अनुराग कश्यप की प्रोडक्शन नंबर 7
सत्या, कौन और शूल में मनोज बाजपेयी और अनुराग के बीच अभिनेता और लेखक का संबंध रहा। शूल के बाद दोनों साथ काम नहीं कर सके, पर दोनों ही अपनी खास पहचान बनाने में कामयाब रहे। ग्यारह सालों के बाद दोनों फिर से साथ आ रहे हैं। इस बार अनुराग लेखक के साथ निर्देशक भी हैं।
इस संबंध में उत्साहित मनोज कहते हैं, 'संयोग रहा कि हम शूल के बाद एक साथ काम नहीं कर सके। अनुराग की देव डी और गुलाल में खुद के न होने का मुझे अफसोस है। कोई बात नहीं, अनुराग को अपनी नई फिल्म के लिए मैं उपयुक्त लगा। मुझे खुशी है कि उनके निर्देशन में मुझे अभिनय करने का मौका मिला है।'
इधर अनुराग भी अपनी नई फिल्म को लेकर काफी उत्साहित हैं। इस फिल्म का अभी नामकरण नहीं हुआ है। अनुराग बताते हैं, 'मेकिंग के दौरान ही कोई नाम सूझ जाएगा। सुविधा के लिए इसे आप मेरी 'प्रोडक्शन नंबर- 7' कह सकते हैं।' उत्साह की खास वजह पूछने पर अनुराग के स्वर में खुशी सुनाई पड़ती है, 'मैं अपनी जड़ों की तरफ लौट रहा हूं। अपनी जन्मभूमि में पहली बार फिल्म शूट कर रहा हूं। बनारस के आसपास ओबरा और अनपरा में मेरा बचपन गुजरा है। फिर से वहां अपने काम के साथ लौटने में रोमांचित महसूस कर रहा हूं। यह मेरी अभी तक की सबसे महंगी फिल्म है।'
तीन पीढि़यों के खूनी संघर्ष पर आधारित यह थ्रिलर फिल्म है। बदले की इस कहानी का एक किरदार शहर भी है। शहर बदलने के साथ फिल्म के किरदारों का प्रतिशोध किस तरह बदला? इसपर केंन्द्रित होगी अनुराग की फिल्म। अनुराग ने इस फिल्म में मनोज बाजपेयी के साथ जयदीप अहलावत, नवाजुद्दीन, ऋचा चड्ढा, हुमा कुरैशी, रीमा सेन, अनुरीता झा, विनीत सिंह, विपिन शर्मा, पियूष मिश्रा को मुख्य भूमिकाएं दी हैं। इसके साथ ही वे फिल्म में स्थानीय प्रतिभाओं का भी उपयोग करेंगे।
स्थानीय संस्कृति में रची-बसी अनुराग की 'प्रोडक्शन नंबर-7' के संगीत में लोकगीतों की छटा होगी। फिल्म का संगीत स्नेहा खानविलकर ने तैयार किया है। चलते-चलते अनुराग कहते हैं, 'मुझे उम्मीद है कि अपनी जन्मभूमि से मुझे पूरा सहयोग मिलेगा। अगले चार महीनों तक मेरी यूनिट का डेरा बनारस के आसपास ही रहेगा। यों तो हर फिल्म महत्वाकाक्षी होती है, लेकिन 'प्रोडक्शन नंबर-7' से इमोशनल लगाव है। यह मेरी तरह मेरी जन्मभूमि में ही आकार लेगी।'
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