फ़िल्म समीक्षा:हम बाहुबली
औरों से बेहतर
यह फिल्म भोजपुरी में बनी है। भोजपुरी सिनेमा ने पिछले कुछ सालों में हिंदी दर्शकों के बीच खास स्थान बना लिया है। हम बाहुबली भोजपुरी सिनेमा में आए उछाल का संकेत देती है। अनिल अजिताभ के निर्देशन में बनी यह फिल्म जाहिर करती है कि अगर लेखक-निर्देशक थोड़ा ध्यान दें और निर्माता पूरा सहयोग दें तो भोजपुरी फिल्मों की फूहड़ता खत्म हो सकती है।
हम बाहुबली की कथाभूमि दर्शकों ने प्रकाश झा की फिल्मों में देखी है। इस समानता की वजह यह हो सकती है कि अनिल लंबे समय तक प्रकाश के मुख्य सहयोगी रहे। इसके अलावा हम बाहुबली के लेखन में शैवाल का सहयोग रहा। शैवाल ने प्रकाश के लिए दामुल और मृत्युदंड लिखी है। अपनी पहली फिल्म में अनिल अजिताभ उम्मीद जगाते हैं। उन्होंने बिहार के परिवेश को राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में चित्रित किया है और बाहुबली बनने के कारणों और परिस्थितियों को भी रखा है।
हम बाहुबली भोजपुरी फिल्मों में प्रचलित नाच-गानों से नहीं बच पाई है। कुछ गाने ज्यादा लंबे हो गए हैं और वे कथा प्रवाह में बाधक बनते हैं। कलाकारों की बात करें तो दिनेश लाल निरहुआ की ऊर्जा प्रभावित करती है। अमर उपाध्याय खोए से दिखे। अभिनेत्रियों के हिस्से में कुछ विशेष करने के लिए नहीं था। अंत में, रवि किशन से निर्देशक को भरपूर सहयोग मिला है। रवि किशन भोजपुरी सिनेमा की सीमाएं लांघ कर अब हिंदी फिल्मों में जगह बना रहे हैं। इस फिल्म के दृश्यों से जाहिर है कि वे भोजपुरी परिवेश को समझते हैं और किरदार को बारीकी से आत्मसात करते हैं।
मुख्य कलाकार : रवि किशन, दिनेश लाल यादव, अमर उपाध्याय, मोनालिसा, रिंकू घोष, रानी चटर्जी आदि
निर्देशक : अनिल अजिताभ
तकनीकी टीम : निर्माता- अभय सिन्हा, एन जी पुरुषोत्तम और इंद्रनील चक्रवर्ती,
गीत- विनय बिहारी, संगीत- धनंजय मिश्रा।
यह फिल्म भोजपुरी में बनी है। भोजपुरी सिनेमा ने पिछले कुछ सालों में हिंदी दर्शकों के बीच खास स्थान बना लिया है। हम बाहुबली भोजपुरी सिनेमा में आए उछाल का संकेत देती है। अनिल अजिताभ के निर्देशन में बनी यह फिल्म जाहिर करती है कि अगर लेखक-निर्देशक थोड़ा ध्यान दें और निर्माता पूरा सहयोग दें तो भोजपुरी फिल्मों की फूहड़ता खत्म हो सकती है।
हम बाहुबली की कथाभूमि दर्शकों ने प्रकाश झा की फिल्मों में देखी है। इस समानता की वजह यह हो सकती है कि अनिल लंबे समय तक प्रकाश के मुख्य सहयोगी रहे। इसके अलावा हम बाहुबली के लेखन में शैवाल का सहयोग रहा। शैवाल ने प्रकाश के लिए दामुल और मृत्युदंड लिखी है। अपनी पहली फिल्म में अनिल अजिताभ उम्मीद जगाते हैं। उन्होंने बिहार के परिवेश को राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में चित्रित किया है और बाहुबली बनने के कारणों और परिस्थितियों को भी रखा है।
हम बाहुबली भोजपुरी फिल्मों में प्रचलित नाच-गानों से नहीं बच पाई है। कुछ गाने ज्यादा लंबे हो गए हैं और वे कथा प्रवाह में बाधक बनते हैं। कलाकारों की बात करें तो दिनेश लाल निरहुआ की ऊर्जा प्रभावित करती है। अमर उपाध्याय खोए से दिखे। अभिनेत्रियों के हिस्से में कुछ विशेष करने के लिए नहीं था। अंत में, रवि किशन से निर्देशक को भरपूर सहयोग मिला है। रवि किशन भोजपुरी सिनेमा की सीमाएं लांघ कर अब हिंदी फिल्मों में जगह बना रहे हैं। इस फिल्म के दृश्यों से जाहिर है कि वे भोजपुरी परिवेश को समझते हैं और किरदार को बारीकी से आत्मसात करते हैं।
मुख्य कलाकार : रवि किशन, दिनेश लाल यादव, अमर उपाध्याय, मोनालिसा, रिंकू घोष, रानी चटर्जी आदि
निर्देशक : अनिल अजिताभ
तकनीकी टीम : निर्माता- अभय सिन्हा, एन जी पुरुषोत्तम और इंद्रनील चक्रवर्ती,
गीत- विनय बिहारी, संगीत- धनंजय मिश्रा।
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