रामू और बच्चन परिवार के लिए मायने रखती है सरकार राज
रामगोपाल वर्मा की सरकार राज के साथ खास बात यह है कि यह उनकी बड़ी फ्लॉप रामगोपाल वर्मा की आग के बाद आ रही है। सच तो यह है कि फिलहाल सफलता को सलाम करने वाली फिल्म इंडस्ट्री ने रामू का नाम लगभग खारिज कर दिया है। हालांकि कभी उनके दफ्तर के बाहर संघर्षशील कलाकार और निर्देशकों की कतार लगी रहती थी। माना यह जाता था कि यदि रामू की फैक्ट्री का स्टाम्प लग जाए, तो फिल्म इंडस्ट्री में पांव टिकाने के लिए जगह मिल ही जाती है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उसी इंडस्ट्री में एक फिल्म के फ्लॉप होने के बाद रामू के पांव के नीचे की कालीन खींच ली गई है।
अब देखना यह है कि रामू सरकार राज के जरिए फिर से लौट पाते हैं या नहीं? सरकार राज के साथ दूसरी खास बात यह है कि इसमें बच्चन परिवार के तीन सदस्य काम कर रहे हैं, जबकि सरकार में केवल अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन थे। इस बार बहू ऐश्वर्या राय बच्चन भी हैं। गौरतलब है कि अभिषेक और ऐश्वर्या की शादी के बाद दोनों की साथ वाली यह पहली फिल्म होगी। कहा यह भी जा रहा है कि बच्चन परिवार के सदस्यों ने इस फिल्म में जोरदार अभिनय किया है।
उल्लेखनीय है कि रामू की सरकार सफल इसलिए भी हुई थी, क्योंकि वह एक चुस्त फिल्म थी। लोगों को फिल्म बांधे रखती थी और फिल्म में अमिताभ बच्चन का अभिनय भी उत्कृष्ट था। पूरी फिल्म दर्शकों को जंच गई थी। इसी आधार पर कहा जा रहा है कि सरकार राज की सफलता सुनिश्चित है। वैसे, अभिषेक बच्चन भी जोर देकर यही कह रहे हैं कि इस फिल्म से रामगोपाल वर्मा अपने आलोचकों को खामोश कर देंगे। गौरतलब बात यह है कि फिल्म सरकार राज पिछली फिल्म सरकार से आगे बढ़ती है। सरकार सुभाष नागरे के कामकाज को उनके बेटे शंकर नागरे ने अच्छी तरह से संभाल लिया है। शेपर्ड पॉवर प्लांट की सीईओ अनीता राजन आकर नागरे परिवार के सामने पॉवर प्लांट का प्रस्ताव रखती है। पहले सरकार साफ मना कर देते हैं, लेकिन शंकर उन्हें पॉवर प्लांट के फायदे बताता है, तो वे राजी हो जाते हैं। शंकर का पॉवर प्लांट का सपना साकार होने की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, तो इसी दौरान कई तरह की अड़चनें आ जाती हैं। विरोधी ताकतें सक्रिय हो जाती हैं और सत्ता का संघर्ष भयानक रूप ले लेता है। विरोधियों की कोशिश है कि राजनीतिक परिदृश्य से नागरे परिवार का नाम ही मिट जाए। फिल्म में कहा भी गया है कि सत्ता दी नहीं जाती, उसे लेना पड़ता है।
पिछली फिल्म सरकार में गीत लिखे थे संदीपनाथ ने और संगीत था बापी-टुटुल का। सरकार राज में भी गीतकार और संगीतकार ये लोग ही हैं और सरकार राज के गीत चाह भंवर तृष्णा.. को भी सरकार के गीत गोविंदा गोविंदा.. की तरह पसंद किया जा रहा है। फिल्म सरकार राज की रिलीज विभिन्न कारणों से टलती रही। अब सब कुछ ठिकाने पर है। यह जल्द ही थिएटर में पहुंच रही है। कहा जा रहा है कि इस फिल्म के प्रचार में बच्चन परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया है, क्योंकि उनके परिवार की प्रतिष्ठा से जुड़ गई है यह फिल्म। इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म सरकार राज की सफलता उनके परिवार के लिए खास मायने रखती है।
अब देखना यह है कि रामू सरकार राज के जरिए फिर से लौट पाते हैं या नहीं? सरकार राज के साथ दूसरी खास बात यह है कि इसमें बच्चन परिवार के तीन सदस्य काम कर रहे हैं, जबकि सरकार में केवल अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन थे। इस बार बहू ऐश्वर्या राय बच्चन भी हैं। गौरतलब है कि अभिषेक और ऐश्वर्या की शादी के बाद दोनों की साथ वाली यह पहली फिल्म होगी। कहा यह भी जा रहा है कि बच्चन परिवार के सदस्यों ने इस फिल्म में जोरदार अभिनय किया है।
उल्लेखनीय है कि रामू की सरकार सफल इसलिए भी हुई थी, क्योंकि वह एक चुस्त फिल्म थी। लोगों को फिल्म बांधे रखती थी और फिल्म में अमिताभ बच्चन का अभिनय भी उत्कृष्ट था। पूरी फिल्म दर्शकों को जंच गई थी। इसी आधार पर कहा जा रहा है कि सरकार राज की सफलता सुनिश्चित है। वैसे, अभिषेक बच्चन भी जोर देकर यही कह रहे हैं कि इस फिल्म से रामगोपाल वर्मा अपने आलोचकों को खामोश कर देंगे। गौरतलब बात यह है कि फिल्म सरकार राज पिछली फिल्म सरकार से आगे बढ़ती है। सरकार सुभाष नागरे के कामकाज को उनके बेटे शंकर नागरे ने अच्छी तरह से संभाल लिया है। शेपर्ड पॉवर प्लांट की सीईओ अनीता राजन आकर नागरे परिवार के सामने पॉवर प्लांट का प्रस्ताव रखती है। पहले सरकार साफ मना कर देते हैं, लेकिन शंकर उन्हें पॉवर प्लांट के फायदे बताता है, तो वे राजी हो जाते हैं। शंकर का पॉवर प्लांट का सपना साकार होने की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, तो इसी दौरान कई तरह की अड़चनें आ जाती हैं। विरोधी ताकतें सक्रिय हो जाती हैं और सत्ता का संघर्ष भयानक रूप ले लेता है। विरोधियों की कोशिश है कि राजनीतिक परिदृश्य से नागरे परिवार का नाम ही मिट जाए। फिल्म में कहा भी गया है कि सत्ता दी नहीं जाती, उसे लेना पड़ता है।
पिछली फिल्म सरकार में गीत लिखे थे संदीपनाथ ने और संगीत था बापी-टुटुल का। सरकार राज में भी गीतकार और संगीतकार ये लोग ही हैं और सरकार राज के गीत चाह भंवर तृष्णा.. को भी सरकार के गीत गोविंदा गोविंदा.. की तरह पसंद किया जा रहा है। फिल्म सरकार राज की रिलीज विभिन्न कारणों से टलती रही। अब सब कुछ ठिकाने पर है। यह जल्द ही थिएटर में पहुंच रही है। कहा जा रहा है कि इस फिल्म के प्रचार में बच्चन परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया है, क्योंकि उनके परिवार की प्रतिष्ठा से जुड़ गई है यह फिल्म। इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म सरकार राज की सफलता उनके परिवार के लिए खास मायने रखती है।
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