दरअसल: स्लमडॉग मिलियनेयर बना स्लमडॉग करोड़पति
-अजय ब्रह्मात्मज
विदेशी दर्शकों को भारतीय कहानी से रिझा रही स्लमडॉग मिलियनेयर पुरस्कार भी बटोर रही है। इसे अभी तक मुख्य रूप से पश्चिमी देशों में स्थित फिल्म समीक्षकों की सोसाइटी के अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। प्रसंगवश अपने देश में कभी दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता के फिल्म समीक्षकों के पुरस्कारों का बड़ा सम्मान था, लेकिन अब ज्यादातर पुरस्कार टीवी इवेंट बन गए हैं। दरअसल, अब उनमें ग्लैमर और स्टार पर अधिक जोर रहता है, इसलिए फिल्मों की क्वालिटी और कॉन्टेंट पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता!
बहरहाल, फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर हिंदी में स्लमडॉग करोड़पति के नाम से रिलीज हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय दर्शक इसे पसंद करेंगे। हालांकि यह डब फिल्म है, लेकिन निर्माताओं का दावा है कि इसे देखते हुए मूल फिल्म का ही आनंद आएगा, क्योंकि फिल्म के सभी कलाकारों ने ही डबिंग का काम किया है। मेरा संदेह तकनीकी है, अगर फिल्म हिंदी संवादों के साथ शूट नहीं की गई है, तो डबिंग में शब्द और होंठों के बीच मेल बिठाना मुश्किल काम होगा!
स्लमडॉग करोड़पति मुंबई के धारावी में रह रहे किशोर जमाल मलिक के जीवन पर आधारित है। यह सच्ची कहानी नहीं है, लेकिन फिल्म का परिवेश, घटनाएं और शूटिंग की स्टाइल की वजह से यह वास्तविकता का अहसास देगी। इसी वजह से इसकी तारीफ भी हो रही है। फिल्म के निर्देशक डैनी बॉयल हैं। फिल्म के प्रचार में उनकी इतनी ज्यादा चर्चा हो रही है कि दर्शक मूल लेखक विकास स्वरूप से नावाकिफ हो रहे हैं। यह उनके उपन्यास क्यू ऐंड ए पर आधारित फिल्म है। लोग व्यंग्य की मुद्रा में कहते हैं कि किसी भारतीय निर्देशक ने इस उपन्यास पर फिल्म बनाने की क्यों नहीं सोची! हालांकि डैनी बॉयल ने फिल्म की जरूरत के हिसाब से मूल कथा में थोड़ा-बहुत बदलाव जरूर किया है, लेकिन उससे उपन्यास का मर्म प्रभावित नहीं हुआ है।
कहा जा रहा है कि भारतीय विषय पर बनी किसी विदेशी निर्देशक द्वारा बनाई गई यह पहली फिल्म है, जिसमें भारत को नीची या विस्मित नजरों से नहीं देखा गया है। इसका श्रेय फिल्म की सहायक निर्देशक लवलीन टंडन ले रही हैं। वे कहती हैं कि भारतीय सोच और उसके चित्रण पर डैनी बॉयल से उनकी कई बार झड़प हुई। वे इस फिल्म की कास्टिंग डायरेक्टर होने के साथ ही हिंदी संवादों की लेखिका भी हैं। लवलीन जल्दी ही स्वतंत्र रूप से हिंदी फिल्म का निर्देशन करेंगी। उनका स्वागत है।
इधर इस फिल्म की खास चर्चा है। फिल्म के संगीतकार ए.आर. रहमान गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं। वे वहां रवाना भी हो गए हैं। ११ जनवरी को उन्हें यह पुरस्कार मिल भी गया।इस बार गोल्डन ग्लोब में भारतीय मौजूदगी उल्लेखनीय है। खबर है कि शाहरुख खान इस अवार्ड समारोह में एक खास पुरस्कार देंगे और उनके साथ करण जौहर भी रहेंगे। गोल्डन ग्लोब के 66 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई भारतीय स्टार मंच पर दिखेगा। निश्चित ही एंटरटेनमेंट की दुनिया की हम नई ताकत हैं। इसका अहसास पूरी दुनिया को हो चुका है।
स्लमडॉग मिलियनेयर के निर्माता भारतीय दर्शकों, खासकर हिंदी दर्शकों को रिझाने की कोशिश में हैं। इसी कारण उन्होंने मिलियनेयर शब्द को बदलकर करोड़पति कर दिया है। भारतीय जनमानस और दर्शकों के बीच करोड़पति सुपरिचित शब्द है। संयोग से फिल्म में चल रहे गेम शो का नाम भी कौन बनेगा करोड़पति रखा गया है। फर्क यह है कि होस्ट की कुर्सी पर अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान के बजाय अनिल कपूर हैं। अनिल इसे अपने लिए बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। चर्चा है कि इंटरनेशनल मंच के लिए उन्होंने अपना भाषण भी तैयार कर रखा है। इंटरनेशनल ख्याति और प्रशंसा बटोर चुकी स्लमडॉग मिलियनेयर क्या भारत में भी ख्याति और प्रशंसा बटोरेगी? यह भी एक सवाल है!
विदेशी दर्शकों को भारतीय कहानी से रिझा रही स्लमडॉग मिलियनेयर पुरस्कार भी बटोर रही है। इसे अभी तक मुख्य रूप से पश्चिमी देशों में स्थित फिल्म समीक्षकों की सोसाइटी के अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। प्रसंगवश अपने देश में कभी दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता के फिल्म समीक्षकों के पुरस्कारों का बड़ा सम्मान था, लेकिन अब ज्यादातर पुरस्कार टीवी इवेंट बन गए हैं। दरअसल, अब उनमें ग्लैमर और स्टार पर अधिक जोर रहता है, इसलिए फिल्मों की क्वालिटी और कॉन्टेंट पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता!
बहरहाल, फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर हिंदी में स्लमडॉग करोड़पति के नाम से रिलीज हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय दर्शक इसे पसंद करेंगे। हालांकि यह डब फिल्म है, लेकिन निर्माताओं का दावा है कि इसे देखते हुए मूल फिल्म का ही आनंद आएगा, क्योंकि फिल्म के सभी कलाकारों ने ही डबिंग का काम किया है। मेरा संदेह तकनीकी है, अगर फिल्म हिंदी संवादों के साथ शूट नहीं की गई है, तो डबिंग में शब्द और होंठों के बीच मेल बिठाना मुश्किल काम होगा!
स्लमडॉग करोड़पति मुंबई के धारावी में रह रहे किशोर जमाल मलिक के जीवन पर आधारित है। यह सच्ची कहानी नहीं है, लेकिन फिल्म का परिवेश, घटनाएं और शूटिंग की स्टाइल की वजह से यह वास्तविकता का अहसास देगी। इसी वजह से इसकी तारीफ भी हो रही है। फिल्म के निर्देशक डैनी बॉयल हैं। फिल्म के प्रचार में उनकी इतनी ज्यादा चर्चा हो रही है कि दर्शक मूल लेखक विकास स्वरूप से नावाकिफ हो रहे हैं। यह उनके उपन्यास क्यू ऐंड ए पर आधारित फिल्म है। लोग व्यंग्य की मुद्रा में कहते हैं कि किसी भारतीय निर्देशक ने इस उपन्यास पर फिल्म बनाने की क्यों नहीं सोची! हालांकि डैनी बॉयल ने फिल्म की जरूरत के हिसाब से मूल कथा में थोड़ा-बहुत बदलाव जरूर किया है, लेकिन उससे उपन्यास का मर्म प्रभावित नहीं हुआ है।
कहा जा रहा है कि भारतीय विषय पर बनी किसी विदेशी निर्देशक द्वारा बनाई गई यह पहली फिल्म है, जिसमें भारत को नीची या विस्मित नजरों से नहीं देखा गया है। इसका श्रेय फिल्म की सहायक निर्देशक लवलीन टंडन ले रही हैं। वे कहती हैं कि भारतीय सोच और उसके चित्रण पर डैनी बॉयल से उनकी कई बार झड़प हुई। वे इस फिल्म की कास्टिंग डायरेक्टर होने के साथ ही हिंदी संवादों की लेखिका भी हैं। लवलीन जल्दी ही स्वतंत्र रूप से हिंदी फिल्म का निर्देशन करेंगी। उनका स्वागत है।
इधर इस फिल्म की खास चर्चा है। फिल्म के संगीतकार ए.आर. रहमान गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं। वे वहां रवाना भी हो गए हैं। ११ जनवरी को उन्हें यह पुरस्कार मिल भी गया।इस बार गोल्डन ग्लोब में भारतीय मौजूदगी उल्लेखनीय है। खबर है कि शाहरुख खान इस अवार्ड समारोह में एक खास पुरस्कार देंगे और उनके साथ करण जौहर भी रहेंगे। गोल्डन ग्लोब के 66 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई भारतीय स्टार मंच पर दिखेगा। निश्चित ही एंटरटेनमेंट की दुनिया की हम नई ताकत हैं। इसका अहसास पूरी दुनिया को हो चुका है।
स्लमडॉग मिलियनेयर के निर्माता भारतीय दर्शकों, खासकर हिंदी दर्शकों को रिझाने की कोशिश में हैं। इसी कारण उन्होंने मिलियनेयर शब्द को बदलकर करोड़पति कर दिया है। भारतीय जनमानस और दर्शकों के बीच करोड़पति सुपरिचित शब्द है। संयोग से फिल्म में चल रहे गेम शो का नाम भी कौन बनेगा करोड़पति रखा गया है। फर्क यह है कि होस्ट की कुर्सी पर अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान के बजाय अनिल कपूर हैं। अनिल इसे अपने लिए बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। चर्चा है कि इंटरनेशनल मंच के लिए उन्होंने अपना भाषण भी तैयार कर रखा है। इंटरनेशनल ख्याति और प्रशंसा बटोर चुकी स्लमडॉग मिलियनेयर क्या भारत में भी ख्याति और प्रशंसा बटोरेगी? यह भी एक सवाल है!
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