संजय दत्त
-अजय ब्रह्मात्मज
नि:स्संदेह संजय दत्त की लोकप्रियता में बीस
सालों के बाद भी कोई कमी नहीं आई है। पिछली बार अप्रैल, 1993 में जेल जाने
के समय वे अपने करियर के उत्कर्ष पर थे। साजन और यलगार जैसी हिट फिल्मों से
पॉपुलर स्टार की अगली कतार में खड़े संजय दत्त की खलनायक रिलीज होने वाली
थी। मुंबई बम धमाके में उनकी संलग्नता की खबर आने के बाद ही उनकी गिरफ्तारी
की संभावना बढ़ गई थी। फिर भी उनके आशावादी मित्र सोच रहे थे कि पिता
सुनील दत्त अपनी साख का इस्तेमाल करेंगे और उन्हें गंभीर सजा से बचा लेंगे।
सुनील दत्त ने हमेशा संजू बाबा को सही राह पर लाने की कोशिश की। उनके
दुर्गुणों को जानते हुए भी वे उनसे बेइंतहा प्यार करते रहे। 1993 में वे
चाहकर भी अपने बेटे को जेल जाने से नहीं बचा सके क्योंकि तब उनका बेटा
राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया गया था।
फिर भी पिता होने के नाते उन्होंने संजय को जरूरी भावनात्मक संबल दिया।
कोर्ट के चक्कर से लेकर जेल जाने के बाद उनकी रिहाई और उन्हें सामान्य
जिंदगी में लाने की हर कोशिश की। कोर्ट में हथियार रखने का मामला साबित
होने के बाद भी उनके प्रति फिल्म बिरादरी की सहानुभूति में कोई कमी नहीं आई
थी। ज्यादातर यही मानते थे कि उन्होंने परिवार की सुरक्षा के लिए
भावनात्मक जल्दबाजी में एक गलत निर्णय ले लिया था। पिछली बार जेल जाने से
उनकी कई निर्माणाधीन फिल्में रुक गई थीं। उनमें से कुछ तो बन भी नहीं सकीं।
एक अनुमान के मुताबिक तब फिल्म इंडस्ट्री को लगभग 60 करोड़ रुपये का नुकसान
हुआ था।
1995 में जमानत पर जेल से छूटने पर फिल्म इंडस्ट्री ने उनका जोरदार
स्वागत किया। उन्हें धड़ाधड़ फिल्में मिलीं। अपनी इस दूसरी पारी में उन्होंने
दाग: द फायर, वास्तव और मुन्नाभाई एमबीबीएस जैसी फिल्में कीं। मुन्नाभाई
एमबीबीएस ने उनकी धूमिल छवि को भी साफ किया। संजू बाबा फिर सभी के चहेते बन
गए। वह अपनी पीढ़ी के उन गिने-चुने अभिनेताओं में हैं, जिनका बाजार अब तक
बरकरार है। ताजा उदाहरण, उनकी पिछली रिलीज जिला गाजियाबाद है। सिर्फ उनकी
मौजूदगी की वजह से इस फिल्म ने औसत से बेहतर कलेक्शन किया।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के वक्त उनकी चार फिल्मों की शूटिंग चल
रही है। हाल में वे राजस्थान से राजकुमार हिरानी की फिल्म 'पीके' की शूटिंग
कर लौटे थे। इस फिल्म में वे आमिर खान के साथ महत्वपूर्ण भूमिका में हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस फिल्म के महत्वपूर्ण हिस्सों की शूटिंग अभी बाकी है।
उनकी फिल्म 'पुलिसगीरी' में भी थोड़ा काम बाकी है। यह फिल्म 14 जून को
रिलीज होने वाली है। हालांकि जंजीर के निर्माता बता रहे हैं कि उनकी फिल्म
इस सजा से नहीं अटकेगी, लेकिन अंदरूनी खबरों के मुताबिक फिल्म में उनका काम
बाकी है।
एक ही तरीका है कि एक महीने की मिली मोहलत में बचे हिस्सों को
जल्दी-जल्दी शूट कर लिया जाए या फिर उनके किरदार में फेरबदल कर दिया जाए।
राजस्त्रह्नमार गुप्ता की फिल्म 'घनचक्कर' में उनकी सिर्फ झलक दिखनी है।
इसलिए ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। करन जौहर की 'उंगली' के बारे में कहा जा रहा
है कि उसमें संजय दत्त का काम खत्म हो चुका है। पिछले दिनों मुन्नाभाई.
सीरीज की तीसरी कड़ी के लिए जॉली एलएलबी के निर्देशक सुभाष कपूर के नाम की
खबर आई थी। निश्चित ही यह फिल्म निकट भविष्य में फ्लोर पर नहीं जा पाएगी।
सुभाष मानते हैं कि संजय के बगैर मुन्नाभाई. सीरिज की कल्पना नहीं की जा
सकती।
संजू बाबा के अब जेल जाने से मोटे अनुमान के मुताबिक लगभग 130 करोड़ का
निवेश अधर में अटकेगा। यह राशि उन फिल्मों में लगे पैसे पर आधारित है जिनकी
शूटिंग चल रही है। उनके जेल जाने से कई प्रोजेक्ट तैयारी पर ही रोकने
पड़ेंगे। पिछली बार जेल से लौटने के बाद संजय ने अपने जीवन को संवारा और
जिम्मेदार पारिवारिक व्यक्ति के तौर पर उभरे। उन्होंने मान्यता से शादी की,
जिनसे उनके दो बच्चे हैं।उन बच्चों को क्या पता था कि उनके पापा ने उनके जन्म के पहले ऐसा संगीन अपराध किया था, जिसकी सजा अब मिली। दोनों बच्चे फिल्म बिरादरी के किसी भी सदस्य से ज्यादा अपने पिता की कमी महसूस करेंगे।
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