मजा देगा जोर का झटका
दिल से दिमाग तक या शरीर के किसी भी हिस्से में.. कहींभी लग सकता है 'जोर का झटका'। इमेजिन के नए रिएलिटी शो से एंटरटेनमेंट का झटका देने आ रहे शाहरुख खान
टीवी पर आप क्या देखते हैं?
मुझे व्यक्तिगत तौर पर क्विजिंग, स्पोर्ट्स शो अच्छे लगते हैं। खेल देखने में रोमाच बना रहता है। रिएलिटी शो का अलग मजा है।
आजकल रिएलिटी शो की माग बढ़ गई है। क्या वजह हो सकती है?
मुझे लगता है कि फन, फिक्शन और स्पोर्ट्स के तत्व एक साथ रिएलिटी शो में मिलते हैं, इसलिए लोग ज्यादा पसद करते हैं।
आप कौन से रिएलिटी शो देखना पसद करते हैं?
मुझे डास के शो अच्छे लगते हैं। सब देख पाना मुमकिन नहीं है। फिल्म के प्रोमोशन के समय पता चलता है कि कौन सा देखना है? कुछ शो हैं, जिनमें हम दूसरों की जिंदगी में झाकने की कोशिश करते हैं। मुझे वे अच्छे नहीं लगते। मुझे लगता है कि क्या किसी और की जिंदगी में झाकना? जब अपनी जिंदगी में ही इतने उतार-चढ़ाव हैं।
टीवी काफी तेजी से हमारे जीवन में प्रवेश कर रहा है?
बिल्कुल, यह इंटरेक्टिव होता जा रहा है। कुछ समय के बाद ऐसा होगा कि हम टीवी के होस्ट से सीधी बातचीत कर सकें। यह हमारे घरों में मौजूद है और कुछ भी करते हुए दिखता रहता है। फिक्शन के बारे में दर्शकों को मालूम रहता है कि यह नकली है, जबकि रिएलिटी शो में असली किरदार होते हैं। उन्हें देखने का थ्रिल होता है। इधर सुन रहा हूं कि अब रिएलिटी शो में रिएलिटी नहीं होती। वहा भी परफार्मेस चलने लगा है। शायद एंटरटेनमेंट के लिए वह जरूरी हो गया हो।
'जोर का झटका' सुनते ही सबसे पहले क्या ख्याल आता है?
जीपीएल..जब शो देखेंगे तो इसका मतलब समझ जाएंगे। मैं तो दिल्ली का हूं। उधर यह टर्म चलता है कि बड़ा जोर का झटका लगा। कभी-कभार खूबसूरत हसीना को देखकर लगता है। वैसे काम और खेल में भी लगता है। यह रोजमर्रा की जिंदगी का टर्म है। मैं इसे पॉजिटिव रूप में लेता हूं। एक एनर्जी मिलती है कि चलो कुछ करो। हमारे शो के लिए यह बिल्कुल उपयुक्त है। शुरू में इस शो को देखेंगे तो खूब हंसी आएगी। खासकर जब प्रतियोगियों को झटके लगेंगे। बाद में आप उनसे जुड़ जाएंगे, तो आपको वे ही झटके बुरे लगने लगेंगे। इनके बीच आप को इंसान की फितरत भी देखने को मिलेगी।
आप इस शो के लिए अर्जेटीना नहीं गए। वह एक मुद्दा बन गया है कि बगैर गए आप कैसे होस्ट करेंगे?
इस शो का फॉर्मेट ही ऐसा है। प्रजेंटर और कमेंटेटर शुरू में नहीं जाते। वे प्रतियोगियों से मिलते हैं। दूसरे देशों का नहीं कह सकता। भारत का यही फॉर्मेट है। मुझे लगता है कि दूर रहने से कोई जुड़ाव नहीं बनेगा। मैं वहा उन्हें लगातार देखूं और उनकी मुश्किलों को समझूं, तो उनका मजाक नहीं उड़ा पाऊंगा। को-एंकर सौम्या टंडन थीं, वहा और उनसे मेरी बात हो जाती थी। साथ में रहने पर आप इमोशनली जुड़ सकते हैं।
'वाइप आउट' का भारतीय सस्करण 'जोर का झटका' कितना अलग होगा?
हम लोग इमोशनल व्यक्ति हैं। आप 'बिग बॉस', 'कौन बनेगा करोड़पति' इत्यादि में यह देख चुके हैं। हमारी प्रस्तुति में दर्शक और प्रतियोगियों के बीच एक कनेक्शन रहता है। भारतीय सदर्भ में रिएलिटी शो में फिल्म स्टार बतौर होस्ट आते हैं, तो उसकी पॉपुलैरिटी बनती है। विदेशों में जरूरी नहीं कि होस्ट पॉपुलर फिल्म स्टार हों।
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