फिल्म समीक्षा अवतार
कल्पना की तकनीकी उड़ान
जेम्स कैमरून की फिल्म अवतार 3डी का डिजिटल जादू है। 3डी का स्पेशल चश्मा लगाकर सिनेमाघरों में बैठने के बाद अंधेरा होते ही पर्दे पर मायावी दुनिया आकार लेने लगती है। यहां दैत्याकार रोबोट हैं और सुपर तकनीक से चल रहा मिशन है। दुनिया की अब तक की सबसे महंगी फिल्म अवतार पहले ही फ्रेम से भव्यता का एहसास देती है। इस फिल्म में सिर्फ मनुष्य ही स्वाभाविक और सामान्य कद के हैं। बाकी सब कुछ विशाल है।
इस अनोखी प्रेम कहानी में दो ग्रहों के जीवों का प्रेम है। कहानी आज से 145 साल आगे 2154 की है। पृथ्वी पर ऊर्जा की कमी है। ऊर्जा की तलाश में पृथ्वीवासी पंडोरा पहुंचते हैं। उन्हें पंडोरा यूनोबटैनियम चाहिए। इस कार्य के लिए वे मनुष्य के डीएनए से एक हाइब्रिड तैयार करते हैं और उसे पंडोरावासी का रूप देकर पंडोरा भेजते हैं। मरीन से रिटायर जेक सली को मिशन के लिए चुना जाता है। जेक पैराप्लेजिक रोग से ग्रस्त है। वह जिंदगी में कुछ करने की ख्वाहिश से इस मिशन में शामिल होता है। पंडोरा के निवासी प्रकृति के साथ तालमेल बिठा कर जीते हैं। उनके जीवन में मशीन नहीं है। जेक जाता तो है पंडोरावासियो की जीवनशैली सीखने, लेकिन वहां उनकी जीवनशैली और विचार से इस कदर प्रभावित होता है कि एक लड़की से प्रेम करने लगता है। पृथ्वी के मनुष्यों के लालच और पंडोरा के नावि समाज के निर्दोष जीवन की टकराहट में हमारी सहानुभूति जेक से होती है, जो मनुष्य होकर भी नावियों की सभ्यता के संरक्षण का प्रयत्न करता है। जेम्स कैमरून तकनीकी दक्षता के लिए विख्यात हैं। वह अपने नैरेटिव में तकनीक का सुंदर उपयोग करते हैं। अवतार एनीमेशन और लाइव फिल्मों का नया मानदंड स्थापित करती है। कथ्य के स्तर पर जेम्स कैमरून इस फिल्म में कई सारे मुद्दों को साथ में लेकर चलते हैं।
पर्यावरण संतुलन का भी सवाल फिल्म में आता है। अवतार निश्चित ही देखने योग्य फिल्म है। पता चलता है कि फिल्म तकनीक कितनी आगे बढ़ गई है और जेम्स कैमरून जैसे निर्देशकों की कल्पना कैसी उड़ान ले सकती है?
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नीरज
प्रकाम्या