चवन्‍नी चैप के पाठकों की संख्‍या 50,000 से अधिक

दोस्‍तों आज खुशी का दिन है। चवन्‍नी चैप के पाठकों की संख्‍या 50,000 से अधिक हो गयी है। इंटरनेट और ब्‍लॉग के अध्‍येता बताएंगे क‍ि क्‍या चवन्‍नी लोकप्रियता के क्रम में कहीं है क्‍या ?

चवन्‍नी को यही खुशी है कि उसे 50,000 से अधिक पाठकों ने पढ़ा। उन्‍होंने इसके 1,00,000 से अधिक पृष्‍ठ पढ़े हैं। आरंभ में केवल मुंबई के पाठक थे। अब दिल्‍ली,जयपुर,लखनऊ,भोपाल और कानपुर के पाठक नियमित तौर पर आते हैं। चवन्‍नी को पॉपुलर करने में ब्‍लॉगवाणी की बड़ी भूमिका है। और भी एग्रीगेटर का सहयोग मिला। आजकल सीधे ब्‍लॉग पर आने वाले पाठक भी कम नहीं हैं। खुशी की बात है कि 10 से 15 प्रतिशत पाठक विदेशों से आते हैं। कुछ पाठक दूसरे ब्‍लॉग के जरिए आते हैं। चवन्‍नी को पसंद करनवाले मित्रों ने इसका लिंक अपने ब्‍लॉग पर डाल रखा है। उनसे भी पाठक मिलते रहे हैं।

आप सभी पाठकों से गुजारिश है कि इसे अगले लेवल तक ले जाने की सलाह दें। चवन्‍नी को क्‍या करना चाहिए? आप के मार्गदर्शन से ही चवन्‍नी की खनक बढ़ेगी। इसकी खनक मुंबई के फिल्‍मकारों के बीच भी सुनी जाने लगी है। यह सब आप के प्रेम सं संभव हुआ है। बेहिचक अपनी राय दें।

Comments

Rangnath Singh said…
बधाई हो। सस्ती लोकप्रियता के लालच में फंसे बिना लिखते रहने का सुफल चवन्नी छाप को मिला है।
Yayaver said…
अजय सर, आपने बहुत मेहनत के साथ हिन्दी पत्रकारिता की सेवा की है. जब लोग सस्ते और सेन्सेशनल बातों को मार्केट में बेच रहे हैं, आपने अपनी इस ब्लॉग पे स्तर बनाए रखा. मैं आपके लिए गये सभी इंटरव्यू ज़रूर पड़ता हूँ, बहुत ही स्पस्‍ट और बेबाक होते हैं 50000 से अधिक पाठकों के लिए मुबारकबाद.
Udan Tashtari said…
बहुत बधाई सर जी और अनेक शुभकामनाएँ.
सदा said…
बहुत - बहुत बधाई के साथ शुभकामनाएं ।
शानदार उपलब्धि। बधाई। आगे के लिये शुभकामनायें!
Bahut Bahut Mubaraqbaad. aapaka andaj auro sae alag hae.
अरे वाह। chavanni chap है ही बेहतरीन चिट्ठा।
Swapnil said…
क्या बात है! वाह!
Swapnil said…
मेरे कुछ दोस्त बिना मेरे बताये ही चवन्नी पढते हैं, लेकिन बहस का मुद्द हमेशा ये रहता है कि ये चवन्नीचैप है या फ़िर चवन्नी छाप
बहुत बहुत बधाई !!

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