फिल्म समीक्षा : मेरे ब्रदर की दुल्हन
-अजय ब्रह्मात्मज
पंजाब की पृष्ठभूमि से बाहर निकलने की यशराज फिल्म्स की नई कोशिश मेरे ब्रदर की दुल्हन है। इसके पहले बैंड बाजा बारात में उन्होंने दिल्ली की कहानी सफल तरीके से पेश की थी। वही सफलता उन्हें देहरादून के लव-कुश की कहानी में नहीं मिल सकी है। लव-कुश छोटे शहरों से निकले युवक हैं। ने नए इंडिया के यूथ हैं। लव लंदन पहुंच चुका है और कुश मुंबई की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आ गया है। उल्लेखनीय है कि दोनों का दिल अपने छोटे शहर की लड़कियों पर नहीं आया है। क्राइसिस यह है कि बड़े भाई लव का ब्रेकअप हो गया है और वह एकबारगी चाहता है कि उसे कोई मॉडर्न इंडियन लड़की ही चाहिए। बड़े भाई को यकीन है कि छोटे भाई की पसंद उससे मिलती-जुलती होगी, क्योंकि दोनों को माधुरी दीक्षित पसंद थीं।
किसी युवक की जिंदगी की यह क्राइसिस सच्ची होने के साथ फिल्मी और नकली भी लगती है। बचे होंगे कुछ लव-कुश, जिन पर लेखक-निर्देशक अली अब्बास जफर की नजर पड़ी होगी और जिनका प्रोफाइल यशराज फिल्म्स के आदित्य चोपड़ा को पसंद आया होगा। इस क्राइसिस का आइडिया रोचक लगता है, लेकिन कहानी रचने और चित्रित करने में अली अब्बास जफर ढीले पड़ गए हैं। कहानी की रोचकता बनाए रखने के लिए उनके पास वजह और घटनाएं नहीं थीं। थोड़ी देर के लिए लगता है कि हम टीवी पर चल रहा कोई कामेडी शो देख रहे हैं। इंटरवल के आगे-पीछे कहानी अटक सी गई है। लव-कुश और डिंपल के पिताओं की बकझक और सहमति फिल्म के प्रभाव को और गिराती है।
स्क्रिप्ट में चुस्ती रहती और घटनाएं तेजी से घटतीं तो मेरे ब्रदर की दुल्हन इंटरेस्टिंग रोमांटिक कामेडी हो सकती थी। इस फिल्म की दूसरी बड़ी बाधा इमरान खान हैं। अपनी कोशिशों के बावजूद वह अपने किरदार में केवल मेहनत करते ही नजर आते हैं। कभी संवाद है तो भाव नहीं और कभी भाव के नाम पर अजीबोगरीब मुद्राएं हैं। इमरान खान की सबसे बड़ी समस्या संवाद अदायगी है। उन्हें अपनी भाषा के साथ ही भाव पर ध्यान देना चाहिए। कट्रीना कैफ डिंपल के किरदार में सहज दिखी हैं। वह चुहलबाजी और मस्ती करती हुई अच्छी लगती हैं। उनमें सुधार आया है। अली जफर ने फिर एक बार साबित किया कि वे नैचुरल एक्टर हैं। कुश के दोनों दोस्तों में वह प्रभावित करता है, जिसे दो-चार संवाद मिले हैं।
फिल्म में भरपूर नाच-गाना और मस्ती है। टुकड़ों में यह एंटरटेन भी करती है, लेकिन पूरी फिल्म का प्रभाव ढीला हो गया है। फिल्म फिसल गई है। फिर भी अली अब्बास जफर अपनी संभावनाओं से आश्वस्त करते हैं।
*** तीन स्टार
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