अभिनेत्री करीना कपूर बनाम ब्रांड बेबो
ताजा खबर है कि करीना कपूर ने एक साबुन के विज्ञापन के लिए करोड़ों की रकम ली है। इस तरह वह विज्ञापन से कमाई करनेवाली महंगी अभिनेत्रियों में से एक हो गई हैं। इन दिनों वह हर तरह के कंज्यूमर प्रोडक्ट के विज्ञापनों में दिख रही हैं। अभिनेत्रियों की मांग कॉस्मेटिक, पर्सनल केयर प्रोडक्ट और ज्वेलरी के विज्ञापनों में ज्यादा रहती है। करीना कपूर इस तरह के विज्ञापनों में आगे हैं। वह लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट बेचने के लिए सबसे उपयुक्त एक्ट्रेस मानी जा रही हैं।
इन दिनो फिल्म अभिनेत्रियों की कमाई का बड़ा हिस्सा विज्ञापनों से आता है। पॉपुलर एक्टर की तरह पॉपुलर एक्ट्रेस भी इस कमाई पर पूरा ध्यान दे रही हैं। बाजार में करीना कपूर की मांग बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पिछले साल उनकी फिल्म 'जब वी मेट' जबरदस्त हिट रही। उनके कुछ प्रशंसकों को लग सकता है कि शाहिद कपूर से अलग होकर उन्होंने अच्छा नहीं किया। नैतिकता के इस प्रश्न से उनके इमेज पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टा दर्शकों के बीच उनकी चाहत बढ़ गई है। हीरोइनों के सपनों में खोए दीवाने दर्शकों के लिए करीना कपूर ऐसी आइकॉन बन गयी हैं, जो किसी एक सितारे से नहीं बंधी हैं। शाहिद कपूर के साथ उनके संबंध को टिकाऊ माना जा रहा था। सैफ अली खान के साथ उनके संबंधों को लेकर आम धारणा है कि वह कभी भी टूट सकता है। इस तरह करीना कपूर का ख्वाब उनके दीवानों के लिए सुरक्षित है। अमूमन शादीशुदा या मजबूत संबंधों की हीरोइनों की लोकप्रियता धीरे-धीरे कम हो जाती है। शाहिद से संबंध तोड़कर करीना कपूर ने अपनी लोकप्रियता में ज्यादा इजाफा ही किया है।
ऐसा लगता है कि करीना कपूर थोड़ी मेहनत, लगन और एकाग्रता से काम करें तो वह बेहतर अभिनय कर सकती हैं। उन्होंने 'चमेली', 'ओमकारा' और 'जब वी मेट' में इसके उदाहरण दिए हैं, लेकिन उन्हें सुधीर मिश्र, विशाल भारद्वाज या इम्तियाज अली जैसा निर्देशक भी चाहिए। करण जौहर टाइप निर्देशक तो करीना कपूर के जरिए लाइफ स्टाइल और फिगर में ही ऊब-डूब करते रहेंगे। तय करीना को ही करना है कि वह पॉपुलैरिटी और डिमांड के बीच कैसे संतुलन बिठाती हैं और अपने लिए कौन सा रास्ता चुनती हैं। अभिनेत्री करीना कपूर और ब्रांड बेबो एक-दूसरे की पूरक बन कर ही कामयाब रहेंगी।
इन दिनो फिल्म अभिनेत्रियों की कमाई का बड़ा हिस्सा विज्ञापनों से आता है। पॉपुलर एक्टर की तरह पॉपुलर एक्ट्रेस भी इस कमाई पर पूरा ध्यान दे रही हैं। बाजार में करीना कपूर की मांग बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पिछले साल उनकी फिल्म 'जब वी मेट' जबरदस्त हिट रही। उनके कुछ प्रशंसकों को लग सकता है कि शाहिद कपूर से अलग होकर उन्होंने अच्छा नहीं किया। नैतिकता के इस प्रश्न से उनके इमेज पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टा दर्शकों के बीच उनकी चाहत बढ़ गई है। हीरोइनों के सपनों में खोए दीवाने दर्शकों के लिए करीना कपूर ऐसी आइकॉन बन गयी हैं, जो किसी एक सितारे से नहीं बंधी हैं। शाहिद कपूर के साथ उनके संबंध को टिकाऊ माना जा रहा था। सैफ अली खान के साथ उनके संबंधों को लेकर आम धारणा है कि वह कभी भी टूट सकता है। इस तरह करीना कपूर का ख्वाब उनके दीवानों के लिए सुरक्षित है। अमूमन शादीशुदा या मजबूत संबंधों की हीरोइनों की लोकप्रियता धीरे-धीरे कम हो जाती है। शाहिद से संबंध तोड़कर करीना कपूर ने अपनी लोकप्रियता में ज्यादा इजाफा ही किया है।
ऐसा लगता है कि करीना कपूर थोड़ी मेहनत, लगन और एकाग्रता से काम करें तो वह बेहतर अभिनय कर सकती हैं। उन्होंने 'चमेली', 'ओमकारा' और 'जब वी मेट' में इसके उदाहरण दिए हैं, लेकिन उन्हें सुधीर मिश्र, विशाल भारद्वाज या इम्तियाज अली जैसा निर्देशक भी चाहिए। करण जौहर टाइप निर्देशक तो करीना कपूर के जरिए लाइफ स्टाइल और फिगर में ही ऊब-डूब करते रहेंगे। तय करीना को ही करना है कि वह पॉपुलैरिटी और डिमांड के बीच कैसे संतुलन बिठाती हैं और अपने लिए कौन सा रास्ता चुनती हैं। अभिनेत्री करीना कपूर और ब्रांड बेबो एक-दूसरे की पूरक बन कर ही कामयाब रहेंगी।
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