दरअसल:दक्षिण अफ्रीका और मिस बॉलीवुड
-अजय ब्रह्मात्मज
यह आईपीएल के संयोजक और द्रष्टा ललित मोदी के दिमाग की उपज हो सकती है। साउथ अफ्रीका में चल रहे आईपीएल-2 के लीग मैचों में स्टेडियम के अंदर दर्शकों को बुलाने और बिठाने की उन्होंने आकर्षक तरकीब सोची। उन्होंने विभिन्न टीमों के मालिकों के साथ मिल कर मिस बॉलीवुड के चुनाव की घोषणा कर दी।
ऐसा माना जा रहा है कि मिस बॉलीवुड चुने जाने की आकांक्षा से कई लड़कियां मैच देखने आ रही हैं और वे अपने साथ मित्र और परिजनों को भी 20-20 का रोमांचक क्रिकेट मैच देखने के लिए बाध्य कर रही हैं। आंकड़ों और आमदनी के ब्यौरों में 5 से 10 प्रतिशत के फर्क से संख्या और राशि बढ़ जाती है।
चूंकि आईपीएल में शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और शिल्पा शेट्टी की भागीदारी है, इसलिए उनकी मौजूदगी से मिस बॉलीवुड के प्रति विश्वसनीयता बढ़ जाती है। मित्र और परिजनों के साथ आईपीएल देखने आ रहीं लड़कियां उम्मीद कर सकती हैं कि अगर वे कैमरे की गिरफ्त में आ गई, तो मिस बॉलीवुड बन सकती हैं। मिस बॉलीवुड की विजेता को मिलने वाली राशि से अधिक महत्वपूर्ण फिल्म में काम मिलना है। हिंदी फिल्मों में काम पाने के लिए आतुर लड़कियों को आईपीएल-2 ने एक सपना दिया है। यह सपना आईपीएल के 56 मैचों में तैरता रहेगा। केवल आठ भाग्यशाली लड़कियों को अंतिम प्रतियोगिता में शामिल होने का मौका मिलेगा और उनमें से एक बनेगी मिस बॉलीवुड।
समाजशास्त्री और अध्येता भले ही फिल्मों को हेय दृष्टि से देखते रहें और समाज के अध्ययन में उसकी उपयोगिता को नजरंदाज करते रहें, किंतु इस सच से इंकार नहीं किया जा सकता कि फिल्में हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। कस्बों और शहरों में हम फिल्मों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते ही हैं। हिंदी फिल्मों के अभिनेता-अभिनेत्री हमारे आदर्श होते हैं। कभी वे स्वयं, तो कभी उनके निभाए किरदार हमारी एकरस जिंदगी को सरस बनाते हैं। अगर हिंदी फिल्मों की बात करें, तो तमाम आलोचनाओं और कमियों के बावजूद इसका प्रसार हुआ है। विदेशों में जहां भी भारतीय बसे हैं, वहां भारतीय व्यंजनों की तरह भारतीय मनोरंजन पहुंचा है और मनोरंजन का ऐसा सस्ता और सुलभ माध्यम कोई और नहीं है! डिजिटल क्रांति के बाद फिल्में तेजी से मूल रूप में दूर-दराज के इलाकों में पहुंच रही हैं। दक्षिण अफ्रीका में भारतवंशियों की अच्छी संख्या है। वे अपने मनोरंजन के लिए हिंदी फिल्में देखते हैं। हिंदी फिल्मों की गतिविधियों और खबरों से वाकिफ लोग जानते होंगे कि इधर साउथ अफ्रीका में ढेर सारी फिल्मों की शूटिंग हुई है। सितारों के दक्षिण अफ्रीका आने-जाने का सिलसिला बना हुआ है। वहां से लौटे स्टार और तकनीशियन बताते हैं कि स्थानीय भारतवंशी हिंदी फिल्मों के दीवाने हैं। नौ साल पहले साउथ अफ्रीका में ही आाईफा अवार्ड समारोह में आमिर खान की लगान का भव्य वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था। उसके बाद ही दक्षिण अफ्रीका में हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन तेज हुआ। हिंदी फिल्मों के प्रति स्थानीय नागरिकों के लगाव और आईपीएल से जुड़े फिल्म स्टारों को ध्यान में रख कर ही मिस बॉलीवुड की योजना रची गई है।
कहना मुश्किल है कि मिस बॉलीवुड के रूप में चुनी गई लड़की हिंदी फिल्मों के लिए काम की साबित होगी या नहीं? निश्चित ही उसे एक फिल्म मिल जाएगी और उसमें दम-खम हुआ, तो वह ग्लैमर वर्ल्ड में सफल पारी भी खेलेगी। आईपीएल-2 के साइड इफेक्ट के रूप में मिस बॉलीवुड का चुना जाना अच्छा ही है, क्योंकि ऐसा होने से हिंदी फिल्मों को एक और अभिनेत्री मिल जाएगी!
ऐसा माना जा रहा है कि मिस बॉलीवुड चुने जाने की आकांक्षा से कई लड़कियां मैच देखने आ रही हैं और वे अपने साथ मित्र और परिजनों को भी 20-20 का रोमांचक क्रिकेट मैच देखने के लिए बाध्य कर रही हैं। आंकड़ों और आमदनी के ब्यौरों में 5 से 10 प्रतिशत के फर्क से संख्या और राशि बढ़ जाती है।
चूंकि आईपीएल में शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और शिल्पा शेट्टी की भागीदारी है, इसलिए उनकी मौजूदगी से मिस बॉलीवुड के प्रति विश्वसनीयता बढ़ जाती है। मित्र और परिजनों के साथ आईपीएल देखने आ रहीं लड़कियां उम्मीद कर सकती हैं कि अगर वे कैमरे की गिरफ्त में आ गई, तो मिस बॉलीवुड बन सकती हैं। मिस बॉलीवुड की विजेता को मिलने वाली राशि से अधिक महत्वपूर्ण फिल्म में काम मिलना है। हिंदी फिल्मों में काम पाने के लिए आतुर लड़कियों को आईपीएल-2 ने एक सपना दिया है। यह सपना आईपीएल के 56 मैचों में तैरता रहेगा। केवल आठ भाग्यशाली लड़कियों को अंतिम प्रतियोगिता में शामिल होने का मौका मिलेगा और उनमें से एक बनेगी मिस बॉलीवुड।
समाजशास्त्री और अध्येता भले ही फिल्मों को हेय दृष्टि से देखते रहें और समाज के अध्ययन में उसकी उपयोगिता को नजरंदाज करते रहें, किंतु इस सच से इंकार नहीं किया जा सकता कि फिल्में हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। कस्बों और शहरों में हम फिल्मों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते ही हैं। हिंदी फिल्मों के अभिनेता-अभिनेत्री हमारे आदर्श होते हैं। कभी वे स्वयं, तो कभी उनके निभाए किरदार हमारी एकरस जिंदगी को सरस बनाते हैं। अगर हिंदी फिल्मों की बात करें, तो तमाम आलोचनाओं और कमियों के बावजूद इसका प्रसार हुआ है। विदेशों में जहां भी भारतीय बसे हैं, वहां भारतीय व्यंजनों की तरह भारतीय मनोरंजन पहुंचा है और मनोरंजन का ऐसा सस्ता और सुलभ माध्यम कोई और नहीं है! डिजिटल क्रांति के बाद फिल्में तेजी से मूल रूप में दूर-दराज के इलाकों में पहुंच रही हैं। दक्षिण अफ्रीका में भारतवंशियों की अच्छी संख्या है। वे अपने मनोरंजन के लिए हिंदी फिल्में देखते हैं। हिंदी फिल्मों की गतिविधियों और खबरों से वाकिफ लोग जानते होंगे कि इधर साउथ अफ्रीका में ढेर सारी फिल्मों की शूटिंग हुई है। सितारों के दक्षिण अफ्रीका आने-जाने का सिलसिला बना हुआ है। वहां से लौटे स्टार और तकनीशियन बताते हैं कि स्थानीय भारतवंशी हिंदी फिल्मों के दीवाने हैं। नौ साल पहले साउथ अफ्रीका में ही आाईफा अवार्ड समारोह में आमिर खान की लगान का भव्य वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था। उसके बाद ही दक्षिण अफ्रीका में हिंदी फिल्मों का प्रदर्शन तेज हुआ। हिंदी फिल्मों के प्रति स्थानीय नागरिकों के लगाव और आईपीएल से जुड़े फिल्म स्टारों को ध्यान में रख कर ही मिस बॉलीवुड की योजना रची गई है।
कहना मुश्किल है कि मिस बॉलीवुड के रूप में चुनी गई लड़की हिंदी फिल्मों के लिए काम की साबित होगी या नहीं? निश्चित ही उसे एक फिल्म मिल जाएगी और उसमें दम-खम हुआ, तो वह ग्लैमर वर्ल्ड में सफल पारी भी खेलेगी। आईपीएल-2 के साइड इफेक्ट के रूप में मिस बॉलीवुड का चुना जाना अच्छा ही है, क्योंकि ऐसा होने से हिंदी फिल्मों को एक और अभिनेत्री मिल जाएगी!
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