रामू के रण में जन गण मन

जन गण मन रण है
इस रण में ज़ख्मी हुआ है
भारत का भाग्यविधाता

पंजाब सिंध गुजरात मराठा

एक दूसरे से लड़कर मर रहे हैं
इस देश ने हमको एक किया
हम देश के टुकड़े कर रहे हैं
द्रविड़ उत्कल बंगा

खून बहा कर
एक रंग का कर दिया हमने तिरंगा

सरहदों पे ज़ंग और
गलियों में फसाद दंगा

विन्ध हिमाचल यमुना गंगा
में तेजाब उबल रहा है

मर गया सब का ज़मीर
जाने कब जिंदा हो आगे

फिर भी तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मांगे

आग में जल कर चीख रहा है
फिर भी कोई सच को नहीं बचाता

गाहे तव जय गाथा

देश का ऐसा हाल है लेकिन
आपस में लड़ रहे नेता

जन गण मंगल दायक जय हे

भारत को बचा ले विधाता

जय है या यह मरण है
जन गण मन रण है


Comments

Udan Tashtari said…
आजकल रामू की रण अमिताभ के ब्लॉग का केन्द्र बिन्दु बनी हुई है.
रंजन said…
इसको तो छोड़ देते रामू जी..
रामू छोड़ेंगे नहीं
छेडुने से इसे भी
इनसे तो जबरिया
छुड़वाया जाएगा।
Anonymous said…
kiya krantikari gana banaya aapne.
jaise rang de basanti me aamir ne apni frustation nikali hai is vayavastha se...
it's brilliant.. ye gana nahi ek pahal hai, iske aage "jay ho" bhi chhoti padti hai..
Unknown said…
kiya krantikari gana banaya aapne.
jaise rang de basanti me aamir ne apni frustation nikali hai is vayavastha se...
it's brilliant.. ye gana nahi ek pahal hai, iske aage "jay ho" bhi chhoti padti hai..

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