सच है कि इस इंडस्ट्री में पुरुषों की प्रधानता है-प्रियंका चोपड़ा

लेडी डॉन-अजय ब्रह्मात्‍मज
प्रियंका चोपड़ा की शाहरुख खान अभिनीत फिल्म डॉन-2 आ रही है। इसमें उनकी क्या भूमिका है और वे नया क्या कर रही हैं, बता रही हैं इस बातचीत में..

डॉन-2 की कहानी कितनी बदली और आगे बढ़ी है?

यह सीक्वल है। पिछली फिल्म खत्म होते समय सभी को पता चल गया था कि विजय ही डॉन है। यह फिल्म वहीं से शुरू होती है। चार साल बाद वही कहानी आगे बढ़ती है। रोमा महसूस करती है कि उसके साथ धोखा हुआ। उसे विजय से प्यार हो गया था, लेकिन विजय तो डॉन निकला।

फिर तो रोमा भी नाराज और अग्रेसिव होगी?

बिल्कुल.., बीच के चार सालों में ट्रेनिंग लेकर रोमा पुलिस ऑफिसर बन चुकी है। उसका एक ही मकसद है कि किसी तरह वह डॉन को पकड़े और उसे सीखचों के पीछे लाए। उनका आमना-सामना होता है तो उनके बीच नफरत और मोहब्बत का रिश्ता बनता है। चूंकि विजय ने उसे धोखा दिया है, इसलिए रोमा उससे बहुत नाराज है। पूरी फिल्म में लोग मुझे गुस्से में ही देखेंगे। उस गुस्से में एक मोहब्बत भी है, क्योंकि रोमा को प्यार तो उसी व्यक्ति से हुआ था।

सुना है कि आपने ऐक्शन किया है डॉन-2 में..। क्या हम उम्मीद करें कि द्रोण की तरह आप फिर से ऐक्शन करती दिखेंगी?

उतना ज्यादा तो नहीं है। इस फिल्म का ऐक्शन हाथापाई तक सीमित है। रोमा पुलिस ऑफिसर है तो कुछ तो ऐक्शन होगा ही। दोनों के बीच क्रिमिनल और पुलिस ऑफिसर का भी तो रिलेशनशिप है।

शाहरुख खान हमेशा आपके सपोर्ट में रहे हैं। उनके साथ फिल्म करने का मतलब निश्चित कामयाबी मानी जाती है। आप क्या सोचती हैं?

उनके साथ यह मेरी दूसरी फिल्म है और यह पिछली फिल्म की अगली कड़ी है। आपने सही कहा कि वे अपनी हीरोइनों के लिए लकी होते हैं। हमारी पिछली फिल्म सफल रही थी। इस फिल्म से भी वैसी ही उम्मीद है। शाहरुख की फिल्म को पर्याप्त दर्शक मिल जाते हैं।

और क्या-क्या चल रहा है? सुना है आप गाने भी गा रही हैं? दूसरी तरफ फिल्मों के फ्रंट पर भी बिजी हैं?

अभी तो बहुत कुछ हो रहा है। अग्निपथ पूरी हो चुकी है। जल्दी ही उसका प्रमोशन चालू होगा। उसके बाद बर्फी और कुणाल कोहली की फिल्म खत्म कर रही हूं मैं। मेरी कृष भी शुरू हो रही है। मेरा अंग्रेजी में एलबम आ रहा है।

एलबम के बारे में थोड़ा बताएंगी?

यह अंग्रेजी का एलबम है। विदेश में तैयार हो रहा है। इंटरनेशनल स्तर पर इसे रिलीज किया जाएगा। भारत में भी वह रिलीज होगा। खुद एलबम के गाने लिख रही हूं। गानों की रिकार्डिग के दौरान कई निर्माताओं से मुलाकात हुई। नए ढंग का एक्सपीरिएंस रहा। यह मुख्य रूप से पॉप एलबम है। कुछ लव सॉन्ग भी होंगे।

क्या आपने अपनी म्यूजिक कंपनी बनाई है या किस तरह का अरेंजमेंट हुआ है?

यह अमेरिका की मशहूर म्यूजिक कंपनी है। लेडी गागा, एमएनएम और दूसरे बड़े आर्टिस्ट के एलबम यहां से रिलीज हुए हैं। मुझे लगता है कि किसी इंडियन आर्टिस्ट के लिए यह बड़ा मौका है। मेरे लिए तो बहुत बड़ा अचीवमेंट है।

गाने का शौक कैसे और फिर एलबम लाने का इरादा क्यों हुआ? गाना ही था तो फिल्मों के लिए क्यों नहीं गाया?

सच कहूं तो मैं एक्टिंग के पहले से गीत गा रही हूं। पापा गायक रहे हैं। संगीत से हमारा वास्ता रहा है। उस तरफ ज्यादा ध्यान तब नहीं दे सकी। एक्टिंग में मेरा करियर 17 साल की उम्र में शुरू हो गया था, इसलिए गाने पर ध्यान नहीं गया। मुझे जब यूनिवर्सल से म्यूजिक के लिए अप्रोच किया गया तो मुझे लगा कि एक अच्छा प्लेटफार्म मिल रहा है, मैंने सोचा कि कर लेने में क्या हर्ज है? एक्टिंग तो कर ही रही हूं।

अग्निपथ और बर्फी के बारे में कुछ बताएंगी?

अग्निपथ में मैं काली की भूमिका निभा रही हूं। ओरिजनल फिल्म से यह किरदार बदल गया है। यह एक नया किरदार है। काली एक वेश्या की बेटी है, लेकिन वह वेश्यावृति में नहीं जाना चाहती। उसे विजय से प्यार है। विजय ही उसकी जिंदगी है। इस फिल्म में मैं एक चुलबुली मराठी लड़की का किरदार निभा रही हूं। वह मस्ती पसंद करती है। कुणाल कोहली की फिल्म का टाइटिल अभी तक नहीं मिला है। वह तीन युगों की कहानी है। तीन जन्मों में वह अपने प्रेमी से मिलती है। प्यार के रिश्ते में सात जन्मों की बात की जाती है, लेकिन यह फिल्म तीन जन्मों की है। कृष के बारे में अभी कुछ भी बताना जल्दबाजी होगी। कृष सुपरहीरो है और मैं उसका लव इंटरेस्ट हूं। कह सकती हूं कि अभी मेरे पास पर्याप्त काम है और हां, अनुराग बसु की बर्फी में ऑस्टिक गर्ल की भूमिका में हूं।

लगता है इंडस्ट्री ने हीरोइनों पर ध्यान देना शुरू किया है। इधर द डर्टी पिक्चर भी हिट हुई है और अब हीरोइन बन रही है?

मेरी लाइफ में तो फैशन आ चुकी है। इंडस्ट्री में आए चार साल भी नहीं हुए थे कि वह फिल्म मिली और उसके लिए अवार्ड भी मिले। अभी 7 खून माफ भी मैंने की। ठीक है कि फिल्म नहीं चली, लेकिन लोगों ने मेरे काम की तारीफ की। फिर कोई ऐसी फिल्म मिलेगी, तो जरूर करूंगी। इस बदलाव के बावजूद यह भी सच है कि इस इंडस्ट्री में पुरुषों की प्रधानता है। हमें पैसे कहां मिलते हैं। अगर मुख्य रोल है तो पैसे भी बढ़ने चाहिए। मुझे नहीं लगता कि ऐसी बराबरी कभी हीरोइनों को मिल पाएगी।

अभी की अभिनेत्रियों के लिए कितने काम हो गए हैं। फिल्मों के साथ बाकी सारी चीजें भी करनी पड़ती हैं। कैसे संतुलन बिठाती हैं?

मेरा मुख्य काम एक्टिंग है। यही मेरा पेशा है। फिल्म रहेंगी और चलेंगी, तभी दूसरी चीजें होती रहेंगी, इसलिए सबसे ज्यादा ध्यान फिल्मों पर देती हूं। बाकी मेरी एक टीम है, जो सभी चीजों और समय का ध्यान रखती है। अभी हमें क्या करना उनके लिए संतुलन बिठाना पड़ता है।

Comments

Anonymous said…
achcha interview hai...aap ki lekhni bhi kamal ki hai...

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को