उन छः में शामिल तुम भी थे, ये काम तो है हमदर्दों का
खुर्शीद अनवर जैसे अनेक दोस्तों के जज्बे को सलाम करते हुए स्वांग की यह प्रस्तुति....
बुरकी बुरकी विच मलाया
केड़ा ऐ तू जाप जपाया
फिकरां दा तू रोणा पा के
क्यूं बस मैनू डरना सखाया
माँ नी मेरी में नई डरना
तेरे वरगा में नई बणना
डुब डुब जाना में नई तरना
में तां अखां बंद कर तुरना
फड के जुत्ती हथ विच खड़ना
में तां अखां बंद कर तुरना
डुब डुब जाना में नई तरना
में तां अखां बंद कर तुरना
माँ नी मेरी में नई डरना
तेरे वरगा में नई बणना
ये काम नहीं है शहरों का
ना रात का ना दोपेहरों का
ना ख़ाली ख़ाली सड़को का
ना खिड़की का ना पर्दों का
कपड़े के नाप के फ़र्कों का
क्या मर्दों का नामर्दों का
उन छः में शामिल तुम भी थे
ये काम तो है हमदर्दों का
माँ नी मेरी मैं नई डरना
तेरे वरगा मैं नई बणना
माँ नी मेरी मैं नई डरना
तेरे वरगा मैं नई बणना
बाबा ये काम तुम्हारा है
तुम जब जब मुझसे कहते थे
बेटा घर जल्दी आ जाना
किस बात से इतना डरते थे
सामान हूँ चोरी हो जाउंगी
महसूस मुझको ये होता था
हर बार तुम उनको हिम्मत देते
जब जब मुझको यूँ रोका था
कुत्ते से भागने वालों की
वो बोटी नोच के खाते हैं
और आँख मिला के देखो तो
पिछवाड़े दुम दबाते हैं
उन छह में शामिल तुम भी थे
ये काम तो है हमदर्दों का
धरम तेरा, तेरा रब भी डरदा
ओन्ना ज्योंही गल्लां करदा
कहंदे औरत बौणी होंदी
घर विच बैठी सोहणी होंदी
पंडित, मुल्ला, बाबा, क़ाज़ी
दुनिया एन्ना ख़ूब नवाज़ी
मैं नी एन्ना मथे लौणा
मर के तेरे कोल नी औणा
रब्बा तेरे कोल नी औणा
डुब डुब जाणा मैं नी तरना
मैं ता अखां बंद कर तुरना
फड के जुत्ती हाथ विच खड़ना
मैं ता अन्खां बंद कर तुरना
माँ नी मेरी मैं नई डरना
तेरे वरगा मैं नई बणना
ये काम पुलिसये तेरा है
तेरी सोच है बिल्कुल उन जैसी
नाड़े के अन्दर तेरे भी
एक आम मर्द का डेरा है
अस्मत प्यारी तो घर में बैठ
तू उनके सुर में गाता है
तुम खाते पीते जुर्म के फीते
बूटों में कस के बांधे हो
तुम से क्या उम्मीद करूँ
वो सर तुम उनके काँधे हो
तुम हो ये सोच के निर्भय जीना
जान की बाज़ी सट्टा है
तेरी धौंस में तेरी पूँछ दिखे है
और गले में खादी पट्टा है
उन छह में शामिल तुम भी थे
ये काम तो है हमदर्दों का
ये काम तो नेता तेरा है
तेरी कौम के थे वो छः के छः
दो हज़ार दो, बानवे में
तुम ख़ुद सलवारें खींच रहे थे
और पेड़ गिरा जब चौरासी में
उस आड़ में कैसे लीच बने थे
तूने इनको दाना डाला
ये तेरे पाप की झांकी है
सब तेरी चक्की खाने वाले
ये तेरे संगी साथी है
घड़ियाल बना तू झंडा अपना
तू बाप है कैसे कैसों का
उन छः में शामिल तुम भी थे
ये काम तो है हमदर्दों का
देश मेरे आज़ाद में सुणया
फिर मैं क्यू करां ग़ुलामी
न मैं सुपने वेखे राजा
न मैं बणना राणी
माँ नी मेरी मिट्टी मूरत
मैं नी गूंगा पत्थर बणना
फड के जुत्ती हाथ विच खड़ना
मैं ता अंखा बंद कर तुरना
डुब डुब जाणा मैं नई तरना
मैं ता अंखा बंद कर तुरना
और तुम जो मेरे आस पास हो
लगातार ये करते जाओ
वारदात जब हो जाए
बहस करो पहाड़ गिराओ
तुम पर कोई अपराध हुआ तो
सिर्फ़ जान पे बन आती है
मुझ पर कोई हमला हो तो
इज़्ज़त बीच में क्यूँ आती है
है बराबरी की लड़ाई ये
गिनती होने की ज़िन्दो में
मत छुपाओ इस बड़े घाव को
जिस्म के ढाई इंचो में
वेख माये नी मैं लड़ के आई
कल्ली ओ छे पर ना डर के आई
हथ जदों लाया ओनू वड्या
हथ जदों लाया ओनू वड्या
लड़ी मैं जद ताई ओ नी थक्या
लड़ी मैं जद ताई ओ नी थक्या
थुक्या ओदे मुंह ते थुक्या
थुक्या ओदे मुंह ते थुक्या
थुक्या ओस्दे मुंह ते थुक्या
थुक्या ओदे मुंह ते थुक्या
माँ नी मेरी मैं नई डरना
तेरे वरगा मैं नई बणना
माँ नी मेरी मैं नई डरना
तेरे वरगा मैं नई बणना
नाज़ है मुझको अपने ऊपर
बेबस उनको कर के आई
बेबाक़ी से हँसने आई
मैं तो वापिस बसने आई
माँ नी मेरी मैं नई मरना
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