बॉक्स ऑफिस:१३.०६.२००८
दोनों को पिटा ही मानिए
बाक्स आफिस पर भले ही सरकार राज का राज कायम नहीं हो सका, लेकिन राम गोपाल वर्मा के नाम पर आग और अन्य फ्लाप एवं बुरी फिल्मों के कारण जमी धूल थोड़ी साफ हुई। रामू सरकार राज में सरकार से आगे नहीं बढ़ सके। हां, उन्होंने यह जता दिया कि अभी वह चुके नहीं हैं और फिर से लौट सकते हैं। सरकार राज के प्रति फिल्म ट्रेड सर्किल में गर्माहट थी। बच्चन परिवार के तीन सदस्यों के कारण माना जा रहा था कि फिल्म को अच्छी ओपनिंग मिलेगी। पर हकीकत यह रही कि मुंबई में ओपनिंग का प्रतिशत दूसरे शहरों की तुलना में बेहतर रहने के बावजूद उम्मीद से कम था। आरंभिक दिनों में 50-60 प्रतिशत कलेक्शन साधारण फिल्म के लिए बेहतर कहा जा सकता है। सरकार राज के लिए यह प्रतिशत कम है।
मुंबई में मानसून की पहली बौछार से भी दर्शकों में कमी आई। अगले दिन शनिवार को दर्शक बढ़े, लेकिन रविवार से गिरावट आरंभ हो गई। फिर भी माना जा रहा है कि फिल्म मुंबई और महाराष्ट्र में औसत व्यापार कर लेगी।
राजकुमार गुप्ता की आमिर छोटी फिल्म थी। समीक्षकों ने उसकी खूब सराहना की। निर्माताओं ने फिल्म के प्रचार पर समुचित ध्यान नहीं दिया था, इसलिए दर्शक इसेदेखने ही नहीं गए। आमिर शीर्षक, नए अभिनेता राजीव खंडेलवाल और नए निर्देशक राजकुमार गुप्ता- तीनों में ऐसा आकर्षण नहीं था कि दर्शक सिनेमाघरों की तरफ जाएं। समीक्षकों की सराहना और दर्शकों की संस्तुति से अगले दिनों में फायदा हुआ, लेकिन ऐसी फिल्मों की प्राणवायु ही सीमित रहती है।
बाक्स आफिस पर भले ही सरकार राज का राज कायम नहीं हो सका, लेकिन राम गोपाल वर्मा के नाम पर आग और अन्य फ्लाप एवं बुरी फिल्मों के कारण जमी धूल थोड़ी साफ हुई। रामू सरकार राज में सरकार से आगे नहीं बढ़ सके। हां, उन्होंने यह जता दिया कि अभी वह चुके नहीं हैं और फिर से लौट सकते हैं। सरकार राज के प्रति फिल्म ट्रेड सर्किल में गर्माहट थी। बच्चन परिवार के तीन सदस्यों के कारण माना जा रहा था कि फिल्म को अच्छी ओपनिंग मिलेगी। पर हकीकत यह रही कि मुंबई में ओपनिंग का प्रतिशत दूसरे शहरों की तुलना में बेहतर रहने के बावजूद उम्मीद से कम था। आरंभिक दिनों में 50-60 प्रतिशत कलेक्शन साधारण फिल्म के लिए बेहतर कहा जा सकता है। सरकार राज के लिए यह प्रतिशत कम है।
मुंबई में मानसून की पहली बौछार से भी दर्शकों में कमी आई। अगले दिन शनिवार को दर्शक बढ़े, लेकिन रविवार से गिरावट आरंभ हो गई। फिर भी माना जा रहा है कि फिल्म मुंबई और महाराष्ट्र में औसत व्यापार कर लेगी।
राजकुमार गुप्ता की आमिर छोटी फिल्म थी। समीक्षकों ने उसकी खूब सराहना की। निर्माताओं ने फिल्म के प्रचार पर समुचित ध्यान नहीं दिया था, इसलिए दर्शक इसेदेखने ही नहीं गए। आमिर शीर्षक, नए अभिनेता राजीव खंडेलवाल और नए निर्देशक राजकुमार गुप्ता- तीनों में ऐसा आकर्षण नहीं था कि दर्शक सिनेमाघरों की तरफ जाएं। समीक्षकों की सराहना और दर्शकों की संस्तुति से अगले दिनों में फायदा हुआ, लेकिन ऐसी फिल्मों की प्राणवायु ही सीमित रहती है।
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