फ़िल्म समीक्षा:फैशन


प्रियंका की फिल्म है फैशन

-अजय ब्रह्मात्मज

हाई सोसायटी के बारे में जानने की ललक सभी को रहती है। यही कारण है कि इस सोसायटी की खबरें चाव से पढ़ी और देखी जाती हैं। फैशन जगत की चकाचौंध के पीछे की रहस्यमय दुनिया खबरों में छिटपुट तरीके से उजागर होती रही है। मधुर भंडारकर ने उन सभी खबरों को समेटते हुए यह फिल्म बनाई है। चूंकि फैशन फीचर फिल्म है इसलिए कुछ किरदारों के इर्द-गिई उन घटनाओं को बुन दिया गया है। फैशन मधुर भंडारकर की बेहतरीन फिल्म है। सिनेमाई भाषा और तकनीक के लिहाज से उनका कौशल परिष्कृत हुआ है।
फिल्म फैशन जगत की साजिशों, बंदिशों और हादसों को छूती भर है। मधुर कहीं भी रुक कर उन साजिशों, बंदिशों और हादसों की पृष्ठभूमि की पड़ताल नहीं करते। हिंदी फिल्मकार पापुलर फिल्मों में गहराई में उतरने से बचते हैं और कहीं न कहीं ठोस बाते कहने से घबराते हैं। उन्हें डर रहता है कि दर्शक भाग जाएगा। यही वजह है कि मधुर की फिल्म विशेष होने के बावजूद साधारण ही रह जाती है। हां, प्रतिनिधि के तौर पर चुनी गई तीन माडलों की कहानी दिल को छूती है। मेघना माथुर, सोनाली राजपाल और जेनेट के नाम भले ही अलग हों लेकिन उनकी पृष्ठभूमि एक सी है। मधुर इन किरदारों के जरिए दर्शकों को भावविह्वल करने में सफल रहे।
यह पूरी तरह से प्रियंका चोपड़ा की फिल्म है। उन्होंने मध्यवर्गीय मेघना के भाव के क्रमिक उतार-चढ़ाव को अच्छी तरह व्यक्त किया है। अगर वह पापुलर हीरोइन होने के दबाव से निकल पातीं और आरंभिक दृश्यों में मध्यवर्गीय परिवार की लड़की का गेटअप ले पातीं तो उनका किरदार और ज्यादा प्रभावशाली हो जाता। इस कमी के बावजूद प्रियंका की चंद अच्छी फिल्मों में फैशन की गिनती होगी। ऐतराज के बाद फैशन में प्रियंका ने साबित किया है कि उन्हें जटिल चरित्र मिले और निर्देशक उन पर ध्यान दे तो वह बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं।
कंगना रानाउत गैंगस्टर और वो लमहे में इस तरह के किरदार निभा चुकी हैं। कंगना की क्षमताओं का सही इस्तेमाल नहीं हो पाया है। नई अभिनेत्री मुग्धा गोडसे का आत्मविश्वास झलकता है। अर्जुन बाजवा का चरित्र आधा-अधूरा लगता है। हां, अरबाज खान की क्रूरता दृश्यों के माध्यम से उभरती है। वे कहीं भी अतिनाटकीय नहीं हुए।
फिल्म का गीत-संगीत सामान्य है। यह अच्छी बात है कि मधुर किसी प्रकार के आइटम या फिल्म पर हावी होते संगीत से बचे हैं। फिल्म के संवाद और चुटीले व मार्मिक हो सकते थे।

मुख्य कलाकार : अरबाज खान, प्रियंका चोपड़ा, कंगना रानावत, मुग्धा गोडसे, हर्ष छाया।
निर्देशक : मधुर भंडारकर
तकनीकी टीम : निर्माता- रॉनी स्क्रूवाला

Comments

Ramkumar singh said…
hi ajay ji

hope u r fine. its ramkumar from jaipur. aapka blog dekhta rahta hu... ummeed hai GOA me fir milenge...
फिल्म देख आये हैं ,पहले दिन का आखरी शो , इस पर कुछ लिखने की इच्छा भी है,आपके बहुत सी बातों से सहमत हैं । ठोस बातें नही कहीं गयीं पर फिल्म प्रियंका की बेहतरीन फिल्म है।

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