बॉक्स ऑफिस:०१.०८.२००८
लुढ़कीं दोनों फिल्में
अपूर्व लाखिया की मिशन इस्तांबुल और गणेश आचार्य की मनी है तो हनी है बाक्स आफिस पर लगभग समान गति से लुढ़क गई। दोनों ही फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया। क्या हम मान लें कि लव स्टोरी का ट्रेंड चल रहा है? जाने तू या जाने ना के हिट होने और किस्मत कनेक्शन के अच्छे प्रदर्शन के बाद माना जा सकता है कि सावन के मौसम में दर्शक प्रेम कहानियों में मस्ती ले रहे हैं।
एक्शन फिल्म मिशन इस्तांबुल का रोमांच और कॉमेडी फिल्म मनी है तो हनी है की गुदगुदी उन्हें नहीं बांध सकी। उम्मीद की जा रही थी कि मिशन इस्तांबुल को छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में पर्याप्त दर्शक मिलेंगे। फिल्म देखकर निकले दर्शकों ने दोस्तों और परिचितों से फिल्म देखने की सिफारिश नहीं की।
यही हाल मनी है तो हनी है का रहा। गोविंदा सहित छह कलाकारों की मौजूदगी के बावजूद दर्शकों को हंसने के ज्यादा अवसर नहीं मिले। केवल मनोज बाजपेयी इस डूबती साधारण फिल्म में तिनके का सहारा बने रहे। फिल्म के निर्माता कुमार मंगत अवश्य परेशान होंगे कि आधा दर्जन फ्लाप फिल्मों के बाद वे कैसी फिल्मों की प्लानिंग करें।
मिशन इस्तांबुल को 30 प्रतिशत की ओपनिंग मिली तो मनी है तो हनी है केवल 20 प्रतिशत दर्शक जुटा सकी। पुरानी फिल्मों में किस्मत कनेक्शन कम बजट की होने के कारण औसत व्यापार कर रही है। उसके साथ रिलीज हुई कांट्रैक्ट को दर्शक भूल चुके हैं। जाने तू या जाने ना चौथे हफ्ते में भी दर्शकों को खींच रही है।
अपूर्व लाखिया की मिशन इस्तांबुल और गणेश आचार्य की मनी है तो हनी है बाक्स आफिस पर लगभग समान गति से लुढ़क गई। दोनों ही फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया। क्या हम मान लें कि लव स्टोरी का ट्रेंड चल रहा है? जाने तू या जाने ना के हिट होने और किस्मत कनेक्शन के अच्छे प्रदर्शन के बाद माना जा सकता है कि सावन के मौसम में दर्शक प्रेम कहानियों में मस्ती ले रहे हैं।
एक्शन फिल्म मिशन इस्तांबुल का रोमांच और कॉमेडी फिल्म मनी है तो हनी है की गुदगुदी उन्हें नहीं बांध सकी। उम्मीद की जा रही थी कि मिशन इस्तांबुल को छोटे शहरों और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में पर्याप्त दर्शक मिलेंगे। फिल्म देखकर निकले दर्शकों ने दोस्तों और परिचितों से फिल्म देखने की सिफारिश नहीं की।
यही हाल मनी है तो हनी है का रहा। गोविंदा सहित छह कलाकारों की मौजूदगी के बावजूद दर्शकों को हंसने के ज्यादा अवसर नहीं मिले। केवल मनोज बाजपेयी इस डूबती साधारण फिल्म में तिनके का सहारा बने रहे। फिल्म के निर्माता कुमार मंगत अवश्य परेशान होंगे कि आधा दर्जन फ्लाप फिल्मों के बाद वे कैसी फिल्मों की प्लानिंग करें।
मिशन इस्तांबुल को 30 प्रतिशत की ओपनिंग मिली तो मनी है तो हनी है केवल 20 प्रतिशत दर्शक जुटा सकी। पुरानी फिल्मों में किस्मत कनेक्शन कम बजट की होने के कारण औसत व्यापार कर रही है। उसके साथ रिलीज हुई कांट्रैक्ट को दर्शक भूल चुके हैं। जाने तू या जाने ना चौथे हफ्ते में भी दर्शकों को खींच रही है।
Comments
जाने तू और किस्मत कनेक्शन दोनो के ही फ़िल्मांकन में नयापन और ताज़गी है शायद यही दर्शक चाहते है यदि सिर्फ़ प्रेम कहानी चाहिए होती तो 'लव स्टोरी' शीर्षक वाली लव स्टोरी 2050 को भी हिट होना था.. परन्तु फ्लॉप होने वाली सारी ही फ़िल्मे निम्न स्तर की थी.. भारतीय दर्शक की सोच बदल रही है..