प्रेम देने में माहिर है बर्फी-रणबीर कपूर
-अजय ब्रह्मात्मज
-कल आप की फिल्म रिलीज हो रही है। क्या कहना चाहेंगे?
0 मैं क्या कहूं? फिल्म के ट्रेलर और गाने बहुत कुछ बोल-बता रहे हैं। यह फिल्म आप को हंसाने और रुलाने के साथ एक नजरिया भी देगी जिंदगी का। अभी इतना ही कह सकता हूं।दर्शक बताएंगे कि पैसा वसूल फिल्म हो पाई कि नहीं?
-बर्फी का किरदार क्या है?
0 मैं गुगा-बहरा हूं,लेकिन दस मिनट के अंदर आप किरदार के साथ हो जाएंगे। हम ने उसके गूंगे-बहरे होने पर ज्यादा जोर नहीं दिया है। बर्फी चालू चैप्लिन है। चार्ली चैप्लिन और मिस्टर बिन हमारी प्रेरणा रहे हैं। इस किरदार को अनुराग बसु ने ऐसे ढाला है कि दर्शकों को वह अपना लगे। हम गूंगे-बहरे होने के तकनीकी और मेडिकल तथ्यों में नहीं उलझे हैं। मुझे भाव-भंगिमाएं बनानी पड़ी हैं। बर्फी के एहसास दर्शक महसूस करेंगे।
-डोंट वरी,बी बर्फी का क्या तुक है?
0 एक मशहूर गीत है ़ ़ ड़ोंट वरी,बी हैप्पी। हमलोगों ने हैप्पी की जगह बर्फी कर दिया है। बर्फी भी खुशी की तरह का सनसाइन है। वह हमेशा खुशी बांटता है। वह प्यार देने में माहिर है। अगर उसे कोई वापस प्यार नहीं करता तो भी उसका दिल नहीं टूटता। वह मुस्कराता रहता है। प्रेरक भले ही चैप्लिन और बिन रहे,लेकिन यह अनुराग बसु का मौलिक क्रिएशन है।
-बर्फी में क्या सचमुच आप ने राज कपूर की नकल की है?
0 बिल्कुल नहीं। मैं उनका पोता हूं। पतली मूंछों और और टोपी की वजह से लोगों को समानता दिख रही होगी। राज कपूर खुद चैप्लिन से प्रेरित थे। दिल में भले ही गम हो,लेकिन चेहरे पर मुस्कराहट। उनकी शुरू की फिल्मों में चैप्लिन का असर देखा जा सकता है।
-आप की फिल्मों की पसंद अलहदा होती है। आप फिल्मी रिवाज से सेफ फिल्मेंक्यों नहीं करते?
0 स्पष्ट कर दूं कि मैं किसी एक्सपेरिमेंट में नहीं लगा हूं। मेरे लिए रॉकस्टार और बर्फी कमर्शियल फिल्में हैं। मैं सच्चाई,गहरी सोच और एहसास की फिल्में चुनता हूं। मेरे सारे निर्देशक अपनी फिल्मों के जरिए कुछ कहना चाहते रहे हैं। मुझे ऐसी फिल्मों के ही ऑफर आते हैं। मैं अलहदा होने की कोशिश नहीं करता हूं। हां,मैं किसी को फॉलो नहीं करना चाहता। किसी सुपरस्टार की कामयाब फिल्मों जैसी फिल्में नहीं करना चाहता। मैं भी कामयाब हीरो और सुपरस्टार बनना चाहता हूं।मैं अपना रास्ता खोज रहा हूं। मेरे लिए बर्फी सुपरहीरो है। उडऩे और विलेन को मुक्का मारने तक ही लुत्फ सीमित नहीं है। बर्फी ने मुझे सिखाया कि साधारण होने मेंं क्या खूबसूरती है। डर भी होता है बर्फी जैसी फिल्में करते समय कि कहीं मैं अपना समय बर्बाद तो नहीं कर रहाहूं।
-अनुराग बसु बदनाम हैं बांडेड स्क्रिप्ट नहीं तैयार करने केलिए। फिर आप कैसे राजी हो गए। सिर्फ आइडिया से या अनुराग बसु के कन्विक्शन से ़ ़ ़
0 बर्फी जैसी फिल्में ऐस ेही बनती हैं।यह फिल्म बनते-बनते बन गई है। मैं,प्रियंका चोपडा़ और इलियाना डिक्रूज सेट पर आते थे और अनुराग बसु के निर्देशों का पालन करते थे। किरदार और कहानी तय थी। बाकी सब इम्पू्रवाइजेशन है। जैसे कि अनुराग दादा आकर बताते थे कि बर्फी झिलमिल से मिलता है। अब मिलना और उस समय अपने हिसाब से एक्ट सोचना हमारा काम होता था। एक मोटा ढांचा रहता था,लेकिन अनुराग हमारी सलाह लेते थे। अनुराग ने आगाह कर दिया था कि मुझे टेक्नीकल और मेथड एक्टिंग नहीं चाहिए। एक ही जरूरत है कि सेट पर तू खुश रहे।
-बर्फी के बाद कौन सी फिल्में आएंगी?
0 इसके बाद अयान मुखर्जी की ये जवानी है दीवानी आएगी। उनके साथ मैंने वेकअप सिड किया था। उसके बाद अभिनव कश्यप की फिल्म बेशर्म शुरू करूंगा। फिर अनुराग कश्यप की बांबे वेलवेट आरंभ होगी।
-खबर थी कि पैसों की वजह से आपने बेशर्म छोड़ दी थी और फिल्म बंद हो गई थी?
0 ऐसी खबरों की सच्चाई आप जानते हैं। मैंने पहले भी कहा था कि मैं पैसों केलिए फिल्मों में काम नहीं करता। मैंने पूरी लाइफ पैसे देखे हैं। पैसों की वजह से कभी कोई फिल्मनहीं छोड़ूंगा या चुनूंगा। मुझे बेशर्म की स्क्रिप्ट पसंद आई है। अभिनव का मोटिवेशन मुझे अच्छा लगा। इस फिल्म में हम एक नई हीरोइन लेकर आएंगे।
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