रिएलिटी शोज : उत्तर भारतीयों का धमाल
रिएलिटी शोज में उत्तर भारत के प्रतिभागियों का जलवा बरकरार है। पिछले दिनों एक ही दिन प्रसारित हुए दो रिएलिटी शोज के फाइनल में विजेता उत्तर भारत के प्रतियोगी रहे। जहां स्टार प्लस के रिएलिटी शो मास्टर शेफ इंडिया में लखनऊ की पंकज भदौरिया के सर विजेता का ताज सजा, वहीं सारेगामापा सिंगिंग सुपरस्टार में पटियाला के कमल खान विजेता घोषित किए गए। रोचक है कि मास्टर शेफ इंडिया में लखनऊ की पंकज का सामना लखनऊ के ही जयनंदन के साथ था। जाहिर है, कि रिएलिटी शो में उत्तर भारत के प्रतियोगियों का जलवा बरकरार है।
[छोटा शहर, बड़ा सपना]
उत्तर भारत के प्रतिभागियों की रिएलिटी शो में बढ़ती धमक ने छोटे शहरों में बड़े सपने देख रहे लोगों का हौसला बढ़ाया है। उनके मन में भी रिएलिटी शो के जरिए लोकप्रियता और सफलता के सोपान छूने की उमंग ने हिलोरे मारना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश पंजाब और हरियाणा के लोगों में रिएलिटी शो को लेकर जागरुकता बढ़ी है। उन्हें अहसास हुआ है कि यदि अपनी प्रतिभा को सार्वजनिक करना है, तो रिएलिटी शो से बेहतर माध्यम कुछ नहीं हो सकता। इसी का परिणाम है कि रिएलिटी शोज में उत्तर भारत के प्रतिभागियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
इंडियन आइडल 5 के फाइनलिस्ट रहे आगरा के राकेश मैनी कहते हैं,ं 'मैं आगरा जैसे छोटे शहर से हूं। हमारे शहर में लोग इतना ही सोचते हैं कि अच्छा पैसा कमा लें। लोग छोटी-छोटी प्लानिंग करते हैं। मैं भी यही सोचता था कि थोड़ा और पैसा कमा लेता, तो अच्छा होता, पर यह नहीं सोचा था कि इंडियन आइडल के मंच तक पहुंच पाऊंगा। मुझे लगता है कि रिएलिटी शो के माध्यम से छोटे शहरों के लोगों को अपनी प्रतिभा से पूरे देश को परिचित कराने का बेहतरीन मौका मिलता है।'
[इंडियन आइडल से आगाज]
इंडियन आइडल के प्रथम संस्करण से ही उत्तर भारतीय प्रतियोगियों की पैंठ बननी शुरू हो गयी थी। इंडियन आइडल-1 के फाइनल तक पहुंचे छत्तीसगढ़ के अमित सना ने उत्तर भारत की प्रतिभाओं को प्रेरित किया। उसके बाद, तो लगभग हर रिएलिटी शो में उत्तर भारत के प्रतिभागियों ने जलवा दिखाना शुरू कर दिया। इंडियन आइडल के दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवे संस्करण में भी उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड और उत्तरांचल के प्रतिभागियों की धमक रही। पटना की दीपाली किशोर, धनबाद के मेइयांग चांग, कानपुर की अंकिता मिश्रा, जमशेदपुर के एमॉन चटर्जी, आगरा के राकेश मैनी की लोकप्रियता इसका प्रमाण है।
जी टीवी के शो सारेगामापा के विभिन्न संस्करणों में बनारस के विनीत, लखनऊ की पूनम यादव और ट्विंकल बाजपेयी, छत्तीसगढ़ की सुमेधा, हरियाणा की हिमानी कपूर की लोकप्रियता जगजाहिर है। वहीं, लिटिल चैंप्स में भी पंजाब और उत्तर प्रदेश के नन्हें प्रतिभागियों का जलवा रहा है। पंजाब के रोहनप्रीत, मथुरा के हेमंत बृजवासी और लखनऊ के तन्मय चतुर्वेदी के सुरों की बानगी को भला कौन भूल सकता है। तन्मय और हेमंत क्रमश: लिटिल चैंप्स 2008 और लिटिल चैंप्स 2009 के विजेता रह चुके हैं। स्टार प्लस के म्यूजिकल रिएलिटी शो वॉयस ऑफ इंडिया में उत्तर प्रदेश के हर्षित सक्सेना, पंजाब के इश्मित की उपलब्धि्यां भी उल्लेखनीय है।
[संग नाचा सारा हिंदुस्तान]
डांस बेस्ड रिएलिटी शो में भी उत्तर भारत के प्रतिभागियों ने ऊंचा मुकाम हासिल किया है। जहां डांस इंडिया डांस के पहले और दूसरे संस्करण में रांची की आलिशा और दिल्ली की शक्ति मोहन ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों का ध्यान खींचा वहीं, डांस इंडिया डांस लिटिल मास्टर्स में दिल्ली के अतुल और अवनीत ने अपने नन्हे कदमों की थिरकन से दर्शकों का मन मोहा। 'कलर्स' के डांस रिएलिटी शो चक धूम धूम के विजेता रहे स्पर्श ने बता दिया कि आगरा जैसे छोटे शहर में प्रतिभा की कमी नहीं है। बस मौके की तलाश है।
[हम खास हैं बॉस]
सिर्फ डांस और म्यूजिकल रिएलिटी शो में ही नहीं बिग बॉस और रोडीज जैसे रिएलिटी शो में भी उत्तर भारत के प्रतिभागियों ने अपने प्रतिभा का परिचय दिया है। बिग बॉस 1 में रवि किशन, बिग बॉस 2 में सहारनपुर के आशुतोष, बिग बॉस 3 में मेरठ के प्रवेश राणा और बिग बॉस 4 में उत्तर प्रदेश के इटावा की सीमा परिहार, इलाहाबाद की श्वेता तिवारी और बिहार के मनोज तिवारी की असरदार मौजूदगी ने उत्तर भारतीय दर्शकों को गर्व का मौका दिया है। अपने प्रदेश के सितारों को बिग बॉस के घर में देखने का अनुभव उनकी यादों में बस गया। सहारनपुर के आशुतोष कौशिक तो बिग बॉस 2 के विजेता भी रह चुके हैं। एम टीवी के मशहूर रिएलिटी शो रोडीज में पहली बार आशुतोष ने जीत का स्वाद चखा था। रोडीज के विभिन्न संस्करणों के विजेता रहे हैं दिल्ली के रणविजय, चंडीगढ़ के आयुष्मान खुराना, सहारनपुर के आशुतोष कौशिक, दिल्ली की पारुल साही और जमशेदपुर के अनवर सैयद।
[जग जीता पर जड़ें न भूले]
रिएलिटी शो में उत्तर भारत के प्रतिभागी अपने साथ छोटे शहर के संस्कार और छोटी-छोटी खुशियां लेकर आते हैं। वे मायानगरी मुंबई की रंगीनियों में अपनी शख्सियत नहीं खोने देते हैं। सारेगामापा सिंगिंग सुपरस्टार के विजेता कमल खान इसका उदाहरण हैं। पटियाला घराने की विरासत संभालते हुए पंजाबी लोकसंगीत को समृद्ध बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है। कमल कहते हैं, 'मेरी जिम्मेदारी है कि मैं पटियाला घराने की प्रतिष्ठा को बरकरार रखूं। पंजाबी हूं, तो पंजाबी लोक संगीत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है मुझपर। हिंदी फिल्मों के लिए भी गाना चाहता हूं, पर मैं उससे पहले मैं पंजाबी गानों को अपनी आवाज देना चाहता हूं।'
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