फिल्म समीक्षा : विक्की डोनर
दर्शनीय है विक्की डोनर
-अजय ब्रह्मात्मज
अपनी शोहरत और दौलत का इस्तेमाल कर अनेक स्टार खुद की प्रोडक्शन कंपनी
की फिल्मों में स्वयं को ही अलग-अलग अंदाज में पेश कर रहे हैं। इस दौर और
माहौल में जॉन अब्राहम की प्रोडक्शन कंपनी जेए एंटरटेनमेंट की पहली फिल्म
विक्की डोनर खूबसूरत साहस और प्रयास है।
निर्देशक शूजित सरकार ने रोचक और रसीले तरीके से पंजाबी मुंडा और
बंगाली लड़की के प्रेमकहानी के बैकड्रॉप में स्वमे डोनेशन (वीर्यदान) का
परिप्रेक्ष्य रखा है। फिल्म की लेखिका जूही चतुर्वेदी ने नए विषय और विचार
की फिल्म को सरस रखा है। फिल्म के मुख्य कलाकारों अन्नू कपूर, आयुष्मान
खुराना, डोली आहलूवालिया, कमलेश गिल, जयंत दास ने लेखक-निर्देशक की
संकल्पना को पर्दे पर बखूबी उतारा है।
दिल्ली के परिवेश में ताजपत नगर का मध्यवर्गीय पंजाबी परिवार के बेरोजगार
विक्की और चित्तरंजन पार्क में रह रही बैंकस्टाफ आसिमा के बीच प्यार दिखाने
के लिए लेखक-निर्देशक ने हीरो-हीरोइन से न तो गाने गवाए हैं और न जबरदस्ती
के रोमांटिक सीन गढ़े हैं। विक्की और आवसिमा का प्रेम महानगरीय भागदौड़
में बैंक, बस स्टॉप, सड़क और सूने मैदान के सामने गाड़ी से टिक कर बतियाते
हुए होती है।
बधाई जूही और शूजित। चढ्डा की भूमिका में आए अन्नू कपूर इस फिल्म की
जान हैं। उन्होंने इस किरदार को हमेशा की तरह गहराई से समझा है। अपनी
भाव-भंगिमाओं में बगैर कोई ऊजजुलूल हरकत किए वे अपनी सादगी से हंसाते हैं।
लाउड कामेडी के अभिनेताओं और उनका दुरुपयोग कर रहे निर्देशकों को अन्नू
कपूर की विक्की डोनर अवश्य देखनी चाहिए। अन्नू कपूर इस फिल्म के नायक हैं।
अन्नू कपूर और आयुष्मान खुरान की जुगलबंदी से विक्की डोनर शुरू से आखिर
तक बांधे रखती है। उस्ताद अन्नू कपूर के शागिर्द के तौर पर आए आयुष्मान ने
बराबर कोशिश की है। वे सफल रहे हैं। लेखक-निर्देशक ने फिल्म की साइड
स्टोरी के रूप में विक्की की दादी और मां के बीच के अनोखे रिश्ते और आसिमा
के पिता के माडर्न दृष्टिकोण को बहुत अच्छे तरीके से चित्रित किया है। बिना
मर्द के परिवारों को भी औरतें कितनी अच्छी तरह संभाल सकती हैं।
विक्की की दादी और मां की शराबनोशी और उस दरम्यान चल रही बातों पर हंसी
आती है, लेकिन उनके संघर्ष और अकेलेपन का दर्द भी महसूस होता है। विक्की
से नाराज होकर जब आसिमा कोलकाता चली जाती है तो विक्की का पक्ष लेते हुए
अपनी बेटी के द्वंद्व और डर को उसके पिता सहज ढंग से समझा देते हैं।
विक्की डोनर दर्शनीय फिल्म है। यह वीर्यदान संबंधी भ्रांतियों और
पूर्वाग्रह को अप्रत्यक्ष तरीके से खत्म करती है। साथ ही देश की दो
संस्कृतियों के दुराग्रहों को दूर कर प्रेम और समन्वय स्थापित करती है।
*** 1/2 साढ़े तीन स्टार
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