रा. वन पर लगा शाहरुख खान का दांव
इन दिनों मुंबई में हर हफ्ते दो-तीन ऐसे इवेंट हो रहे हैं, जिनका 'रा. वन' से कोई न कोई ताल्लुक रहता है। टीवी शो और खबरों में भी शाहरुख खान छाए हुए हैं। कोशिश है कि हर दर्शक के दिमाग में 'रा. वन' की जिज्ञासा ऐसी छप जाए कि वह सिनेमाघरों की तरफ मुखातिब हो।
अभी तक की सबसे महंगी फिल्म 'रा. वन' की लागत 200 करोड़ को छू चुकी है। इस लागत की भरपाई के लिए 250 करोड़ का बिजनेस लाजिमी होगा। इरोस इस फिल्म के 4000 प्रिंट्स जारी करेगा। कोशिश है कि अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी के पारंपरिक पश्चिमी बाजार के साथ इस बार पूरब के बाजार कोरिया, ताइवान और चीन में भी प्रवेश किया जाए। कोरिया में 'माई नेम इज खान' से मिले मार्केट को बढ़ाने के लिए 100 स्क्रीन पर 'रा. वन' लगाई जाएगी। यूरोप और लैटिन अमेरिका के बाजार पर भी शाहरुख की नजर है।
वैसे शाहरुख के लिए असल चुनौती देसी बाजार में घुसने की है। पिछले महीनों में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली फिल्मों का अधिकांश कलेक्शन सिंगल स्क्रीन थिएटर और छोटे शहरों से आया है। इन दिनों सिंगल स्क्रीन थिएटर के आम दर्शक 60-70 प्रतिशत का योगदान कर रहे हैं। इन आम दर्शकों के बीच शाहरुख खान अधिक पॉपुलर नहीं हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों से शहरी हीरो की इमेज हासिल की है। उनकी ब्रांडिंग और एक्टिविटी भी मैट्रो और विदेशों के दर्शकों को ध्यान में रख कर की जाती है। ऐसे में अपेक्षित आंकड़े तक उनका पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती होगी।
शाहरुख खान ने इस चुनौती और अघोषित ललकार से बचने का सुरक्षित रास्ता चुना है। वह दूसरे खानों से अपने मुकाबले की बात चलने या बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में 100 करोड़ की रकम पार करने के सवाल पर गोल-मोल जवाब देने लगते हैं। वह बिल के बजाए दिल की बातें करने लगते हैं और दावा करते हैं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के विकास और भारत के गौरव के लिए उन्होंने यह फिल्म बनाई है। वह शुरू से कह रहे हैं कि फिल्म का बजट काफी बढ़ गया है और वह अपना सारा धन इसमें लगा चुके हैं। अपने चुटीले अंदाज में वे यह कहने से भी नहीं चूकते कि अगर 'रा. वन' से लाभ नहीं हो सका तो वे शादी-ब्याह में नाच कर उसकी भरपाई कर लेंगे। शादी का मौसम आने ही वाला है। यूं तो एक ट्रेड पंडित के मुताबिक शादी ब्याह में नाचने के पैसे तभी ज्यादा मिलते हैं, जब आपकी फिल्में चल रही हों। इस क्षेत्र में भी शाहरुख खान का भाव 7 करोड़ से गिर कर 4 करोड़ पर आ गया है।
फिल्म ट्रेड के विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रोडक्ट एंडोर्समेंट, डिजीटल राइट और दूसरे किस्म के एसोसिएशन से 'रा. वन' की लागत की बड़ी रकम वापस आ जाएगी, फिर भी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मायने रखता है। उसी के आधार पर स्टार पावर आंका जाता है। बाजार तो पहले से शाहरुख खान के सपोर्ट में है, लेकिन असल परीक्षा सिनेमाघरों में होगी। यहां आमिर, सलमान और अजय उनसे आगे निकल चुके हैं। शाहरुख खान की फिल्मों के कलेक्शन देखें तो 'रब ने बना दी जोड़ी' ने 87 करोड़, 'ओम शांति ओम' ने 79 करोड़ और 'माई नेम इज खान' ने 72 करोड़ का व्यवसाय किया। अपनी बादशाहत बरकरार रखने के लिए जरूरी हो गया है कि किंग खान की 'रा. वन' पहले ही हफ्ते में जादुई आंकड़ा पार करते हुए जल्द से जल्द 100 करोड़ का बिजनेस करे।
'रा. वन' की तकनीकी और स्पेशल इफेक्ट गुणवत्ता का उल्लेख किया जा रहा है। शाहरुख खान ने एक अच्छा काम किया है कि इतनी बड़ी फिल्म उन्होंने भारत में बनाई। अगर 'रा. वन' दर्शकों को पसंद आती है तो इसे कल्ट और ट्रेंड बनने में समय नहीं लगेगा। फिलहाल सब कुछ 26 अक्टूबर तक अनुमानित है। देखना रोचक होगा कि यह दीवाली शाहरुख खान के कॅरियर में कितनी जगमगाहट ले आती है?
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