जुड़े गांठ पड़ जाए
अभी पिछले दिनों शिरीष कुंदर ने ट्विट किया है कि झगड़े के बाद हुई सुलह से कुछ रिश्ते ज्यादा मजबूत हो जाते हैं, लेकिन मानव स्वभाव शब्दों के संविधान से निर्देशित नहीं होता। रहीम ने सदियों पहले कहा है, रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाये, टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाये..। यह गांठ और खलिस शिरीष कुदर, फराह खान और मुमकिन है कि शाहरुख खान के मन में भी बनी रहे। शाहरुख और फराह की दोस्ती बहुत पुरानी है। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के सेट पर सरोज खान से अनबन होने पर शाहरुख ने फराह को अपने गाने की कोरियोग्राफी के लिए बुलाया था। दिन पलटे। फराह सफल कोरियोग्राफर हो गईं। फिर शाहरुख ने ही उनकी बढ़ती ख्वाहिशों को पर दिए और मैं हूं ना डायरेक्ट करने का मौका दिया। शाहरुख के प्रोडक्शन को पहली बार फायदा हुआ, लेकिन उससे बड़ा फायदा फराह का हुआ। सफल निर्देशक के तौर पर उन्होंने दस्तक दी और शाहरुख के प्रोडक्शन की अगली फिल्म ओम शांति ओम से उनकी योग्यता मुहर लग गई। इसी बीच शिरीष का फराह के जीवन में प्रवेश हुआ। दोनों का विवाह हुआ और इसके गवाह रहे साजिद खान, साजिद नाडियाडवाला और शाहरुख।
शादी के बाद शिरीष ने संबंधों के उस स्पेस में अपने लिए जगह बनाई जो तब तक मुख्य रूप से शाहरुख के अधीन था। देखा गया है कि प्रेम या शादी के बाद सबसे पहले किसी नजदीकी दोस्त से रिश्ता दरकता है। शाहरुख और फराह का रिश्ता पहले सा नहीं रहा। फिल्म निर्माण-निर्देशन से जुड़े शिरीष की ख्वाहिशों ने करवट ली। शाहरुख ने इस बार उसे तरजीह नहीं दी। नतीजा इस रूप में सामने आया कि फराह ने अपने पति की इच्छाओं के लिए नई दोस्ती कर ली। गलतफहमी गाढ़ी हुई और फिर प्रेम का धागा चटक गया। फराह और शाहरुख ने मर्यादित व्यवहार बनाए रखा, लेकिन खार खाए शिरीष की अम्लीय टिप्पणियां सोशल नेटवर्क पर सामने आने लगीं। हद तब हुई, जब रॉ. वन की रिलीज और दर्शकों के रेस्पॉन्स पर शिरीष ने ट्विट किया, सुना 150 करोड़ का पटाखा फुस्स हो गया..। बॉक्स ऑफिस की मार झेल रहे शाहरुख के लिए टिप्पणी शूल साबित हुई। इमोशन लहूलुहान हुए और संबंधों में कड़वाहट आ गई।
यही कड़वाहट पिछले रविवार-सोमवार की रात हाथपाई के तौर पर सामने आई। शिरीष के व्यवहार और स्वभाव के जानकारों के मुताबिक वह पंगे के लिए उतारू थे। शाहरुख के सब्र का बांध टूटा। वे उत्तेजित हुए और उन्होंने हाथ छोड़ दिया। कहना मुश्किल है कि उस खास क्षण में क्या हुआ होगा, लेकिन जो सामने आया वह भद्दा और शर्मनाक था। मीडिया और इंडस्ट्री ने इस मौके पर संयम से काम नहीं लिया। बात को बतंगड़ और तिल को ताड़ बनाने की हर कोशिश की गई। अगले दिन कहते हैं संजय दत्त और साजिद खान की पहल पर शिरीष और फराह मन्नत गए और उन्होंने शाहरुख को मना लिया। फिलहाल ऊपरी तौर पर सुलह हो गई है और शांति दिख रही है, लेकिन दोस्ताने में पड़ी कलह भविष्य में किसी और रूप में जाहिर हो सकती है। सुहल से सब कुछ सुलझ जाए, तो फराह और शाहरुख की जोड़ी फिर से धमाल कर सकती है। थोड़ी फेर-बदल से उनकी स्थापित फिल्म हैप्पी न्यू ईयर आरंभ हो सकती है। फराह लोकप्रिय सिनेमा के तत्वों को बारीकी से समझती हैं और शाहरुख उन्हें बखूबी पर्दे पर उतारते हैं। करीबी बताते हैं कि शाहरुख के कैंप में शिरीष अच्छी तरह फिट नहीं हो पाए हैं। दोस्ती और दांपत्य दो अलग चीजें हो सकती हैं। दोनों रिश्तों को उनकी जरूरतों के साथ काजोल ने निभाया है। काजोल भी शाहरुख के कैंप की सदस्य हैं, जबकि अजय देवगन की इस कैंप से नहीं छनती। फिर भी कभी कोई अभद्र या अशोभनीय घटना आज तक नहीं सुनाई पड़ी।
उम्मीद की जानी चाहिए कि हमारे लोकप्रिय स्टार भविष्य में ऐसी अप्रिय घटनाओं में शामिल न हों। उन्हें अपने सामाजिक व्यवहार ध्यान रखना चाहिए कि वे समाज के आइकॉन हैं। उनसे संयत व्यवहार की उम्मीद की जाती है। आम नागरिक की तरह उनका लड़ना-झगड़ना सही नहीं लगता..।
Comments
अहंकार की ऊँची- लपटें, मनमानी करवाती हैं ।
लंकापति -रावण की मति को, दीवानी कर जाती हैं ।।