प्रियंका चोपड़ा, बारिश और एक मुलाकात
इन दिनों अंतरंग बातचीत तो छोड़िए, अंतरंग मुलाकातें भी नहीं हो पातीं। एक्टर व्यस्त हैं और फिल्म पत्रकार जल्दी से जल्दी अखबारों की जगह भरने में सिर्फ कानों और आंखों का सहारा ले रहे हैं। दिल और दिमाग अपने कोनों में दुबके पड़े हैं। आश्चर्य है कि इस स्थिति से सभी खुश हैं... अखबार के मालिक, संपादक, पत्रकार, पाठक और फिल्मी हस्तियां... इस स्थिति की परिस्थिति पर फिर कभी, फिलहाल चवन्नी की मुलाकात पिछले दिनों प्रियंका चोपड़ा से हुई। चवन्नी के पाठकों के लिए विशेष रूप से इस मुलाकात का विवरण...
प्रियंका चोपड़ा से अजय ब्रह्मात्मज मिलने गए थे। चूंकि चवन्नी हमेशा उनके साथ रहता है, इसलिए स्वाभाविक रूप से इस इंटरव्यू के लिए मौजूद था। चवन्नी ने अजय से कहा भी कि गाड़ी निकाल लो। बारिश का दिन है। अपनी गाड़ी रहेगी तो गीले नहीं होंगे और भीगी हुई बातों से आप भी बचे रहोगे, लेकिन अजय को प्रियंका चोपड़ा के इंटरव्यू के बाद स्वानंद किरकिरे से मिलने के लिए बांद्रा भी जाना था, इसलिए गाड़ी निकालना मुनासिब नहीं था। बारिश में अनजानी सड़कों के गड्ढों की जानकारी नहीं रहती और फिर मुंबई में पार्किंग इतनी बड़ी समस्या है।
प्रियंका चोपड़ा के पीआर (प्रचारक) अदिति ने अजय को पहले ही बता दिया था कि उनका समय आधे घंटे आगे चला गया है। अजय पिछले पंद्रह दिनों से प्रियंका चोपड़ा से बातचीत करने की कोशिश में थे। चवन्नी को उनकी परेशानी मालूम है। उनके अखबार के परिशिष्ट 10 से 15 दिन पहले क्लोज किए जाते हैं, लिहाजा कोई भी इंटरव्यू प्रकाशन तिथि से पंद्रह दिन पहले हो जाना चाहिए ताकि उसे समय से लिखकर भेजा जा सके।
प्रियंका काफी व्यस्त रहीं। अजय को उनके पीआर ने सलाह दी थी कि आप फोन पर इंटरव्यू कर लो। अजय फोनो इंटरव्यू पसंद नहीं करते। उन्होंने चवन्नी को बताया कि फोन पर उसी से लंबी और अच्छी बातचीत हो सकती है, जो आपको अच्छी तरह जानता हो और दोस्तों की तरह बात करने को तैयार हो।
बहरहाल, सोमवार की शाम को अजय ब्रह्मात्मज के साथ चवन्नी मुंबई की फिल्मसिटी गया। तय हुआ था फ्लोर नंबर 16 पर प्रियंका मिलेंगी। वह वहां करण जौहर की तरुण मनसुखानी निर्देशित 'दोस्ताना' की शूटिंग कर रही हैं। इस फिल्म में उनके साथ अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम भी हैं। अजय को बारिश के कारण वहां पहुंचने में थोड़ी देर हो गई। फिल्मसिटी का रास्ता गड्ढों से भरा है।आश्चर्य होता है कि हजारों करोड़ों का कारोबार करनेवाली फिल्म इंडस्ट्री के प्राइम लोकेशन फिल्मसिटी का रास्ता भी मुंबई की नगरपालिका दुरूस्त नहीं रख पाती। फिल्म स्टारों को अपनी लक्जरी कारों में इन गड्ढ़ों के झटके महसूस नहीं होते। आप ऑटो से यात्रा करें तो पता चले। कमर और पीठ की नसें तड़तड़ा जाती हैं। देर तो हो चुकी थी, क्योंकि अजय के मोबाइल पर अदिति का मैसेज आया - कहां हैं सर?
फिल्मसिटी के 16 नंबर फ्लोर को रंग-रोगन कर दुरूस्त कर दिया गया है। इस फ्लोर पर संजय लीला भंसाली की 'ब्लैक' की शूटिंग के समय भयंकर आग लगी थी। आग लगने की तहकीकात, इंश्योरेंस के दावों और बाकी पड़ताल के कारण कई सालों तक यह फ्लोर नॉनवर्किंग कंडीशन में रहा। फ्लोर के बाहर गाड़ियों के काफिले लगे थे। चार-छह वैनिटी वैन पार्क थे। ये वैनिटी वैन फिल्म स्टारों के लिए होते हैं। ऑटो से उतरते ही गार्ड ने रोक दिया। बूंदाबादी चल रही थी। चूंकि गार्ड अपनी ड्यूटी करते हुए भीग रहा था, इसलिए चवन्नी भी चुप रहा। वह भी अजय की ड्यूटी समझकर खामोश हो गया। थोड़ी देर तक पूछताछ चलती रही। हालांकि प्रियंका चोपड़ा के सचिव चांद मिश्रा दिख गए थे, लेकिन उन्होंने अपरिचय की मुद्रा बना ली तो अजय ने भी उन्हें इग्नोर कर दिया। उसने अदिति को फोन किया और आप यकीन नहीं करेंगे कि फोन करने के छह मिनट के बाद अदिति प्रियंका के वैनिटी वैन से बाहर निकली और अजय के पास आईं। जबकि फासला सिर्फ 25 कदमों का था।
दो हिस्सों में बंटे वैनिटी वैन के एक हिस्से में प्रियंका इंटरव्यू दे रही थीं दूसरे हिस्से में उनकी सहायिका राधा और सेक्रेटरी चांद मिश्रा बैठे थे। रेडियो का एक आरजे चहकती आवाज में इंटरव्यू ले रहा था। उसने इंटरव्यू करने के बाद प्रियंका चोपड़ा को महंगे चॉकलेट भेंट किए। क्या हिंदी अखबारों के पत्रकार ऐसे महंगे उपहार दे सकते हैं? अजय का नंबर लगा दिया गया। चवन्नी भी साथ में बैठ गया। थोड़ी देर बैठने के बाद अजय को ऊब सी महसूस हुई। अजय नहीं चाहते कि उनकी बातचीत के समय कोई तीसरा मौजूद हो, इसलिए दूसरों की बातचीत सुनना भी उन्हें पसंद नहीं है। वे उठकर वैनिटी वैन के दूसरे हिस्से में आ गए। चांद मिश्रा वाइरल से परेशान थे, फिर भी ड्यूटी करने आए थे। सहायिका राधा का जन्मदिन था, मगर वह ठहरी हुई थी कि प्रियंका के इंटरव्यू समाप्त हो जाएं। स्टारों के स्टाफ को हमेशा तैनात रहना पड़ता है।
अदिति ने आकर अजय से कहा कि सवाल तो एक जैसे ही होंगे और उनके जवाब भी वही होंगे तो क्यों न आप दूसरों के साथ बैठकर बातचीत कर लें। चवन्नी ने देखा कि अजय का गुस्सा होंठो पर आते-आते रूक गया। अजय ने खुद पर नियंत्रण किया और ऐसी बातचीत से मना कर दिया। उन्होंने अदिति से कहा कि सभी का इंटरव्यू करवा दो। अदिति ने डराया कि आखिरी इंटरव्यू जल्दबाजी में करना होगा। अजय ने अदिति को निश्चिंत रहने के लिए कहा। आखिरकार वह वक्त आया। प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि पंद्रह मिनट में बातचीत कर लें। अभी बातचीत शुरू ही हुई थी कि दीया मिर्जा मिलने आ गईं। प्रियंका ने माफी मांगी और उनसे थोड़ी देर तक बातचीत करती रहीं। फिर से अजय का इंटरव्यू आरंभ हुआ। बातें इतनी रोचक हो रही थीं कि राधा और अदिति भी वहीं बैठ गईं। अब बस... अजय के सवाल थे और प्रियंका के जवाब... कब पंद्रह मिनट का समय निकला पता ही नहीं चला... तकरीबन 40 मिनट के बाद अदिति किसी के फोन से चौंकी। उन्होंने आग्रह किया कि एक इवेंट में जाना है। क्या आज की बात यहीं खत्म करें?
चवन्नी इस बातचीत को सुनता रहा। वह खुश था कि अजय को एक अच्छा इंटरव्यू मिल गया। उसने अजय से कहा भी कि इसे जल्दी से ब्लॉग पर डालो। अजय ने आश्वस्त किया है कि जागरण में छपने के साथ ही यह चवन्नी चैप ब्लॉग पर आएगा। चवन्नी के साथ तब तक आप भी इंतजार करें। हां, प्रियंका चोपड़ा का जन्मदिन 18 जुलाई है।
प्रियंका चोपड़ा से अजय ब्रह्मात्मज मिलने गए थे। चूंकि चवन्नी हमेशा उनके साथ रहता है, इसलिए स्वाभाविक रूप से इस इंटरव्यू के लिए मौजूद था। चवन्नी ने अजय से कहा भी कि गाड़ी निकाल लो। बारिश का दिन है। अपनी गाड़ी रहेगी तो गीले नहीं होंगे और भीगी हुई बातों से आप भी बचे रहोगे, लेकिन अजय को प्रियंका चोपड़ा के इंटरव्यू के बाद स्वानंद किरकिरे से मिलने के लिए बांद्रा भी जाना था, इसलिए गाड़ी निकालना मुनासिब नहीं था। बारिश में अनजानी सड़कों के गड्ढों की जानकारी नहीं रहती और फिर मुंबई में पार्किंग इतनी बड़ी समस्या है।
प्रियंका चोपड़ा के पीआर (प्रचारक) अदिति ने अजय को पहले ही बता दिया था कि उनका समय आधे घंटे आगे चला गया है। अजय पिछले पंद्रह दिनों से प्रियंका चोपड़ा से बातचीत करने की कोशिश में थे। चवन्नी को उनकी परेशानी मालूम है। उनके अखबार के परिशिष्ट 10 से 15 दिन पहले क्लोज किए जाते हैं, लिहाजा कोई भी इंटरव्यू प्रकाशन तिथि से पंद्रह दिन पहले हो जाना चाहिए ताकि उसे समय से लिखकर भेजा जा सके।
प्रियंका काफी व्यस्त रहीं। अजय को उनके पीआर ने सलाह दी थी कि आप फोन पर इंटरव्यू कर लो। अजय फोनो इंटरव्यू पसंद नहीं करते। उन्होंने चवन्नी को बताया कि फोन पर उसी से लंबी और अच्छी बातचीत हो सकती है, जो आपको अच्छी तरह जानता हो और दोस्तों की तरह बात करने को तैयार हो।
बहरहाल, सोमवार की शाम को अजय ब्रह्मात्मज के साथ चवन्नी मुंबई की फिल्मसिटी गया। तय हुआ था फ्लोर नंबर 16 पर प्रियंका मिलेंगी। वह वहां करण जौहर की तरुण मनसुखानी निर्देशित 'दोस्ताना' की शूटिंग कर रही हैं। इस फिल्म में उनके साथ अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम भी हैं। अजय को बारिश के कारण वहां पहुंचने में थोड़ी देर हो गई। फिल्मसिटी का रास्ता गड्ढों से भरा है।आश्चर्य होता है कि हजारों करोड़ों का कारोबार करनेवाली फिल्म इंडस्ट्री के प्राइम लोकेशन फिल्मसिटी का रास्ता भी मुंबई की नगरपालिका दुरूस्त नहीं रख पाती। फिल्म स्टारों को अपनी लक्जरी कारों में इन गड्ढ़ों के झटके महसूस नहीं होते। आप ऑटो से यात्रा करें तो पता चले। कमर और पीठ की नसें तड़तड़ा जाती हैं। देर तो हो चुकी थी, क्योंकि अजय के मोबाइल पर अदिति का मैसेज आया - कहां हैं सर?
फिल्मसिटी के 16 नंबर फ्लोर को रंग-रोगन कर दुरूस्त कर दिया गया है। इस फ्लोर पर संजय लीला भंसाली की 'ब्लैक' की शूटिंग के समय भयंकर आग लगी थी। आग लगने की तहकीकात, इंश्योरेंस के दावों और बाकी पड़ताल के कारण कई सालों तक यह फ्लोर नॉनवर्किंग कंडीशन में रहा। फ्लोर के बाहर गाड़ियों के काफिले लगे थे। चार-छह वैनिटी वैन पार्क थे। ये वैनिटी वैन फिल्म स्टारों के लिए होते हैं। ऑटो से उतरते ही गार्ड ने रोक दिया। बूंदाबादी चल रही थी। चूंकि गार्ड अपनी ड्यूटी करते हुए भीग रहा था, इसलिए चवन्नी भी चुप रहा। वह भी अजय की ड्यूटी समझकर खामोश हो गया। थोड़ी देर तक पूछताछ चलती रही। हालांकि प्रियंका चोपड़ा के सचिव चांद मिश्रा दिख गए थे, लेकिन उन्होंने अपरिचय की मुद्रा बना ली तो अजय ने भी उन्हें इग्नोर कर दिया। उसने अदिति को फोन किया और आप यकीन नहीं करेंगे कि फोन करने के छह मिनट के बाद अदिति प्रियंका के वैनिटी वैन से बाहर निकली और अजय के पास आईं। जबकि फासला सिर्फ 25 कदमों का था।
दो हिस्सों में बंटे वैनिटी वैन के एक हिस्से में प्रियंका इंटरव्यू दे रही थीं दूसरे हिस्से में उनकी सहायिका राधा और सेक्रेटरी चांद मिश्रा बैठे थे। रेडियो का एक आरजे चहकती आवाज में इंटरव्यू ले रहा था। उसने इंटरव्यू करने के बाद प्रियंका चोपड़ा को महंगे चॉकलेट भेंट किए। क्या हिंदी अखबारों के पत्रकार ऐसे महंगे उपहार दे सकते हैं? अजय का नंबर लगा दिया गया। चवन्नी भी साथ में बैठ गया। थोड़ी देर बैठने के बाद अजय को ऊब सी महसूस हुई। अजय नहीं चाहते कि उनकी बातचीत के समय कोई तीसरा मौजूद हो, इसलिए दूसरों की बातचीत सुनना भी उन्हें पसंद नहीं है। वे उठकर वैनिटी वैन के दूसरे हिस्से में आ गए। चांद मिश्रा वाइरल से परेशान थे, फिर भी ड्यूटी करने आए थे। सहायिका राधा का जन्मदिन था, मगर वह ठहरी हुई थी कि प्रियंका के इंटरव्यू समाप्त हो जाएं। स्टारों के स्टाफ को हमेशा तैनात रहना पड़ता है।
अदिति ने आकर अजय से कहा कि सवाल तो एक जैसे ही होंगे और उनके जवाब भी वही होंगे तो क्यों न आप दूसरों के साथ बैठकर बातचीत कर लें। चवन्नी ने देखा कि अजय का गुस्सा होंठो पर आते-आते रूक गया। अजय ने खुद पर नियंत्रण किया और ऐसी बातचीत से मना कर दिया। उन्होंने अदिति से कहा कि सभी का इंटरव्यू करवा दो। अदिति ने डराया कि आखिरी इंटरव्यू जल्दबाजी में करना होगा। अजय ने अदिति को निश्चिंत रहने के लिए कहा। आखिरकार वह वक्त आया। प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि पंद्रह मिनट में बातचीत कर लें। अभी बातचीत शुरू ही हुई थी कि दीया मिर्जा मिलने आ गईं। प्रियंका ने माफी मांगी और उनसे थोड़ी देर तक बातचीत करती रहीं। फिर से अजय का इंटरव्यू आरंभ हुआ। बातें इतनी रोचक हो रही थीं कि राधा और अदिति भी वहीं बैठ गईं। अब बस... अजय के सवाल थे और प्रियंका के जवाब... कब पंद्रह मिनट का समय निकला पता ही नहीं चला... तकरीबन 40 मिनट के बाद अदिति किसी के फोन से चौंकी। उन्होंने आग्रह किया कि एक इवेंट में जाना है। क्या आज की बात यहीं खत्म करें?
चवन्नी इस बातचीत को सुनता रहा। वह खुश था कि अजय को एक अच्छा इंटरव्यू मिल गया। उसने अजय से कहा भी कि इसे जल्दी से ब्लॉग पर डालो। अजय ने आश्वस्त किया है कि जागरण में छपने के साथ ही यह चवन्नी चैप ब्लॉग पर आएगा। चवन्नी के साथ तब तक आप भी इंतजार करें। हां, प्रियंका चोपड़ा का जन्मदिन 18 जुलाई है।
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