अपराधी को नेता न चुनें: आमिर खान
जरूरी है कि हम सभी वोट दें। अपनी बात करूं तो मैं बच्चों के साथ छुट्टियों पर जा रहा हूं, लेकिन मैं मुंबई की वोटिंग के दिन आऊंगा। अपना वोट डालूंगा और फिर बच्चों के पास लौट जाऊंगा। मैं इतना महत्व दे रहा हूं वोटिंग को। मेरे खयाल में आप भी इसका महत्व और जरूरत समझेंगे।
जरूरी है उम्मीदवार को जानना
वोट देना तो सबसे जरूरी है, लेकिन उसके साथ ही जरूरी है कि हम अपने चुनाव क्षेत्र में खड़े सभी उम्मीदवारों के बारे में तफसील से जानें। आप को मालूम होगा कि हर उम्मीदवार अपना फार्म भरते समय सारी जानकारियां देता है। ये जानकारियां आप समाचार पत्रों या अन्य माध्यमों से हासिल कर सकते हैं। मैं एडीआर संस्था के एक अभियान में शामिल हूं। हम सभी की कोशिश है कि देश का हर मतदाता अपने चुनाव क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों के बारे में जानने के बाद ही अपने वोट के बारे में फैसला करे।
मेरी पसंद थे सुनील दत्त
अपनी बात कहूं तो मैं आंख मूंद कर सुनील दत्त साहब को वोट दे देता था। मैंने कभी किसी और उम्मीदवार के बारे में जानने की कोशिश ही नहीं की। वोट देने का मेरा वह तरीका ठीक नहीं था। यह अलग बात है कि मेरी पसंद सुनील दत्त साहब थे।
किसी बहकावे में न आएं
मुझे लगता है कि हर हिंदुस्तानी दिल से अच्छा है। वह देश की भलाई सबसे पहले चाहता है। हर हिंदुस्तानी जानता है कि किसे वोट देने में उसका फायदा है। हम देखते हैं कि कई बार वह बहकावे में आ जाता है। मेरा यही कहना है किसी बहकावे में न आएं। अपना वोट कतई न बेचें और किसी अपराधी को अपना नेता न चुनें। आप सभी खुद समझदार हैं। आप ने देखा कि जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटते हैं, वे सभी का नुकसान करते हैं। जो एकता की बात करता है, वही देश की प्रगति के बारे में सोचता है।
बदला है वोटर का मिजाज
इस बार मुंबई में जो हमला हुआ, उसकी वजह से हर हिंदुस्तानी जागरूक हुआ है। 26 नवंबर 2008 के बाद वोटर का मिजाज बदल गया है। उसकी समझ में आ गया है कि उसे कैसे नेताओं की जरूरत है? मैं अपनी बात करूं तो मैं अपने चुनाव क्षेत्र के नेता में उसका चरित्र देखूंगा। उसका चरित्र कितना मजबूत है? उसकी ईमानदारी कितने ऊंचे स्तर की है? उसके चरित्र के आधार पर अपना वोट तय करूंगा। चरित्र ठीक होगा तो उसके विचार भी सही होंगे। उसकी राजनीति अच्छी होगी और देश के भले के लिए होगी!
जरूरी है उम्मीदवार को जानना
वोट देना तो सबसे जरूरी है, लेकिन उसके साथ ही जरूरी है कि हम अपने चुनाव क्षेत्र में खड़े सभी उम्मीदवारों के बारे में तफसील से जानें। आप को मालूम होगा कि हर उम्मीदवार अपना फार्म भरते समय सारी जानकारियां देता है। ये जानकारियां आप समाचार पत्रों या अन्य माध्यमों से हासिल कर सकते हैं। मैं एडीआर संस्था के एक अभियान में शामिल हूं। हम सभी की कोशिश है कि देश का हर मतदाता अपने चुनाव क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों के बारे में जानने के बाद ही अपने वोट के बारे में फैसला करे।
मेरी पसंद थे सुनील दत्त
अपनी बात कहूं तो मैं आंख मूंद कर सुनील दत्त साहब को वोट दे देता था। मैंने कभी किसी और उम्मीदवार के बारे में जानने की कोशिश ही नहीं की। वोट देने का मेरा वह तरीका ठीक नहीं था। यह अलग बात है कि मेरी पसंद सुनील दत्त साहब थे।
किसी बहकावे में न आएं
मुझे लगता है कि हर हिंदुस्तानी दिल से अच्छा है। वह देश की भलाई सबसे पहले चाहता है। हर हिंदुस्तानी जानता है कि किसे वोट देने में उसका फायदा है। हम देखते हैं कि कई बार वह बहकावे में आ जाता है। मेरा यही कहना है किसी बहकावे में न आएं। अपना वोट कतई न बेचें और किसी अपराधी को अपना नेता न चुनें। आप सभी खुद समझदार हैं। आप ने देखा कि जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटते हैं, वे सभी का नुकसान करते हैं। जो एकता की बात करता है, वही देश की प्रगति के बारे में सोचता है।
बदला है वोटर का मिजाज
इस बार मुंबई में जो हमला हुआ, उसकी वजह से हर हिंदुस्तानी जागरूक हुआ है। 26 नवंबर 2008 के बाद वोटर का मिजाज बदल गया है। उसकी समझ में आ गया है कि उसे कैसे नेताओं की जरूरत है? मैं अपनी बात करूं तो मैं अपने चुनाव क्षेत्र के नेता में उसका चरित्र देखूंगा। उसका चरित्र कितना मजबूत है? उसकी ईमानदारी कितने ऊंचे स्तर की है? उसके चरित्र के आधार पर अपना वोट तय करूंगा। चरित्र ठीक होगा तो उसके विचार भी सही होंगे। उसकी राजनीति अच्छी होगी और देश के भले के लिए होगी!
Comments
वोट जरूर दें
क्यूंकि आज भी देश में जीतने वाले को मिले वोट ज्यादा संख्या तो उन लोगों की होती है जो वोट डालने ही नहीं आते