उतरा क्रिकेट का खौफ

-अजय ब्रह्मात्‍मज
2 अप्रैल से सत्ताईस मई तक चले आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान इस साल ज्यादातर फिल्मों ने अपनी रिलीज की तारीखों में हेरफेर नहीं की। पिछले साल के अनुभव से फिल्म निर्माताओं वितरकों और प्रदर्शकों का विश्वास बना रहा। दो साल पहले जो घबराहट फैली थी, वह धीरे-धीरे छंट गई है। फिल्म बिजनेस और कलेक्शन के लिहाज से आईपीएल के क्रिकेट मैचों के दौरान भी फिल्में रिलीज हो सकती हैं। इस साल कुछ फिल्मों की कामयाबी ने यह भी साबित कर दिया कि फिल्मों का अलग मार्केट है। दर्शकों की रुचि बनी रहती है। उन्हें आईपीएल जैसे मैंचों से अधिक फर्क नहीं पड़ता।
इस साल आईपीएल मैचों के दौरान पांच फिल्में कामयाब रहीं। इन कामयाब फिल्मों में से एक हाउसफुल-2 ने तो 100 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया। इस फिल्म की चर्चा पहले से थी। माना जा रहा था कि साजिद नाडियाडवाला और साजिद खान की जोड़ी पिछली कामयाबी को दोहराएगी। वैसे कुछ ट्रेड पंडित अक्षय कुमार और आईपीएल की वजह से सशंकित रहे। फिल्म रिलीज हुई तो सारी शंकाए खत्म हो गई। आईपीएल सभी के लिए लकी रहा। फिल्म इंडस्ट्री में जिस तरह से सारे स्टार अपनी फिल्मों के लिए शुभ समय तय कर रहे हैं। संभव है अक्षय कुमार भी अपनी किसी फिल्म की रिलीज आईपीएल के दौरान सुनिश्चित कर लें। बाकी के त्योहार और तारीखें तो पॉपुलर स्टारों ने अपने नाम कर लिए हैं।
आईपीएल के दौरान कामयाब फिल्मों में हाउसफुल-2 सबसे आगे रही। उसके साथ इशकजादे, विक्की डोनर, हेट स्टोरी, और जन्नत 2 ने भी बॉक्स ऑफिस पर सफलता के परचम लहराए। इन कामयाब फिल्मों में इशकजादे यशराज फिल्म्स की फिल्म थी, जिसमें नवोदित स्टार अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा थे। फिर भी इस फिल्म को दर्शकों ने हाथोंहाथ लिया। भ˜ कैंप की जन्नत 2 तो इमरान हाशमी की वजह से पहले ही हिट मानी जा रही थी। संजय मासूम ने फिल्म के संवाद में केकेसी का उपयोग कर इसे आम दर्शकों के बीच पॉपुलर करवाने में बड़ी भूमिका निभाई। दिल्ली और उसके आसपास प्रचलित इस जुमले को सुनकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। हालांकि इस फिल्म की गालियां भद्र किस्म के कुछ दर्शकों को नागवार गुजरीं, लेकिन आम दर्शकों के बीच वही उसकी विशेषता बन गई।
विक्की डोनर और हेट स्टोरी तो सिर्फ अपने कंटेंट की वजह से चलीं। दोनों फिल्में एक ही शुक्रवार को रिलीज हुई और अलग-अलग समूह के दर्शकों के बीच खूब पसंद की गई। मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन के दर्शकों में कुछ कॉमन इंटरेस्ट होते हैं, लेकिन देखा जा रहा है कि दोनों के दर्शक एक-दूसरे से भिन्न भी हैं। विक्की डोनर मल्टीप्लेक्स के दर्शकों और हेट स्टोरी सिंगल स्क्रीन के दर्शकों की पसंद बनीं। दोनों में कोई पॉपुलर स्टार, डायरेक्टर या कोई आकर्षक आइटम भी नहीं था। इन दोनों फिल्मों की सफलता ने यह भी साबित किया कि कंटेंट स्ट्रांग और इंटरेस्टिंग हो तो दर्शक स्टारों की परवाह नहीं करते। अंतिम उद्देश्य और चाहत तो एंटरटेनमेंट ही है।
इन पांचों फिल्मों की सफलता ने आईपीएल का खौफ उतार दिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह खौफ हमेशा के लिए खत्म जाए। आईपीएल का आकर्षण आरंभिक सालों की तुलना में कम भी हुआ है। इस बार शाहरुख खान की टीम जीत गई। इसके बावजूद ऐसा नहीं लगता कि अगले साल आईपीएल का आकर्षण बढ़ेगा। दूसरे आईपीएल के मैचों में नेशनल फीलिंग जैसी बात नहीं रहती। जब इंटरनेशनल लीग या क्रिकेट मैच होते हैं तो उनके साथ राष्ट्रीय भावना जुड़ जाती है। वहां देश की टीम में भारत के सारे श्रेष्ठ खिलाड़ी रहते हैं।
आईपीएल में केवल क्रिकेटप्रेमियों की रुचि रहती है, जबकि इंटरनेशनल लीग वनडे और टेस्ट मैच में सामान्य दर्शक भी रुचि लेते हैं। फिल्मों का बाजार मुख्य रूप से दर्शकों पर निर्भर करता है और दर्शकों ने इस बार स्पष्ट कर दिया कि वे क्रिकेट मैचों से ज्यादा तरजीह फिल्मों को देते हैं।

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