चार जुलाई को चमकेंगे दो स्टार!
-अजय ब्रह्मात्मज
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए पहली छमाही कोई सुखद समाचार नहीं ला सकी। न तो कोई फिल्म जबर्दस्त सफलता हासिल कर सकी और न ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से आए स्टारसन में कोई चमक दिखी। हाल ही में रिलीज हुई वुडस्टॉक विला में आए सिकंदर खेर को ढेर होते हमने देखा। उसके पहले मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह चक्रवर्ती अपनी पहली फिल्म जिम्मी में फुस्स साबित हुए। आश्चर्य की बात तो यह है कि दोनों ही नवोदित स्टारों को दर्शकों ने नोटिस नहीं किया। हालांकि दोनों के पास अभी एक-एक फिल्म है, लेकिन कहना मुश्किल है कि दूसरी फिल्मों में वे कोई जलवा बिखेर पाएंगे!
हां, चार जुलाई को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दो स्टार चमकने को तैयार हैं। लव स्टोरी 2050 से हैरी बावेजा के पुत्र हरमन बावेजा और जाने तू या जाने ना से आमिर खान के भतीजे इमरान खान की फिल्मों में एंट्री हो रही है। चार जुलाई को एक साथ रिलीज हो रही इन दोनों फिल्मों के मुख्य कलाकारों को फिलहाल भविष्य के स्टार के रूप में देखा जा रहा है। उनकी पहली फिल्म की रिलीज के पहले ही उनकी आने वाली फिल्में भी लगभग पूरी हो गई हैं। दोनों को लगातार फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं और ऐसा कहा जा रहा है कि अगर दोनों ने अपनी पहली फिल्म से दर्शकों को थोड़ा भी संतुष्ट किया, तो उनके घरों के आगे निर्माताओं की कतारें लग जाएंगी।
हिंदी फिल्मों के इतिहास में हमेशा से चार-पांच स्टारों की ही मांग सबसे ज्यादा रही है। आज भी वही स्थिति बनी हुई है, लेकिन एक फर्क जरूर आ गया है। पहले हर स्टार की साल में कम से कम चार-पांच फिल्में रिलीज हो जाया करती थीं, लेकिन इधर एक समय में एक फिल्म की शूटिंग करने की प्राथमिकता के कारण पॉपुलर स्टारों की बमुश्किल दो फिल्में ही आ पाती हैं। तीनों खानों के साथ अक्षय कुमार, रितिक रोशन, अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम की पिछली फिल्मों को याद करें, तो इस स्थिति को अच्छी तरह समझ सकते हैं। इन सभी में केवल अक्षय कुमार अकेले ऐसे स्टार हैं, जिनकी ज्यादा फिल्में आ रही हैं और उनमें से अधिकांश सफल भी हो रही हैं।
जाहिर-सी बात है कि इस परिदृश्य में आधे दर्जन स्टारों के सहारे दर्शकों के लिए सौ-सवा सौ फिल्मों की सालाना जरूरत पूरी नहीं की जा सकती! दरअसल, यही वजह है कि निर्माता-निर्देशक और फिल्मों के बड़े कॉरपोरेट हाउस भरोसेमंद स्टार के लिए तरस रहे हैं और इसीलिए किसी में थोड़ी संभावना दिखते ही सब उस पर टूट पड़ते हैं। अगर वह संभावना फिल्म इंडस्ट्री से उभर रही हो, तो उस पर निर्माता-निर्देशकों का भरोसा कुछ ज्यादा ही होता है।
फिल्म इंडस्ट्री के लोग जब इंटरव्यू में कहते हैं कि हमारी इंडस्ट्री एक परिवार की तरह है, तो दर्शक और इंडस्ट्री के बाहर के लोगों को हंसी आती है। खेमेबाजी और आगे बढ़ने की फिक्र में भले ही इंडस्ट्री के सदस्य एक-दूसरे के विरोध में नजर आएं, लेकिन यह एक ठोस सच्चाई यह भी है कि इंडस्ट्री में एक-दूसरे की मदद की पुरानी परंपरा रही है। मैं तुम्हारा समर्थन करता हूं, तुम मुझे सहयोग देना की नीति पर अमल करती फिल्म इंडस्ट्री का घेरा इतना मजबूत होता है कि बाहर से आए कलाकारों को उसे भेदने के लिए भारी मेहनत करनी पड़ती है। क्या आप उम्मीद कर सकते हैं कि किसी बाहरी ऐक्टर को अभिषेक बच्चन जितने अवसर मिल पाते हैं? लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के लोग घाटा उठाकर बिरादरी के लड़कों को मौका नहीं देते। बहुत ही क्रूर तरीके से छंटाई भी चलती रहती है। चूंकि फिल्म निर्माण शुद्ध रूप से बिजनेस हो गया है, इसलिए उनमें ही निवेश किया जाता है, जिनसे मुनाफे की उम्मीद हो। फिलहाल हरमन बावेजा और इमरान खान ऐसी उम्मीद के रूप में दिख रहे हैं। दोनों की दूसरी फिल्में भी तैयार हैं और आगामी फिल्मों की बातचीत भी चल रही है। दोनों के पीछे फिल्म इंडस्ट्री के अनुभवी और सफल व्यक्ति हैं, जिनके अपने संबंध और प्रभाव भी कार्य कर रहे हैं। चार जुलाई को इन दोनों कलाकारों की चमक सुनिश्चित की जा रही है और हैरी बावेजा और आमिर खान रणनीति बना रहे हैं।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए पहली छमाही कोई सुखद समाचार नहीं ला सकी। न तो कोई फिल्म जबर्दस्त सफलता हासिल कर सकी और न ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से आए स्टारसन में कोई चमक दिखी। हाल ही में रिलीज हुई वुडस्टॉक विला में आए सिकंदर खेर को ढेर होते हमने देखा। उसके पहले मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह चक्रवर्ती अपनी पहली फिल्म जिम्मी में फुस्स साबित हुए। आश्चर्य की बात तो यह है कि दोनों ही नवोदित स्टारों को दर्शकों ने नोटिस नहीं किया। हालांकि दोनों के पास अभी एक-एक फिल्म है, लेकिन कहना मुश्किल है कि दूसरी फिल्मों में वे कोई जलवा बिखेर पाएंगे!
हां, चार जुलाई को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दो स्टार चमकने को तैयार हैं। लव स्टोरी 2050 से हैरी बावेजा के पुत्र हरमन बावेजा और जाने तू या जाने ना से आमिर खान के भतीजे इमरान खान की फिल्मों में एंट्री हो रही है। चार जुलाई को एक साथ रिलीज हो रही इन दोनों फिल्मों के मुख्य कलाकारों को फिलहाल भविष्य के स्टार के रूप में देखा जा रहा है। उनकी पहली फिल्म की रिलीज के पहले ही उनकी आने वाली फिल्में भी लगभग पूरी हो गई हैं। दोनों को लगातार फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं और ऐसा कहा जा रहा है कि अगर दोनों ने अपनी पहली फिल्म से दर्शकों को थोड़ा भी संतुष्ट किया, तो उनके घरों के आगे निर्माताओं की कतारें लग जाएंगी।
हिंदी फिल्मों के इतिहास में हमेशा से चार-पांच स्टारों की ही मांग सबसे ज्यादा रही है। आज भी वही स्थिति बनी हुई है, लेकिन एक फर्क जरूर आ गया है। पहले हर स्टार की साल में कम से कम चार-पांच फिल्में रिलीज हो जाया करती थीं, लेकिन इधर एक समय में एक फिल्म की शूटिंग करने की प्राथमिकता के कारण पॉपुलर स्टारों की बमुश्किल दो फिल्में ही आ पाती हैं। तीनों खानों के साथ अक्षय कुमार, रितिक रोशन, अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम की पिछली फिल्मों को याद करें, तो इस स्थिति को अच्छी तरह समझ सकते हैं। इन सभी में केवल अक्षय कुमार अकेले ऐसे स्टार हैं, जिनकी ज्यादा फिल्में आ रही हैं और उनमें से अधिकांश सफल भी हो रही हैं।
जाहिर-सी बात है कि इस परिदृश्य में आधे दर्जन स्टारों के सहारे दर्शकों के लिए सौ-सवा सौ फिल्मों की सालाना जरूरत पूरी नहीं की जा सकती! दरअसल, यही वजह है कि निर्माता-निर्देशक और फिल्मों के बड़े कॉरपोरेट हाउस भरोसेमंद स्टार के लिए तरस रहे हैं और इसीलिए किसी में थोड़ी संभावना दिखते ही सब उस पर टूट पड़ते हैं। अगर वह संभावना फिल्म इंडस्ट्री से उभर रही हो, तो उस पर निर्माता-निर्देशकों का भरोसा कुछ ज्यादा ही होता है।
फिल्म इंडस्ट्री के लोग जब इंटरव्यू में कहते हैं कि हमारी इंडस्ट्री एक परिवार की तरह है, तो दर्शक और इंडस्ट्री के बाहर के लोगों को हंसी आती है। खेमेबाजी और आगे बढ़ने की फिक्र में भले ही इंडस्ट्री के सदस्य एक-दूसरे के विरोध में नजर आएं, लेकिन यह एक ठोस सच्चाई यह भी है कि इंडस्ट्री में एक-दूसरे की मदद की पुरानी परंपरा रही है। मैं तुम्हारा समर्थन करता हूं, तुम मुझे सहयोग देना की नीति पर अमल करती फिल्म इंडस्ट्री का घेरा इतना मजबूत होता है कि बाहर से आए कलाकारों को उसे भेदने के लिए भारी मेहनत करनी पड़ती है। क्या आप उम्मीद कर सकते हैं कि किसी बाहरी ऐक्टर को अभिषेक बच्चन जितने अवसर मिल पाते हैं? लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के लोग घाटा उठाकर बिरादरी के लड़कों को मौका नहीं देते। बहुत ही क्रूर तरीके से छंटाई भी चलती रहती है। चूंकि फिल्म निर्माण शुद्ध रूप से बिजनेस हो गया है, इसलिए उनमें ही निवेश किया जाता है, जिनसे मुनाफे की उम्मीद हो। फिलहाल हरमन बावेजा और इमरान खान ऐसी उम्मीद के रूप में दिख रहे हैं। दोनों की दूसरी फिल्में भी तैयार हैं और आगामी फिल्मों की बातचीत भी चल रही है। दोनों के पीछे फिल्म इंडस्ट्री के अनुभवी और सफल व्यक्ति हैं, जिनके अपने संबंध और प्रभाव भी कार्य कर रहे हैं। चार जुलाई को इन दोनों कलाकारों की चमक सुनिश्चित की जा रही है और हैरी बावेजा और आमिर खान रणनीति बना रहे हैं।
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