दरअसल : इंडियन ओशन का संगीत

-अजय ब्रह्मात्‍मज

आमिर खान की अनुषा रिजवी निर्देशित पीपली लाइव में एक गीत है जिंदगी से डरते हो..। यह गीत अभी उतना पॉपुलर नहीं हुआ है, लेकिन नून मीम राशिद के बोलों को ध्यान से सुनें, तो इस गाने में जिंदगी की चुनौतियों का सामना करने और उनसे जूझने का जोश और आह्वान स्पष्ट रूप से है। इसे इंडियन ओशन के अशीम चक्रवर्ती ने गाया है। कहते हैं यह उनका गाया आखिरी गीत है। अशीम अब इस दुनिया में नहीं हैं। इडियन ओशन में मुख्य रूप से उनकी आवाज ही गूंजती थी। इंडियन ओशन देश के मशहूर फ्यूजन बैंड का नाम है। फिल्मों में उन्होंने ब्लैक फ्राइडे में संगीत दिया था। उसका एक गीत रुक जा.. काफी पॉपुलर हुआ था।

भारत में फ्यूजन बैंड और संगीत मंडलियों की अधिक लोकप्रियता नहीं है। हालांकि पिछले डेढ़-दो दशकों में कई बैंड और मंडलियां आई, लेकिन दो-चार गानों की लोकप्रियता के बाद गुमनाम हो गई। विदेशी तर्ज और हिंदी फिल्मों के पुराने गानों को नए तरीके से पेश कर उन्हें तात्कालिक पहचान तो मिली, पर उनमें मौलिकता और भारतीयता की कमी रही। इस लिहाज से इंडियन ओशन के गीत-संगीत में एक निरंतरता है। यह कभी बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं रहा, लेकिन उसके श्रोता गंभीर और वफादार रहे। इंडियन ओशन के हर एलबम का जोरदार स्वागत हुआ। अपनी इस गंभीर स्वीकृति और लोकप्रियता के बावजूद वे पॉपुलैरिटी चार्ट में पिछड़ जाते हैं। वैसे संगीत में उनके अभ्यास का यह मकसद भी नहीं है। इंडियन ओशन की सबसे बड़ी खूबी शब्द और धुनों के चुनाव में है। उनके गीत भी बेहद रोमानी हैं, लेकिन उनमें प्रचलित रुझान नहीं है। उनके स्वर का आवेग आलोडि़त करता है और अपने साथ बहा ले जाता है। उन्होंने भारतीय मानस और चिंतन परंपरा से गीत लिए हैं। कुछ लिखे हैं, तो कुछ लोकगीतों को अपने ढंग से गाया है। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में भी काफी प्रयोग किए हैं। उनके कुछ सिग्नेचर वाद्य यंत्र हैं। सुनते ही पता लग जाता है कि यह इंडियन ओशन का ही संगीत हो सकता है। और उनकी ऊंची अनुनादित होती आवाज बांध लेती है। सुष्मित सेन, अशीम चक्रवर्ती, राहुल राय और अमित किलम चार संगीतकारों की मंडली ही इंडियन ओशन की जान हैं। इनमें से अशीम चक्रवर्ती का 25 दिसंबर, 2009 को निधन हो गया था। इंडियन ओशन ने अपने नए एलबम खजूर रोड को अशीम की श्रद्धांजलि के रूप में पेश किया है। यह विचित्र नाम वास्तव में उनके अभ्यास के स्थान का नाम है। दिल्ली के करोलबाग में वे 16-330, खजूर रोड में नियमित अभ्यास करते थे और अपने ज्यादातर गीत यहीं तैयार किए थे। खजूर रोड के साथ इंडियन ओशन एक नया प्रयोग कर रहा है। संगीत कंपनियों की मनमानी और फ्री डाउनलोडिंग की समस्या को देखते हुए उन्होंने खुद ही इस एलबम के गीतों को श्रोताओं के फ्री डाउनलोडिंग के लिए उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की है। 25 जुलाई को एलबम का एक गीत उनके साइट पर डाल दिया गया, जिसे कोई भी डाउनलोड कर सकता है। योजना है कि अभी से हर महीने एक गीत श्रोताओं को मुफ्त डाउनलोडिंग के लिए साइट पर डाला जाएगा।

ऐसा साहस इंडियन ओशन ही कर सकता है। सात गीतों को सात महीनों में श्रोताओं को फ्री देने के बाद वे एलबम लेकर आएंगे। उनका मानना है कि संगीत कंपनियां उनके एलबम को लेकर अधिक उत्सुक नहीं रहतीं। उल्टा एलबम आ जाने के बाद श्रोताओं से वे पैसे वसूलती हैं, इसलिए इंडियन ओशन ने सोचा है कि वे श्रोताओं को पहले ही मुफ्त में अपने गीत दे देंगे। अपने नए प्रयोग में वे सफल रहे, तो मुमकिन है कि दूसरे बैंड और मंडलियां भी श्रोताओं से सीधे कनेक्ट करने के लिए यही तरीका अपनाएं। श्रोताओं के लिए यह हर सूरत में फायदेमंद है।

भारतीय संगीत के परिदृश्य में इंडियन ओशन की मौजूदगी एक जोरदार हस्तक्षेप है। इसने अपने गीतों के माध्यम से बताया है कि जमीन से जुड़े रह कर वास्तविक दुनिया के गीतों से भी श्रोताओं को आनंद दिया जा सकता है। उनके गीत सुनते समय जोशीला रोमांच होता है। लोक धुनों और आधुनिक संगीत के फ्यूजन से वे नई ध्वनियां पैदा करते हैं और सुखद तरीके से उन्मादित होने का मौका देते हैं। कभी अवसर मिले, तो इस बैंड को लेकर बनी फिल्म लीविंग होम -द लाइफ ऐंड म्यूजिक ऑफ इंडियन ओशियन जरूर देखें। अनोखा अनुभव होगा।


Comments

PD said…
Download Link chahiye.. kahan hai download link? :-(
This comment has been removed by the author.
बहुत ही अच्‍छी जानकारी दी
विशेष तौर पर खजूर रोड


पीडी सरजी
http://www.indianoceanmusic.com/
पर जाएं

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को