। हालांकि ‘बर्फी’ में कुछ विदेशी फिल्मों के दृश्यों की नकल से विवाद उठा, लेकिन रणबीर कपूर के परफारमेंस में किसी को कभी नहीं दिखाई दी।
रणबीर कपूर और करीना के पिता ऋषि कपूर और रणधीर कपूर अपने समय के लोकप्रिय अभिनेता रहे हैं। ऋषि कपूर ने अभिनय जारी रखा। रणधीर कपूर थोड़े सुस्त निकले। वैसे दोनों भाइयों को ‘हाउसफुल 2’ में देख कर अच्छा लगा था। ऋषि कपूर के करिअर पर गौर करें तो ‘लव आज कल’ के बाद उनकी फिल्मों की संख्या बढ़ गई है। भूमिका बड़ी और खास हो गई हैं। उन्हें पसंद भी किया जा रहा है। ‘अग्निपथ’ में रउफ लाला के किरदार में उन्हें अच्छी सराहना मिली। निगेटिव रोल के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले। हाल ही में रिलीज हुई ‘चश्मे बद्दूर’ में हम ने उन्हें गोवावासी जोसेफ के किरदार में देखा। इस फिल्म में भी उनकी अदाकारी पसंद आई। युवा कलाकारों के साथ डांस सिक्वेंस में वे एनर्जी के स्तर पर जरा भी कमतर नहीं लगे।
इस एनर्जी, जोश और फोकस से ही वे 60 की उम्र के बाद भी दर्शकों और निर्देशकों के चहेते बने हुए हैं। कामयाब फिल्मों का हिस्सा होने से उनकी मांग भी बढ़ी है। खुद ऋषि कपूर ने बताया कि उनके लिए सीन और किरदार लिखे जाते हैं। उन्हें तरजीह दी जाती है। हाल-फिलहाल में अमिताभ बच्चन के अलावा यह महत्व किसी और को नहीं मिला है। अपने यहां मान लिया गया है कि हीरो की भूमिकाओं में आ चुके अभिनेता बुजुर्ग होने के बाद बेकार हो जाते हैं। इसके दो कारण हैं। एक तो लाइमलाइट में न रहने से उनकी ग्रंथि सेट और सीन में दिखाई पड़ती है। दूसरे, पहले से सक्रिय चरित्र अभिनेताओं के बीच उन्हें जगह बनानी पड़ती है। खुशी की बात है कि ऋषि कपूर ने दोनों वजहों को झुठला दिया है।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का मजेदार तथ्य है कि कुछ पिता-पुत्रों को एक ही समय में फिल्मों में काम करने के मौके मिले हैं। उनमें पहली पिता-पुत्र जोड़ी पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर की है। एक अंतराल के बाद वही लोकप्रियता ऋषि कपूर और रणबीर कपूर को मिल रही है। रणबीर के फिल्मों के आने तक ऋषि कपूर ने रिटायरमेंट नहीं ली थी। वे इक्का-दुक्का फिल्म कर रहे थे। रणबीर कपूर के आने के बाद उनकी भी गति बढ़ी है। इस साल उनकी सात फिल्में रिलीज हो जाएंगी। और एक फिल्म में वे अपने बेटे के साथ दिखेंगे। अभिनव कश्यप की ‘बेशर्म’ में वे रणबीर कपूर के साथ एक खास किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म में रणबीर कपूर की मां नीतू सिंह भी हैं।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कपूर परिवार के पिता-पुत्रों के अलावा एक ही समय में सक्रिय अन्य जोडिय़ां देखें तो अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन का ध्यान सबसे पहले आता है। अभी दोनों ही सक्रिय हैं। इनके अलावा धर्मेन्द्र-सनी देओल और बॉबी देओल एवं विनोद खन्ना-अक्षय खन्ना, राहुल खन्ना दिखाई पड़ते हैं।
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