दोस्ती का मतलब वफादारी है: अभिषेक बच्चन
अभिषेक बच्चन की नई फिल्म दोस्ताना दोस्ती पर आधारित है। आज रिलीज हो रही इस फिल्म के बारे में पेश है अभिषेक बच्चन से खास बातचीत-
दोस्ती क्या है आप के लिए?
मेरे लिए दोस्ती का मतलब वफादारी है। दोस्त आसपास हों, तो हम सुरक्षा और संबल महसूस करते हैं।
क्या दोस्त अपने पेशे के ही होते हैं?
दोस्त तो दोस्त होते हैं। जरूरी नहीं है कि वे आप के पेशे में ही हों। मेरे कई दोस्त ऐसे हैं,जिनका फिल्मों से कोई नाता नहीं है।
दोस्त बनते हैं या बनाए जाते है?
दोस्त बनाए जाते हैं। दोस्ती खुद-ब-खुद नहीं होती। दोस्ती की जाती है। उसके लिए कोशिश करनी पड़ती है।
कौन सा रिश्ता ज्यादा मजबूत होता है? दोस्ती या खून का रिश्ता?
यह व्यक्ति पर निर्भर करता है। मेरे और आपके या किसी और के अनुभव में फर्क हो सकता है। मैं रिश्तों को अलग-अलग करके नहीं देखता।
दोस्त और दोस्ती को लेकर आप के अनुभव कैसे रहे हैं?
मेरे ज्यादातर दोस्त बचपन के ही हैं। गोल्डी बहल,सिकंदर खेर,उदय चोपड़ा और रितिक रोशन सभी मेरे बचपन के दोस्त हैं। हम सभी एक ही स्कूल में पढ़ते थे। मैंने दोस्ती निभाई है और वे सभी दोस्त बने रहे हैं।
कोई गैरफिल्मी दोस्त भी है?
बिल्कुल। अभी दो के नाम लूंगा। गौरव चेन्नई में रहते हैं और रियल एस्टेट के धंधे से जुड़े हैं। कॉलेज के दिनों में गौरव से दोस्ती हुई थी। विनय लंदन में रहते हैं और मार्केटिंग से जुड़े हैं। वह मेरे बचपन के दोस्त हैं। हम पड़ोसी थे।
आप ने हमेशा कहा है कि पापा आप के सबसे अच्छे दोस्त हैं। अमित जी भी अपने ब्लॉग में उल्लेख करते हैं कि आप उनके दोस्त हैं। क्या इस दोस्ती को परिभाषित करेंगे?
पापा के साथ मेरी दोस्ती को परिभाषित नहीं किया जा सकता। इस रिश्ते की यही खासियत है। वह मेरे सबसे घनिष्ठ दोस्त हैं। हम दोनों एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। दोस्ती की शुरुआत डैड ने की थी। उनका मानना था कि जिस दिन बेटे के पांव में मेरा जूता आ गया उस दिन से वह मेरा दोस्त हो गया। मैं उनसे किसी भी मुद्दे पर बात कर सकता हूं। इस दोस्ती में मैं अपनी मर्यादा नहीं भूलता कि वह मेरे पिता हैं। एक हद है,जो मैं पार नहीं कर सकता।
आप ऐश्वर्या को भी दोस्त कहते हैं?
ऐश्वर्या से मेरी दोस्ती अलग किस्म की है। वह मेरी पत्नी हैं। ऐश्वर्या हमउम्र और हमपेशा भी हैं। वह मुझे अच्छी तरह समझती हैं।
जॉन अब्राहम आपके दोस्त हैं और अभी उनके साथ दोस्ताना आ रही है।
जॉन की दोस्ती की वजह से ही हम फिल्म में बेहतर काम कर सके। हमारे बीच किसी प्रकार की होड़ नहीं रही। सीन चुराने या छा जाने वाली बात हमारे दिमाग में नहीं आई। आाप फिल्म देखेंगे, तो पता चलेगा। इस फिल्म में एक ही लड़की से हम दोनों प्यार कर बैठते हैं।
दोस्ती क्या है आप के लिए?
मेरे लिए दोस्ती का मतलब वफादारी है। दोस्त आसपास हों, तो हम सुरक्षा और संबल महसूस करते हैं।
क्या दोस्त अपने पेशे के ही होते हैं?
दोस्त तो दोस्त होते हैं। जरूरी नहीं है कि वे आप के पेशे में ही हों। मेरे कई दोस्त ऐसे हैं,जिनका फिल्मों से कोई नाता नहीं है।
दोस्त बनते हैं या बनाए जाते है?
दोस्त बनाए जाते हैं। दोस्ती खुद-ब-खुद नहीं होती। दोस्ती की जाती है। उसके लिए कोशिश करनी पड़ती है।
कौन सा रिश्ता ज्यादा मजबूत होता है? दोस्ती या खून का रिश्ता?
यह व्यक्ति पर निर्भर करता है। मेरे और आपके या किसी और के अनुभव में फर्क हो सकता है। मैं रिश्तों को अलग-अलग करके नहीं देखता।
दोस्त और दोस्ती को लेकर आप के अनुभव कैसे रहे हैं?
मेरे ज्यादातर दोस्त बचपन के ही हैं। गोल्डी बहल,सिकंदर खेर,उदय चोपड़ा और रितिक रोशन सभी मेरे बचपन के दोस्त हैं। हम सभी एक ही स्कूल में पढ़ते थे। मैंने दोस्ती निभाई है और वे सभी दोस्त बने रहे हैं।
कोई गैरफिल्मी दोस्त भी है?
बिल्कुल। अभी दो के नाम लूंगा। गौरव चेन्नई में रहते हैं और रियल एस्टेट के धंधे से जुड़े हैं। कॉलेज के दिनों में गौरव से दोस्ती हुई थी। विनय लंदन में रहते हैं और मार्केटिंग से जुड़े हैं। वह मेरे बचपन के दोस्त हैं। हम पड़ोसी थे।
आप ने हमेशा कहा है कि पापा आप के सबसे अच्छे दोस्त हैं। अमित जी भी अपने ब्लॉग में उल्लेख करते हैं कि आप उनके दोस्त हैं। क्या इस दोस्ती को परिभाषित करेंगे?
पापा के साथ मेरी दोस्ती को परिभाषित नहीं किया जा सकता। इस रिश्ते की यही खासियत है। वह मेरे सबसे घनिष्ठ दोस्त हैं। हम दोनों एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। दोस्ती की शुरुआत डैड ने की थी। उनका मानना था कि जिस दिन बेटे के पांव में मेरा जूता आ गया उस दिन से वह मेरा दोस्त हो गया। मैं उनसे किसी भी मुद्दे पर बात कर सकता हूं। इस दोस्ती में मैं अपनी मर्यादा नहीं भूलता कि वह मेरे पिता हैं। एक हद है,जो मैं पार नहीं कर सकता।
आप ऐश्वर्या को भी दोस्त कहते हैं?
ऐश्वर्या से मेरी दोस्ती अलग किस्म की है। वह मेरी पत्नी हैं। ऐश्वर्या हमउम्र और हमपेशा भी हैं। वह मुझे अच्छी तरह समझती हैं।
जॉन अब्राहम आपके दोस्त हैं और अभी उनके साथ दोस्ताना आ रही है।
जॉन की दोस्ती की वजह से ही हम फिल्म में बेहतर काम कर सके। हमारे बीच किसी प्रकार की होड़ नहीं रही। सीन चुराने या छा जाने वाली बात हमारे दिमाग में नहीं आई। आाप फिल्म देखेंगे, तो पता चलेगा। इस फिल्म में एक ही लड़की से हम दोनों प्यार कर बैठते हैं।
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